इस शख्स ने 9 साल पहले ही कर दी थी अटल बिहारी वाजपेयी के निधन की भविष्यवाणी, सच साबित हुई

वाजपेयी के एक दोस्त ने नौ साल पहले ही भविष्यवाणी कर दी थी कि उनका और अटल जी का निधन एक महीने के भीतर होगा।

इस शख्स ने 9 साल पहले ही कर दी थी अटल बिहारी वाजपेयी के निधन की भविष्यवाणी, सच साबित हुई
नई दिल्ली, 17 अगस्तः भारत के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का गुरुवार शाम को निधन हो गया। उन्होंने दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्वेदिक संस्थान (एम्स) में अंतिम सांस ली। उनकी उम्र 93 साल थी। लेकिन, बहुत कम लोगों को पता होगा कि वाजपेयी के दोस्त कवि गोपाल दास नीरज ने नौ साल पहले ही भविष्यवाणी कर दी थी कि उनका और अटल जी का निधन एक महीने के भीतर होगा। उनकी यह भविष्यवाणी सच साबित हो गई। दरअसल, दोपाल दास नीरज का पिछले महीने ही निधन हुआ था।
वाजपेयी को बताया था जिगर का टुकड़ा

गोपालदास के बारे में कहा जाता है कि वह न केवल एक प्रख्यात कवि और गीतकार थे बल्कि ज्योतिष शास्त्र के भी अच्छे जानकार थे। वाजपेयी और उनकी दोस्ती अटूट थी। मिली जानकारी के अनुसार, 27 जनवरी 2009 को पूर्व राष्ट्रपति आर वेंकटरमण का निधन हो जाने से गोपालदास दुखी थे और उन्होंने उस समय कहा था कि वेंकटरमण के हाथों ही उन्हें पद्मश्री दिया गया था। अटल जी और रमण को अपने जिगर का टुकड़ा बताया था।
दोनों के ऊपर था शनि का प्रभाव

दैनिक जागरण की रिपोर्ट के मुताबिक, नीरज ने बताया था कि उनकी और अटल जी की कुंडली के ग्रहों का चरित्र लगभग समान है और दोनों कुंडली में शनि देव खास किरदार अदा करेंगे और वह ही हम दोनों के महाप्रयाण का सबब बनेंगे। मृत्यु से कुछ साल पहले ही हम दोनों को गंभीर रोगों का सामना करना पड़ेगा। हालांकि बृहस्पति की कृपा से मेरे हाथ-पैर चलते रहेंगे, लेकिन अटल जी कोमा में चले जाएंगे। शनि के ही प्रभाव के कारण हम दोनों की मत्यु तीस दिन के अंतराल में होगी।
एम्स में ही हुआ था गोपाल दास नीरज का निधन

बता दें, दिल्ली के एम्स में 19 जुलाई 2018 को कवि और गीतकार गोपाल दास नीरज का  93 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था। कवि और गीतकार नीरज हिंदी साहित्य के बड़े शख्सियत में से एक थे। नीरज को उनके गीतों के लिए भारत सरकार ने 1991 में और 2007 में ‘पद्मश्री’ और ‘पद्म भूषण’ से सम्मानित किया था। उन्होंने हिंदी फिल्मों के लिए भी अनेक गीत लिखे और उनके लिखे गीत आज भी गुनगुनाए जाते हैं। हिंदी मंचों के प्रसिद्ध कवि नीरज को उत्तर प्रदेश सरकार ने यश भारती पुरस्कार से भी सम्मानित किया था।
वाजपेयी ने भी एम्स में ली अंतिम सांस

वहीं, इधर 16 अगस्त को अटल बिहारी वाजपेयी के निधन के बाद पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई। इस दुखद पल में सभी की आंखें नम हैं। उन्हें एम्स में जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया था। अटल बिहारी वाजपेयी को गुर्दा (किडनी) नली में संक्रमण, छाती में जकड़न, मूत्रनली में संक्रमण आदि के बाद 11 जून को एम्स में भर्ती कराया गया था। मधुमेह के शिकार 93 वर्षीय भाजपा नेता का एक ही गुर्दा काम करता था। अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को हुआ। अपनी प्रतिभा, नेतृत्व क्षमता और लोकप्रियता के कारण वे चार दशकों से भी अधिक समय से भारतीय संसद के सांसद रहे। इसके अलावा तीन बार भारत के प्रधानमंत्री पद पर भी सुशोभित हुए।