प्रदेश में चुनावी संग्राम शुरू हो गया है। ऐसे में निष्पक्ष चुनाव कराने को लेकर चुनाव आयोग का शिकंजा उन अफसरों पर कसने लगा है जो जिलों में मैदानी पदस्थापना पाए हुए हैं। यह वे अफसर हैं जो नेताओं से रिश्तेदारी के दम पर जिलों में मैदानी पोस्टिंग संभाले हुए हैं। इनमें से कुछ अफसरों के रिश्तेदार विधानसभा चुनाव लडऩे की
तैयारी कर रहे हैं, तो कुछ नेता मौजूदा समय मे विधायक या फिर सांसद हैं। यही वजह है कि चुनाव आयोग इस तरह के कुछ अफसरों पर हटाने की कार्रवाही कर चुका है तो कुछ को हटाने की तैयारी कर रहा है। इसके बावजूद अभी भी कई अफसर ऐसे हैं जिन पर भाजपा के पक्ष में काम करने के आरोप लग रहे हैं।
ये अफसर हटाए जा चुके हैं
आईपीएस सिमाला प्रसाद को एसपी राजगढ़ पद से हटाया है। सिमाला भाजपा सांसद भागीरथ प्रसाद की बेटी हैं। वहीं, भिंड कलेक्टर आशीष कुमार को चुनाव आयोग के निर्देश पर हटाया गया है। आईएएस मुकेश कुमार शुक्ला को सतना और विधायक ममता मीणा के पति रघुवीर सिंह मीना को गुना से भी हटा दिया गया है। शुक्ला की भाजपा की मदद करने व मीना की पत्नी के विधायक होने की वजह से हटाया गया है।
यह है नियम
चुनाव आयोग की गाइडलाइन के मुताबिक फील्ड में तैनात अफसर चुनाव लडऩे वाले उम्मीदवार का रिश्तेदार नहीं होना चाहिए। ऐसा होने पर अफसर को संबंधित क्षेत्र से बाहर पदस्थापना करनी होगी।
यह अफसर हैं नेताओं के रिश्तेदार
विवेक राज केंद्रीय राज्यमंत्री वीरेंद्र खटीक के रिश्तेदार हैं। विवेक राज मूलत: असम कॉडर के आईपीएस अफसर हैं। केन्द्रीय राज्यमंत्री खटीक की सिफारिश पर ही आईपीएस विवेक को मध्यप्रदेश में पांच साल की प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ किया गया है। शुरुआत में विवेक को छतरपुर का एसपी बनाया गया था। केन्द्रीय राज्यमंत्री के संसदीय क्षेत्र में उनके रिश्तेदार को एसपी बनाए जाने के आरोप लगने के बाद उनका तबादला सिवनी जिले में किया था।
राज्यमंत्री विश्वास सारंग के साढू भाई आईपीएस अभिषेक राजन शिवपुरी में एएसपी हैं। वे यहां लंबे समय से पदस्थ हैं। कांग्रेस ने चुनाव आयोग को शिकायत कर कहा है कि आईपीएस राजन अपने रिश्तेदार सारंग के कहने पर भाजपा की मदद कर रहे हैं। चुनाव आयोग ने शिकायत की जांच के लिए गृह मंत्रालय को लिखा है।
यह भाजपा नेता व त्रिपुरा के राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी के बेटे प्रबल प्रताप सिंह के साढू हैं। फिलहाल वे छतरपुर एसपी के पद पर पदस्थ हैं। खन्ना हाल ही में राज्य पुलिस सेवा से आईपीएस में पदोन्नत हुए हैं। कांग्रेस का आरोप है कि आईपीएस खन्ना की पोस्टिंग राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी की सिफारिश पर होती रही है।
अविनाश लवानिया भोपाल नगर निगम कमिश्नर हैं। वे संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा के दामाद हैं। सिंहस्थ घोटाले के समय लवानिया उज्जैन में थे, तब उन पर उंगलियां उठ चुकी हैं।
इनका कहना है
हम आयोग से लंबे समय से शिकायत कर रहे हैं कि कई भाजपा नेताओं के रिश्तेदार अफसर मैदान में जमे हुए हैं। वे लोग भाजपा की मदद कर रहे हैं। चुनाव की निष्पक्षता प्रभावित होगी।
– बाला बच्चन, कार्यकारी अध्यक्ष, प्रदेश कांग्रेस