सडक़ हादसों में मौतों के लिए अफसरों ने बनाया अच्छी सडक़ों का अजीब बहाना

राज्य सरकार के तमाम प्रयासों से प्रदेश में सडक़ों की अच्छी स्थिति व सडक़ों की कनेक्टीबिटी बढऩे से जहां आम लोग खुश हैं, लेकिन सरकार के यही प्रयास अब अफसरों को शायद रास नहीं आ रहे हैं। दरअसल बीते कुछ समय से प्रदेश में सडक़ हादसों में वृद्धि हुई है। जब इसको लेकर शासन ने रोड सेफ्टी की बैठक में रिपोर्ट तलब की तो पुलिस अफसरों ने जो जानकारी दी वह हैरान कर देने वाली है। बैठक में दी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि सडक़ हादसों में वृद्धि की वजह है रोड नेटवर्क में वृद्धि , सडक़ों का अच्छा होना है। इस रिपोर्ट से मुख्य सचिव ने खास नाराजगी जताई है। खास बात यह है कि इस दौरान इस बात पर चिंता जाहिर की गई कि जब अन्य राज्यों में दुर्घटनाओं की संख्या कम हो रही है तो ऐसे में मप्र में वृद्धि क्यों हो रही है। इस रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट की समिति के समक्ष रखा जाएगा।
केन्द्र की बैठक में भी रखी जाएगी रिपोर्ट
सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में होने वाली वाली रोड सेफ्टी की महत्वपूर्ण बैठक 10 अगस्त को नई दिल्ली में होने वाली है। इस बैठक की तैयारियों के लिए प्रदेश में बीते कई माह में लगातार बैठकें हुई हैं। इसकी विस्तृत रिपोर्ट बनाकर केंद्रीय कमेटी के सामने भी रखा जाना है। बीते माह हुई इन बैठकों की रिपोर्ट तैयार कर 11 विभागों को भेजा गया तो उसमें चौकाने वाली जानकारी सामने आई। ताज्जुब इस बात की है कि बैठक के ही दौरान जब मुख्य सचिव बीपी सिंह ने अफसरों से पूछा कि अन्य राज्यों में जब हादसों में काफी कमी दर्ज की जा रही है तो ऐसे में प्रदेश में इतनी बढ़ोत्तरी क्यों हो रही है।
मौतों का कारण हेलमेट नहीं पहनना
रिपोर्ट में बताया गया है कि दो पहिया वाहनों के हादसों में मौत की घटनाएं हेलमेट नहीं पहनने की वजह से ज्यादा हो रही है। शहरों के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी हेलमेट नहीं लगाने की वजह से मौतों में इजाफा हुआ है। प्रत्येक जिलों की दुर्घटनाओं में मौत ज्यादा हो रही है। ऐसे में दो पहिया व चार पहिया वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
सख्त कार्रवाई करने के निर्देश
यह भी दिलचस्प आंकड़ा सामने आया है कि मप्र में हादसों के मुकाबले कार्रवाई काफी कम हुई है। ड्राइवरों के लाइसेंस निलंबित या निरस्त करने की काफी कम कार्रवाई हुई है। इस पर यह भी निर्णय हुआ कि मोटर व्हीकल एक्ट के अनुसार चालकों पर कठोर कार्रवाई की जाए, ताकि वे दोबारा गलती न करें। बार-बार दुर्घनाएं करने वाले चालकों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज करने के भी निर्देश दिए गए। इस दौरान ड्राइविंग लाइसेंस के लिए क्षेत्रीय व अतिरिक्त क्षेत्रीय जिला परिवहन अफसरों को पत्र भेजकर ऐसे चालाकों पर सख्त कार्रवाई कराने को भी कहा गया।
कितना बढ़ा रोड नेटवर्क कितने हुए हादसे दें रिपोर्ट
इस पर अफसरों ने तर्क दिया कि चूंकि मप्र की सडक़ काफी अच्छी हो गई है। सडक़ों की स्थिति बेहतर होने के साथ ही वाहनों की संख्या भी बढ़ी है। इस वजह से दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों में इजाफा हुआ है। हालांकि मुख्य सचिव ने इस पर नाराजगी जताते हुए रोड नेटवर्क के साथ ही दुर्घटनाओं में मौतों की संख्या की तुलनात्मक जानकारी तैयार करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जिन स्थानों पर सर्वाधिक हादसे होते हैं उनको चिन्हित कर वहां होने वाले हादसों की वजह को तलाशा जाए और इसकी विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर उसकी समीक्षा की जाए।