प्रधानमंत्री ने 3 जुलाई को बुलाई मंत्रिपरिषद की बैठक.
भोपाल/मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। नई दिल्ली में दो दिनों के मंथन के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तीन जुलाई को केंद्रीय मंत्रिपरिषद की बैठक बुलाई है। इसी के साथ ही एक बार फिर से मंत्रिपरिषद में संभावित फेरबदल की अटकलें तेज हो गईं। माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव को देखते हुए टीम मोदी में मप्र का दबदबा बढ़ सकता है। गौरतलब है कि इसी साल के अंत में मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं । मध्य प्रदेश से अभी पांच मंत्री मोदी सरकार में हैं। भाजपा सूत्रों का कहना है कि विधानसभा चुनाव को देखते हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल में नए चेहरे शामिल किए जा सकते हैं। इस संदर्भ में गत दिनों प्रधानमंत्री मोदी के आवास पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह,भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत कई पार्टी पदाधिकारियों के बीच चर्चा हो चुकी है। इस बैठक में जेपी नड्डा की भागीदार के साथ ही अटकलें तेज हो गईं कि राज्य स्तर सहित सरकार और भाजपा संगठन में कई बदलाव हो सकते हैं। पिछले कुछ दिनों से अमित शाह, जेपी नड्डा और संगठन महासचिव बीएल संतोष ने संगठनात्मक और राजनीतिक मुद्दों पर कई दौर की चर्चा की है।
मप्र को मिल सकते है दो और मंत्री
गौरतलब है की भाजपा के मिशन 2024 में मप्र की बड़ी भूमिका होगी। इसलिए इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा मप्र में बड़ी जीत चाहती है। इसके लिए भाजपा हर वर्ग को साधने में जुटी है। इसी बीच, केंद्रीय कैबिनेट के विस्तार की अटकलों के बीच मप्र से कुछ नेताओं को जगह मिलने और कुछ को वापस भेजकर संगठन की जिम्मेदारी देने की चर्चा तेज हो गई है। इसमें आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए क्षेत्रीय और जातीय संतुलन को बनाए रखने की कोशिश होगी। प्रदेश से अभी केंद्र में नरेंद्र सिंह तोमर, ज्योतिरादित्य सिंधिया, प्रह्लाद पटेल, फग्गन सिंह कुलस्ते, वीरेद्र खटीक ये पांच मंत्री हैं। इनके अलावा केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और एल. मुरुगन भी प्रदेश से राज्यसभा सदस्य हैं, लेकिन वे यहां के रहने वाले नहीं हैं। इनको मिलाकर मप्र से केंद्र में मंत्रियों की संख्या सात है। प्रदेश के ग्वालियर-चंबल से दो मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और ज्योतिरादित्य सिंधिया हैं। वहीं, बुंदेलखड से प्रह्लाद पटेल और वीरेंद्र खटीक मंत्री हैं। इसके अलावा महाकौशल से फग्गन सिंह कुलस्ते मंत्री हैं। केंद्रीय कैबिनेट के विस्तार की अटकलों के साथ प्रदेश में क्षेत्रीय और जातिगत समीकरण साध कर प्रदेश से दो नए चेहरों को मौका मिलने की चर्चा तेज हो गई है। वहीं, एक मंत्री को संगठन के काम में लगाने के लिए हटाया जा सकता है।
समीकरणों को साधने पर फोकस
भाजपा सूत्रों का कहना है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार में क्षेत्रीय जातीय समीकरणों के साथ ही वर्तमान स्थिति का आंकलन कर प्रतिनिधित्व दिया जाएगा। जानकारों का कहना कि भाजपा महाकौशल में कमजोर है। वहीं, विंध्य की अनदेखी करने से जनता नाराज है। इसके लिए प्रदेश के साथ ही केंद्रीय नेतृत्व विंध्य और महाकौशल में जोर लगा रहा है। ऐसे में चर्चा है कि प्रदेश में बुंदेलखंड से मंत्री ओबीसी सांसद प्रह्लाद पटेल, अनुसूचित जाति सांसद वीरेद्र खटीक में से किसी एक को हटाया जा सकता है। यदि प्रहलाद पटेल को हटाया जाता है तो उनको संगठन में बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। इनकी जगह पर विंध्य से सांसद गणेश सिंह या देवास से सांसद महेंद्र सिंह सोलंकी को संगठन में लिया जा सकता है। इसके अलावा यह भी चर्चा है कि महाकौशल से राकेश सिंह को भी केंद्र में जगह मिल सकती है।