सट्टा बाजार में मप्र व छग में भाजपा व राजस्थान में कांग्रेस पर दांव

मध्यप्रदेश में सत्ता पाने कांग्रेस भले ही पूरा जोर लगा रही हो, मगर सट्टा बाजार में भाव भाजपा पर ही ज्यादा है। पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में भी भाजपा की ही सरकार सटोरिये बना रहे हैं। राजस्थान में जरूर कांग्रेस पर सबसे ज्यादा दांव है। अभी पार्टियां आगामी विधानसभा चुनावों के लिए अपने उमीदवारों के चयन को लेकर माथापच्ची कर रही हैं उधर, सट्टेबाज भी सक्रिय हैं। अगर सट्टा बाजार के ट्रेंड की बात करें एमपी और छत्तीसगढ़ के लिए भाजपा पर लग रहे रेट संकेत दे रहे हैं कि पार्टी तमाम मुश्किलों के बाद भी वापसी कर सकती है।


सट्टेबाजों के अनुसार, अगर कोई श स भाजपा पर 10 हजार रुपए लगाता है और अगर पार्टी फिर से सत्ता में आती है तो उसे 11 हजार रुपए मिलेंगे। वहीं, अगर कांग्रेस पर कोई 4,400 रुपए लगाता है और अगर कांग्रेस की सत्ता में लौटती है तो उसे 10 हजार रुपए मिलेंगे। मतलब साफ है कि कांग्रेस पर सट्टा लगाने वालों को ज्यादा फायदा मिल सकता है लेकिन सट्टेबाजों का मानना है कि इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की वापसी मुश्किल लग रही है। भाजपा पर सट्टा लगाने वालों का प्रॉफिट मार्जिन कम है क्योंकि सट्टेबाजों का मानना है कि भाजपा पर ज्यादा लोग सट्टा लगाएंगे।
करोड़ों का लगता है सट्टा
बता दें कि हर चुनाव में करोड़ों रुपए का सट्टा लगता है। फोन, वेबसाइट और ऑनलाइन मोबाइल अप्लीकेशन के जरिए सट्टा लगते हैं। इसके कारण पुलिस के लिए इस रैकेट को पकड़ पाना मुश्किल हो जाता है। अधिकारियों ने बताया कि ऑनलाइन सट्टा रैकेट को पकडऩा मुश्किल होता है क्योंकि यह एक जगह से दूसरे जगह मूव करते रहते हैं। ऑनलाइन सट्टेबाजी मूविंग कार, कैफे या शहर के पब्लिक प्लेस से भी संचालित किया जा सकता है। भोपाल में हर रोज सट्टेबाजी से संबंधित तीन मामले दर्ज हो रहे हैं। सट्टा बाजार में अभी क्रिकेट से ज्यादा चुनाव को लेकर क्रेज है।