“तीन रुपए सालाना आमदनी!” — सतना के कोठी तहसील का आय प्रमाण पत्र बना मज़ाक, सिस्टम की संवेदनहीनता उजागर

“तीन रुपए सालाना आमदनी!” — सतना के कोठी तहसील का आय प्रमाण पत्र बना मज़ाक, सिस्टम की संवेदनहीनता उजागर

दिनांक: 22 जुलाई 2025
रिपोर्ट: मंगलभारत न्यूज़ पोर्टल टीम

क्या कोई परिवार साल भर में सिर्फ तीन रुपये कमाता है?
सुनकर अजीब लगे, मगर मध्यप्रदेश शासन के एक अधिकृत आय प्रमाण पत्र ने यही प्रमाणित कर दिया है।

जिले सतना की कोठी तहसील से जारी इस आय प्रमाण पत्र में, श्री रामस्वरूप पिता श्री श्याम लाल, निवासी नायगवाँ, की वार्षिक आय को सिर्फ तीन रुपये दर्शाया गया है — वो भी शब्दों में लिखकर यह पुष्टि की गई कि यह कोई टाइपो नहीं, सरकारी गंभीरता का प्रतीक है!

प्रमाण पत्र में लिखा है:

> “वार्षिक आय रुपये 3 (शब्दों में तीन रुपये मात्र)”
प्रमाण पत्र क्रमांक: RS/429/0111/47635/2025 | दिनांक: 22/07/2025
जारीकर्ता: तहसीलदार कोठी, जिला सतना

यह सिर्फ एक प्रमाण पत्र नहीं, व्यवस्था पर प्रश्नचिह्न है

इस प्रमाण पत्र ने पूरे सरकारी तंत्र की कार्यान्वयन क्षमता, डेटा वैरिफिकेशन सिस्टम, और ऑन-ग्राउंड जांच प्रक्रिया की गंभीर खामियों को उजागर कर दिया है।

सवाल उठता है:

क्या यह प्रमाणपत्र केवल कागजों में खानापूर्ति का उदाहरण है?

क्या बिना सत्यापन के ऐसे प्रमाण पत्रों से योजनाओं का दुरुपयोग और न्यायिक प्रक्रिया की अवमानना नहीं हो रही?

और अगर वाकई यह सत्य है — तो ऐसा परिवार भूखमरी की कगार पर नहीं तो क्या है?

प्रशासन क्या जवाब देगा?

इस मामले ने तहसील और जिला प्रशासन दोनों को कटघरे में खड़ा कर दिया है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि तहसीलदार श्री सौरभ द्विवेदी द्वारा जारी इस प्रमाण पत्र पर प्रशासन क्या कार्रवाई करता है —

क्या यह एक तकनीकी भूल थी या फिर जमीनी हकीकत की भयावह तस्वीर?

जनता पूछ रही है:

“अगर सिस्टम की नजर में तीन रुपये कमाने वाला परिवार भी है, तो फिर गरीबों के लिए चलाई जा रही योजनाएं आखिर किन तक पहुंच रही हैं?”