निजी जमीन पर आंगनबाड़ी बनवाकर किराए पर लेगी सरकार

प्रदेश में सरकारी भवनों के अभाव में अभी करीब साढ़े अठ्ठाइस हजार से अधिक आंगनबाडिय़ां किराए के मकानों में चल रही हैं। इनमें से अधिकांश तय मापदंडों पर खरा नहीं उतरती हैं। खास बात यह है कि सरकार द्वारा कराए जाने वाले भवन निर्माण के लिए तय स्थानों पर सरकारी जमीन नहीं मिल पा रही है। इस वजह से सरकार चाहते हुए भी आंगनबाडिय़ों के लिए भवनों का निर्माण नहीं करा पा रही है। इससे परेशान सरकार ने अब इसके लिए नई योजना पर काम करना शुरु कर दिया है। जिसके तहत निजी लोगों की जमीन पर अब सरकार अपने मानदंडों के हिसाब से भवन निर्माण करवाकर उसे लंबे समय के लिए अनुबंध के तहत किराए पर लेगी। नए भवनों में शौचालय किचन शेड के अलावा बच्चों के खेलने के लिए स्थान भी होगा। सरकार की मंशा इस नीति को चुनाव के पूर्व लाने की है। इस नीति में सरकार अनुदान का भी प्रावधान कर सकती है। यानी कि जमीन मालिक सरकारी मदद से आंगनबाड़ी भवन बनाकर सरकार को किराए पर देगा। इसके लिए जमीन मालिक से दीर्घकालीन अनुबंध किया जाएगा । इसकी वजह से जमीन मालिक को लंबे समय के लिए निश्चित आमदनी का जरिया मिल जाएगा। महिला एवं बाल विकास आयुक्त अशोक कुमार भार्गव का कहना है कि मामला शासन स्तर का है, इस वजह से उन्हें इसको लेकर कोई जानकारी नहीं है।
32.16 लाख की आबादी पर नहीं है कोई आंगनबाड़ी
सरकारी रिपोर्ट के अनुसार 32.16 लाख की आबादी आंगनबाड़ी से वंचित है। इनके बीच आंगनबाड़ी खोलने करीब 9950 स्थान तय किए हैं लेकिन सरकार को अपेक्षाकृत जमीन नहीं मिल पा रही है। सरकार भवन के निर्माण में बजट सहित अन्य दिक्कतें भी हैं। इस कारण ऐसे स्थानों पर निजी व्यक्तियों को रेडीमेड आंगनबाड़ी बनाकर देने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। सरकारी भवन बनाने से किनारा कर लिया जाएगा। इससे सरकार 28000 से ज्यादा आंगनबाड़ी किराये के भवनों में चल रही हैं। इन्हें भी शिफ्ट किया जा सकता है।