चार साल से निलंबित आईपीएस मयंक जैन को अनिवार्य सेेवानिवृत्ति

लोकायुक्त के छापे के बाद बीते चार सालों से निलंबित चल रहे वरिष्ठ आईपीएस मयंक जैन को आखिरकार अनिवार्य सेवानिवृत्ति प्रदान कर दी गई है। वे 1995 बैच के मप्र कैडर के आईपीएस अफसर हैं। उनके खिलाफ मिली शिकायतों की करीब डेढ़ माह की जांच के बाद लोकायुक्त पुलिस ने 15 मई 2014 को भोपाल, इंदौर, उज्जैन और रीवा स्थित ठिकानों पर एक साथ छापे की कार्रवाही करते हुए अनुपातहीन संपत्ति का खुलासा किया था। जिसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया था। करीब दो साल बाद राज्य सरकार ने उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को जनवरी 2016 में पत्र लिखा था। करीब दो साल के इंतजार के बाद भी जब कोई कार्रवाही नहीं हुई तो एक बार फिर राज्य सरकार ने इसी साल 3 मार्च स्मरण पत्र भेजा, जिसके बाद केंद्र सरकार ने 13 अगस्त को अनिवार्य सेवानिवृत्ति का आदेश जारी कर दिया। जैन के यहां 15 मई 2014 को एक साथ कई स्थानों पर मारे गए छापे में रिवेयरा टाउनशिप स्थित बंगले से 13 प्रॉपर्टी के दस्तावेज जब्त किए गए थे। छापे में लगभग 100 करोड़ की संपत्ति का खुलासा होने के बाद लोकायुक्त ने उनके विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया था।
यहां-यहां रहे पदस्थ
डॉ. जैन वर्ष 1995 बैच के आईपीएस अफसर हैं। भिंड, पीएचक्यू तथा इंदौर में बतौर सीएसपी, एसडीओपी नौकरी करने के बाद पहली बार उन्हें वर्ष 2001 में बड़वानी एसपी पदस्थ किया गया इसके बाद वे झाबुआ, सीधी, आरएपीटीसी, देवास, रतलाम में एसपी के पद पर रहे। वर्ष 2006 में उन्हें एसआरपी इंदौर बनाया गया है। वर्ष 2010 में वह डीआईजी उज्जैन बनाए गए थे।
पारिवारिक सदस्य हैं चिकित्सक
डॉ. जैन की पत्नी सपना स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं। वे भोपाल के नर्सिंग होम का काम वहीं संभालती हैं। साथ ही चिरायु मेडिकल कालेज में अस्सिटेंट प्रोफेसर हैं। मयंक के भाई अनुपम भी डॉक्टर हैं, जबकि पिता शीलचंद्र रीवा में नेत्र रोग विशेषज्ञ हैं। डॉ. मयंक एमबीबीएस में गोल्ड मेडिलिस्ट हैं। उन्होंने आर्थोपेडिक से मास्टर आफ सर्जरी की है। एमएस करने के बाद वे आईपीएस के लिए चयनित हुए थे।
छापे में कहां क्या मिला था
भोपाल- भोपाल में बीमाकुंज, कोलार रोड के सामने परफेक्ट प्लाजा में नर्सिंग होम, रिवेयरा टाउनशिप स्थित किराए के मकान से 90 हजार रुपए नगद और 15 लाख रुपए के जेवर। 25-25 हजार के 2 जर्मन शेफर्ड डॉग। महाबली नगर, कोलार रोड में तीन हजार वर्ग फीट का मकान।
इंदौर- एक शैक्षणिक संस्थान में पार्टनरशिप, झाबुआ में 6 एकड़ कृषि भूमि, डीएलएफ गार्डन सिटी, इंदौर और कंचन नगर, ओल्ड पलासिया में दो फ्लैट, राउखेड़ी, सांवेर में स्टोन क्रेशर और सीमेंट मिक्सिंग प्लांट।
उज्जैन- ओमेक्स सिटी में 3000 वर्ग फीट का प्लाट, चुरहट में मकान, नर्सिंग होम और 19 लाख नकद मिले। खरगोन व भीकनगांव में 45 एकड़ कृषि भूमि