बीते साल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के मजबूत गढ़ माने जाने वाले इलाके में हुए तीन उपचुनावों में मिली भाजपा प्रत्याशियों की पराजय को भाजपा अब भी भूली नहीं है। यह पराजय तब हुई थी जबकि सरकार व संगठन ने पूरी ताकत झोंक दी थी। यही वजह है कि अब भाजपा ने इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव व अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर अभी से भाजपा ने उन्हें अपने निशाने पर ले लिया है। वैसे भी कांग्रेस की ओर से श्री सिंधिया को प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव प्रचार अभियान समिति का प्रमुख बनाया है। यही वजह है कि भाजपा के रणनीतिकारों ने अपने सभी बड़े नेताओं के दौरे उनके प्रभाव वाले इलाकों में करवाना शुरु कर दिए हैं। दरअसल बीते साल तीन उपचुनाव गुना – शिवपुरी संसदीय क्षेत्र में हुए थे, उनमें शामिल अटेर, कोलारस और मुंगावली में कांग्रेस ने जीत हासिल की थी। यही वजह है कि भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष बनते ही राकेश सिंह ने इस इलाके में संगठन को सक्रिय करने के लिए दौरा किया और इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडक़री ने संयुक्त दौरे कर 35 हजार करोड़ रुपए के विकास कार्यों का लोकार्पण व भूमिपूजन किया। मकसद साफ है कि आने वाले चुनाव में किसी भी सूरत में सिंधिया को मात देना। भाजपा सूत्रों के मुताबिक, पार्टी ने प्रदेश में विधानसभा चुनाव के साथ-साथ लोकसभा चुनाव की तैयारी भी शुरू कर दी है। इसी रणनीति के तहत पार्टी सबसे पहले उन क्षेत्रों पर फोकस कर रही है, जिन क्षेत्रों में कांग्रेस का कब्जा है। फिलहाल कांग्रेस के पास छिंदवाड़ा (कमलनाथ), रतलाम-आलीराजपुर (कांतिलाल भूरिया) और गुना-शिवपुरी (सिंधिया) लोकसभा क्षेत्र है। प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों में से बाकी 26 सीट पर भाजपा का कब्जा है।
पिछले साल अगस्त में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भोपाल के दौरे पर आए थे तो उन्होंने प्रदेश संगठन को साफ तौर पर निर्देश दिए थे कि कांग्रेस की ये तीनों सीट किसी भी हाल में छीननी है। इसी रणनीति के तहत हाईकमान उत्तरप्रदेश के मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह को तीनों क्षेत्रों की बागडोर सौंपी थी।
इसके बाद से ही संगठन के नेता और मंत्री लगातार सिंधिया के क्षेत्र में कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें कर रहे हैं। कुछ दिन पहले प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष राकेश सिंह ने भी गुना-शिवपुरी संसदीय सीट के कई विधानसभा क्षेत्रों का दौरा किया। पार्टी वहां लगातार विकास पर्व, विकास यात्रा और किसान सम्मेलन आयोजित कर रही है। गत सोमवार को सीएम और केंद्रीय मंत्री गडकरी ने भी एकसाथ दौरे कर विकास की कई योजनाओं का लोकार्पण किया। ये सारे प्रयास सिर्फ सिंधिया से सीट छीनने की रणनीति के तहत किए जा रहे हैं
घट रहा सिंधिया की जीत का अंतर
2014 के चुनाव में गुना-शिवपुरी संसदीय सीट पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भाजपा के जयभान सिंह पवैया को एक लाख 20 हजार 792 वोटों से हराया था। इससे पहले 2009 में हुए चुनाव में यही अंतर ढाई लाख वोटों का था। तब सिंधिया ने इसी सीट पर दो लाख 49 हजार 737 मतों से जीत दर्ज की थी। इस चुनाव में सिंधिया चार लाख 13 हजार 297 मत मिले थे, जबकि नजदीकी भाजपा उम्मीदवार डॉ. नरोत्तम मिश्रा को एक लाख 63 हजार 560 मत मिले थे। बीते चुनाव में कांग्रेस के खाते में सीट तो बरकरार तो रही, लेकिन जीत का अंतर काफी कम रहा।
तैयारी चल रही है
हम इस बार कांग्रेस की सभी सीटों को खासतौर से गुना और छिंदवाड़ा को हर हाल में जीतेंगे। उस दिशा में तैयारी चल रही है।
– डॉ. विनय सहस्रबुद्धे, प्रदेश प्रभारी मप्र