भोपाल। प्रदेश में आदिवासी एवं अनुसूचित जाति वर्ग में हित मेंं संचालित योजनाओं को अब आधार से लिंक करने की तैयारी हो रही है। यह व्यवस्था लागू करने से पहले प्रदेश के 2 करोड़ से ज्यादा एससी-एसटी वर्ग के लोगों के बैंक, खाते, पैनकार्ड आधार से लिंक होंगे। इसके लिए प्रदेश के 20 जिलों में आदिवासियों के आधार अपडेट करने के लिए आधार केंद्र खोले जाएंगे। इसके लिए जनजातीय कार्य विभाग ने 1010 शाला एवं कार्यालयों का चयन कर लिया है। जिसके लिए 1010 कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है।
भारत शासन एवं राज्य शासन की विभिन्न योजनाओं में डीबीटी को अनिवार्य करने के चलते यह आवश्यक हो गया है कि सभी हितग्राहियों के पास आधार नंबर हों तथा उनके बैंक अकाउंट आधार से लिंक हों। यूआईडीएआई द्वारा निजी संस्थाओं एवं कियोक्स के माध्यम से आधार एनरॉलमेंट एवं आधार में जानकारी अद्यतन रखने का काम बंद करने से प्रदेश में आधार केंद्रों की संख्या घट गई थी। इसके चलते व्यक्तियों को आधार संबंधी कार्य करने में परेशानी हो रही थी। विभाग द्वारा अपने अधीनस्थ कार्यालयों तथा संस्थाओं में 1010 आधार एनरॉलमेंट एवं अपडेशन केन्द्र स्थापित करने के लिए भारत शासन के जनजातीय कार्य मंत्रालय को 10 करोड़ का प्रोजेक्ट भेजा गया था जो भारत शासन के द्वारा संविधान की धारा 275(1) के अंतर्गत स्वीकृत कर दिया गया है।
प्रदेश के 20 जनजातीय जिलों में विभाग की सभी संकुल शालाओं, विकासखंड कार्यालयों तथा जिला कार्यालयों में यह केन्द्र शीघ्र ही स्थापित किये जा रहे हैं। अन्य जिलों में जनजातीय/अनुसूचित जाति विभाग के जिलाधिकारी के कार्यालय में तथा संभागीय कार्यालय में आधार एनरॉलमेंट केन्द्र स्थापित किए जाएँगे। मध्यप्रदेश स्टेट इलेक्ट्रॉनिक डॅवलपमेंट कॉरपोरेशन के माध्यम से आधार किट क्रय करने की कार्रवाई शुरू की गई है। विभाग द्वारा 1010 कर्मियों का चिन्हांकन भी कर लिया गया है, जिन्हें जिले के केन्द्रों के माध्यम से आधार किट के संचालन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। विभाग में आधार एनरॉलमेंट केन्द्र स्थापित करने से प्रदेश के जनजाति एवं अनुसूचित जाति वर्ग को डीबीटी के माध्यम से विभिन्न हितग्राही मूलक योजनाओं की राशि सरलता से प्राप्त हो जाएगी।