तीन साल में प्री-पेड मीटर से मिलेगी बिजली, टेंडर हुआ जारी

बिजली चोरी और वसूली को लेकर परेशान सरकार ने अब इससे निजात पाने के लिए प्रदेश में प्री-पेड बिजली मीटर लगाने की तैयारी लगभग पूरी कर ली है। यह कदम केन्द्र सरकार के निर्देश के बाद उठाया जा रहा है। इसकी शुरुआत प्रदेश में पश्चिम क्षेत्र बिजली वितरण कंपनी द्वारा टेंडर की प्रक्रिया को शुरु कर दिया गया है। फिलहाल इसके लिए तीन तरह के प्री-पेड मीटरों का अध्ययन किया जा रहा है। सरकार हर हाल में लगाए जाने वाले प्री-प्रेड मीटर का मॉडल इसी साल फाइनल कर लेना चाहती है, जिससे की अगले तीन सालों में इस पर अमल किया जा सके। गौरतलब है कि केंद्र ने मध्यप्रदेश से तीन साल के भीतर प्री-पेड बिजली मीटर सिस्टम लागू करने के लिए कहा है। खास बात यह है कि इस सिस्टम के लागू होने से बिजली कंपनियों द्वारा कर्मचारियों पर किए जाने वाले खर्च में भी बचत होगी।
इन तीन मॉडलों का होगा अध्ययन
1. पूरी तरह प्री-पेड स्मार्ट मीटर के नए वर्जन में यह पूरी तरह प्री-पेड रहेगा। अभी वाले मीटरों को हटाकर नया प्री-प्रेड मीटर लगाना होगा। यदि बाद में कभी पोस्ट पेड सिस्टम लाना पड़ा तो इसे भी हटाना होगा। इसमें मीटर नंबर व उपभोक्ता क्रमांक से ही प्री-पेड शुल्क जमा हो जाएगा।
2. प्री व पोस्ट पेड : यह मॉड्यूल सिस्टम वाला स्मार्ट मीटर रहेगा। इसमें मीटर को आवाश्यकता के हिसाब से प्री-प्रेड और पोस्ट पेड में बदला जा सकेगा। कंपनी को लगता है कि प्री-पेड सिस्टम ठीक नहीं है तो वह भी उसे पोस्ट पेड में बदल देगी। उपभोक्ता भी अपनी मर्जी से ऑनलाइन आवेदन से ऐसा कर सकेंगे।
3. ऑटोमैटिक प्री-पोस्ट : इस पर मल्टीनेशल कंपनियां रिसर्च कर रही हैं। इसमें प्री-पेड मीटर के साथ सिक्योरिटी डिपोजिट के हिसाब से एक टाइम पीरियड व लिमिट अतिरिक्त मिलती है। प्री-पेड वाउचर खत्म होने पर अतिरिक्त लिमिट को इस्तेमाल कर सकते हैं, जिसका पोस्ट पेड बिल आएगा। इसमें लाइट एकदम बंद नहीं होती।
केंद्र को लिखा
केंद्रीय विद्युत एवं नवकरणीय ऊर्जा राज्यमंत्री आरके सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी लिखकर निर्देश दिए हैं कि तीन साल के भीतर प्री-पेड बिजली मीटर लगाए जाए। इसमें शहरी क्षेत्रों में स्मार्ट और ग्रामीण क्षेत्रों में स्मार्ट या सामान्य प्री-पेड बिजली मीटर लगाए जाएं। इसमें शहरी क्षेत्रों में स्मार्ट और ग्रामीण क्षेत्रों में स्मार्ट या सामान्य प्री-पेड मीटर लगाए जाएंगे। केंद्रीय मंत्री ने लिखा कि 31 दिसंबर 2018 तक सौभाग्य योजना में 3.70 करोड़ उपभोक्ताओं को बिजली से और जोड़ लेंगे। इतने उपभोक्ता अतिरिक्त बढ़ जाने की स्थिति में मीटर रीडिंंग करना बेहद मुश्किल हो जाएगा, इसलिए प्री-प्रेड मीटर लगें, ताकि मीटर रीडिंग की जरूरत न रहे और न बिल जमा होने पर कनेक्शन काटने के लिए जाना पड़े।