प्रदेश में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस द्वारा लाए जाने वाले घोषणा पत्र के लिए इन दिनों चिंतन व मनन का दौर जारी है। कांग्रेस अपने घोषणा पत्र को इसी पखवाड़े में 12 अगस्त तक तैयार कर लेने की कवायद में जुटी हुई है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि वर्तमान भाजपा सरकार एक लाख 80 हजार करोड़ रुपए के कर्ज में डूबी हुई है। इस स्थिति के चलते आने वाली सरकार को कर्ज मुक्ति के लिए व अपने वादों को पूरा करने में बेहद सख्त वित्तीय प्रबंधन के रास्ते पर चलना होगा। यही वजह है कि कांगे्रेस की घोषणा पत्र समिति जनता को वादे बताने के साथ ही उन्हें पूरा करने के लिए वित्तीय संसाधनों को जुटाने के रास्ते इसमें शामिल करने का प्रयास कर रही है।
दस्तावेज 15 अगस्त को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को सौंपा जाएगा। यही वजह है कि कांग्रेस का पूरा जोर इस बार अपने घोषणा पत्र में वादों और उनके लिए वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर है। उसकी सबसे बड़ी चिंता है कांगे्रस की सरकार बनने पर मौजूदा सरकार के एक लाख 80 हजार करोड़ के कर्ज से उबर कर वादों को पूरा करने के लिए राशि जुटाने के बारे में वोटरों का विश्वास अर्जित करना। कांग्रेस द्वारा मित्तव्ययिता की नीति घोषणा पत्र में शामिल किए जाने की संभावना है। इसमें यह भी बताया जाएगा कि सरकार कई ऐसी योजनाएं चला रही हैं जिनमें राशि का बड़ा हिस्सा भ्रष्टाचार में चला जाता है।
किस वर्ग से क्या कर सकती हैं कांग्रेस वादे
किसान – कर्ज माफी के साथ फसल बीमा, फसल की लागत की दोगुना कीमत दिलाने, समर्थन मूल्य के साथ बोनस देने का इंतजाम करने का वादा।
महिला- सुरक्षा के साथ महिलाओं को पुरुषों के बराबरी का दर्जा देने और स्कूल शिक्षा में 40 फीसदी पदों पर रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा।
युवा- रोजगार के अवसर पैदा करने के साथ प्रदेश के लोगों को ज्यादा संख्या में रोजगार दिलाने के नियम बनाना, कौशल संवर्धन पर ध्यान देना।
भ्रष्टाचार रोकने दंडात्मक प्रावधान का वादा
कांग्रेस के घोषणा पत्र में मौजूदा सरकार के भ्रष्टाचार के मामलों में पार्टी की सरकार बनने पर जांच कराने पर जोर रहेगा। यही नहीं भ्रष्टाचार पर नियंत्रण के लिए ऐसे नियम बनाने का दंडात्मक प्रावधान शामिल है। गुड गर्वनेंस पर कांग्रेस घोषणा पत्र में मौजूदा व्यवस्था ध्वस्त होने के हालात बताए जाएंगे। कांगे्रस सरकारी खर्च पर राजनीतिक आयोजनों का हवाला देगी और जनता से वादा करेगी कि वह सही अर्थों में गुड गर्वनेंस की स्थिति बनाएगी।
पूरे प्रदेश में पहुंची समिति
कांगे्रस ने दो महीने पहले घोषणापत्र समिति बनाई थी जिसने प्रदेश के क्षेत्रों को बांटकर काम किया। समिति के अध्यक्ष विस उपाध्यक्ष डॉ. राजेंद्र सिंह, उपाध्यक्ष विवेक तन्खा, मीनाक्षी नटराजन व नरेंद्र नाहटा संयोजक थे बाद में सात और सदस्यों की नियुक्ति हुई। समिति ने ग्वालियर से लेकर छिंदवाड़ा और मंदसौर से लेकर जबलपुर तक दौरे किए। करीब 100 से ज्यादा समूहों के साथ बैठकें हुई तथा लगभग इतने ही प्रतिनिधि मंडलों ने कांगे्रस घोषणा पत्र समिति से मुलाकात की।