मंगल भारत सीधी
ब्यूरो राम बिहारी पांडे
सीधी में लोक कला का है अपार भंडारः केदार
लोक कला को पहचान दिलाने का होगा प्रयासः कलेक्टर
सीधी तीन दिवसीय सीधी लोक रंग महोत्सव में लोक कला कार्यक्रम का शुभारंभ सीधी विधायक पंडित केदारनाथ शुक्ला के मुख्य आतिथ्य में एवं कलेक्टर दिलीप कुमार , फिल्म अभिनेता सुरेन्द्र राजन, संजय उपाध्याय, निर्देशक मध्यप्रदेश नाट्य विद्यालय की उपस्थिति में किया गया। जिसमें मनबिसरा कोल लकोड़ा के दल द्वारा फाग व भगत, राजभान साहू रामपुर के दल द्वारा अहिरहाई नृत्य, रावेन्द्र सिंह बकवा के दल द्वारा शैला नृत्य, नन्हें घासी के दल द्वारा गुदुम्ब नृत्य की मन मोहक प्रस्तुति दी गई।
इस दौरान बसंत निरगुणे कला समीक्षक भोपाल डॉ सत्यदेव त्रिपाठी बनारस, प्रवीण गुंजन बेगूसराय बिहार, ऋषिकेष शुलभ पटना, डॉ रामनिहोर तिवारी, सन्तोष द्विवेदी उमरिया, शैलेन्द्र पाण्डेय बिहार आदि कला समीक्षकों के साथ अपर कलेक्टर डीपी वर्मन, डिप्टी कलेक्टर आर के सिन्हा, के के पाण्डेय सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग, के के पाण्डेय उपसंचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास सीधी, विजय द्विवेदी तहसीलदार गोपद बनास, गुरूदत्तशरण शुक्ला अध्यक्ष जनभागीदारी समिति, नीरज कुन्देर, रोशनी प्रसाद मिश्रा, नारेन्द्र ,आराधना पाण्डेय आदि उपस्थित रहे।
स्थानीय विधायक पंडित केदारनाथ शुक्ला ने कहा कि सीधी जिले में लोक कला का अपार भण्डार पूर्व से था। किन्तु उन्हें उचित अवसर नहीं मिल पाता था। इन्द्रवती नाट्य समिति ने गांव-गांव जाकर लोक कला व कलाकारों को एक सूत्र में बांधकर उन्हें मंच दिलाने का अभूतपूर्व कार्य किया है।
कलेक्टर दिलीप कुमार ने कहा कि लोक कला हमारी धरोहर है इसे संरक्षित करने का हर संभव प्रयास किया जायेगा। ताकि उनकों उचित पहचान व सम्मान मिल सके और वह कलाकार के रूप में पहचाने जायें।
आयोजन समिति इन्द्रवती नाट्य समिति व जिला प्रशासन के द्वारा देश भर से आये कला समीक्षकों व लोक कलाकारों का साल श्रीफल से सम्मान किया गया।
महोत्सव के दूसरे दिन लोक कलाकार रामावतार मिश्रा एवं समूह द्वारा रामचरित मानस,
अविनाश तिवारी एवं समूह द्वारा रामलीला पात्र अभिनय, रामदास यादव एवं समूह द्वारा लोकनृत्य अहिराई लाठी, बाल कलाकार मान्या पाण्डेय हरिश्चन्द्र मिश्रा द्वारा संस्कार गीत, जवाहरलाल पनिका एवं समूह द्वारा सैला लोक नृत्य, दुलारे घासिल एवं समूह द्वारा लोकनृत्य कर्मा की मनमोहक प्रस्तुति दी गई।
नाटक नरकासुर का हुआ मंचन- लोकरंग महोत्सव के पहले दिन मानस भवन में नाटक नरकासुर का मंचन हुआ जिसमें नरकासुर के जीवन चरित्र, प्रकृति प्रेम, उसके संहार, और नरकुइ नदी की उत्पत्ति को बहुत सुंदर तरीके से उसके रचनाकार एवं निर्देशक नरेन्द्र कुंदेर ने चित्रित किया है। सीधी के शिवनारायण कुंदेर नरकासुर के पात्र को जीवंत कर दिया।