मुख्यमंत्री ने फिर दिखाया सख्त रुख.
किसान पुत्र होने की वजह से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद उनकी समस्याओं को बखूबी जानते हैं। यही वजह है कि अपने हर कार्यकाल में उनके द्वारा किसान हितैषी योजनाएं न केवल बनाई जाती रही हैं, बल्कि उन्हें लागू करने में भी पूरा फोकस बना रहा है। इस मामले में अगर कहीं कोई लापरवाही होती है तो फिर वे कार्रवाई करने में भी पीछे नहीं रहते हैं। ऐसा ही एक बार फिर बीते रोज देखने को मिला है। दरअसल मुख्यमंत्री तक शिकायतें आ रही थी , की गेहूं खरीद का कुछ जिलों में अब तक पैसा किसानों के खातों में नहीं पहुंचा है। इसके बाद तो सीएम का रुख बेहद सख्त हो गया। उन्होंने अफसरों से साफ कर दिया कि किसानों के काम में लेतलाली बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने साफ कह दिया कि किसानों को उनकी उपज का भुगतान एक हफ्ते में हो जाना चाहिए। इस मामले में किसी भी स्थिति में देरी स्वीकार नहीं की जाएगी। इसी तरह से मुख्यमंत्री ने वनाधिकार पट्टे के प्रकरणों का निराकरण जन सेवा अभियान में करने के निर्देश देते हुए सभी लंबित प्रकरणों के निराकरण की समय-सीमा भी 31 मई तक की तय कर दी है। मुख्यमंत्री चौहान ने बीते रोज वर्चुअली चर्चा कर विभिन्न जिलों के आवेदकों की लंबित समस्याओं का ऑनलाइन समाधान भी कराया। इस दौरान उनके द्वारा काम में लापरवाही बरतने वाले अफसरों व सरकारी कर्मचारियों पर कार्रवाई के भी निर्देश दिए गए हैं। अहम बात यह है कि मुख्यमंत्री ने श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले विभाग, जिलों और सीएम हेल्पलाइन में दर्ज शिकायतों का शत- प्रतिशत निराकरण करने वाले अधिकारियों को बधाई दी, तो वहीं खराब प्रदर्शन वाले जिलों को अपना परफॉर्मेंस सुधारने की नसीहत भी दी।
इन शिकायतों का भी हुआ निराकरण
टीकमगढ़ के ध्रुव कुमार की केवाईसी और डीटी संबंधी शिकायत का निराकरण किया गया। नर्मदापुर के कोमल पटेल की भूमि के सीमांकन में विलंब के मामले में तत्कालीन तहसीलदार की दो वेतनवृद्धि रोकने के निर्देश मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए हैं। यही नहीं इस मामले में संबंधित राजस्व निरीक्षक और रीडर को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के भी निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने जन सेवा अभियान में प्रदेश में लंबित सभी अविवादित प्रकरण के निराकरण के निर्देश दिए हैं। सागर के कल्लू साहू सतना के अनिल कुमार तथा छतरपुर के सुरेन्द्र पटेल के मामलों का भी इस दौरान निराकरण किया गया।
सीएम हेल्पलाइन में दर्ज प्रकरणों के निराकरण में 87.71 अंक प्राप्त कर ऊर्जा विभाग पहले स्थान पर रहा है। इसी रेटिंग में खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग 7. 58 अंक के साथ दूसरे, गृह विभाग 06.29 अंक लेकर तीसरे ,परिवहन विभाग 4.73 अंक के साथ चौथे और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग 3.87 अंक के साथ पांचवें स्थान पर रहा। शिकायतों के निराकरण में उच्च प्रदर्शन वाले जिलों में समूह अ में सीहोर, उज्जैन, जबलपुर और इंदौर ने भी बाजी मारी तथा समूह श्रेणी में शाजापुर , रतलाम, हरदा, बुरहानपुर और धार ने भी अच्छा प्रदर्शन किया है। मुख्यमंत्री ने ऊर्जा विभाग कटनी में पदस्थ कनिष्ठ अभियंता सुनील कुमार सिंह, खण्डवा में पदस्थ खाद्य, नागरिक आपूर्ति विभाग के कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी प्रदीप कुमार मिश्रा और मुरैना में पदस्थ सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सहायक प्रबंधक वैदेही शरण सिंह जादौन की आमजन की संतुष्टि शत-प्रतिशत बनाए रखने के लिए पीठ भी थपथपाई।
अस्पताल को आयुष्मान योजना से किया बाहर
सिंगरौली जिले की ग्राम पंचायत बढिय़ा निवासी रामधारी विश्वकर्मा का आयुष्मान कार्ड के होते हुए निजी अस्पताल में इलाज के दौरान पहले राशि जमा कराने के मामले में मुख्यमंत्री ने अस्पताल को योजना से बाहर करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आपराधिक प्रकृति का प्रकरण है, इसमें हर हाल में कार्रवाई की जाए। धार के दिनेश परमार ने वाहन के रजिस्ट्रेशन कार्ड प्राप्त करने में हुए विलंब की शिकायत की जिस पर मुख्यमंत्री ने वाहन रजिस्ट्रेशन और रिक्यूल में तकनीकी कारणों से दिक्कतों का तत्काल निराकरण कर लंबित प्रकरणों का हर हाल में 15 जून तक निकाल करने के भी निर्देश दिए हैं।
इसी तरह से भोपाल निवासी महिला शैलजा शहाणे ने अपने पति के पेंशन प्रकरण की शिकायत करते हुए बताया कि एक मई 2023 को पीपीओ जारी हो चुका है, लेकिन अब तक भुगतान नहीं हुआ है। मुख्यमंत्री ने प्रकरण में देरी के लिए लिए दोषी अधिकारी की जवाबदारी तय कर सख्त कार्रवाई करने को कहा है। इसी तरह से मंडला के सुखचेन ने बताया कि वनाधिकार पट्टे के लिए 2018 में आवेदन किया था, पात्र होने के बाद भी पट्टा जारी करने में विलंब हुआ। लगभग 5 वर्ष बाद वनाधिकार पट्टा जारी किया गया। मुख्यमंत्री ने प्रकरण में अपर मुख्य सचिव वन को विलंब के लिए जिम्मेदारी तय कर एक हफ्ते में जानकारी प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। दमोह निवासी दिव्यांग नितिन साहू आईटीआई उज्जैन के छात्र हैं, उनके द्वारा लैपटॉप के लिए सामाजिक न्याय विभाग में आवेदन किया गया था। जून 2022 में सीएम हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज हुई। आवेदक को मई 2023 में लैपटॉप प्राप्त हुआ। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि यह स्पष्ट किया जाये कि लेपटॉप प्रदाय में इतना विलंब क्यों हुआ। मुख्यमंत्री ने एक हफ्ते में जिम्मेदारी तय करने के निर्देश भी दिए.