दीवाली पर दुख से पर्दा हटाती खबर । चुरहट बाईपास की मुआवजा अनियमितता ने उदास की चुरहट की दीवाली ।

दीवाली पर दुख से पर्दा हटाती खबर ।

चुरहट बाईपास की मुआवजा अनियमितता ने उदास की चुरहट की दीवाली ।

फीकी और उदास हुई बाईपास चुरहट भू अर्जन से प्रभावित किसानों की दीवाली।

पूरी तरह से खुलेआम प्रशासनिक गठजोड़ बनाकर किये जाने वाले भ्रष्टाचार का शिकार हुआ नेशनल हाइवे बाईपास चुरहट से संबंधित एक भी शिकायत का आज तक किसी भी बड़े प्रशासनिक स्तर से कोई निराकरण नहीं हुआ सिवाय कुछ लोगों को अवार्ड की कॉपी दिलाने के कमिश्नर कार्यालय से आदेश के अलावा।

हास्यास्पद तो यह है कि तहसील चुरहट भ्रष्टाचार का इस तरह केंद्र बनी हुई है कि खुद के मुआवजे के अवार्ड की कॉपी के लिए भी लोगों को कमिश्नर कार्यालय गुहार लेकर जाना पड़ा था।
एक किसान दिवाकर सिंह से नायब तहसीलदार चुरहट ने 10 हजार रुपये ले लिए इस्तलावी के और अब और मांग रहे हैं , इसकी शिकायत भी कमिश्नर रीवा के पास पहुंची है।

इस भू अर्जन में पारदर्शिता तो दूर ,लोगों के सही सही मुआवजे बनाना तो दूर , लोगों के खातों में पैसे तक ठीक से नहीं डाले गए है ।

जमीन के अधिग्रहीत हो जाने से निर्माण कंपनी ने उसे अपने कब्जे में ले लिया है तो 2 वक्त की रोटी तक के लिए अनाज उगाने के हक से भी वंचित रह गए किसान।

जिन्हें थोड़ा बहुत मुआवजा कुछ ले देकर या सामान्य रूप से मिला है वो इस भय से डरी हुई दिवाली मनाएं कि उनका बाकी का मुआवजा कोई लल्ली देवी की तरह न डकार जाए।

लल्ली देवी की दिवाली उसकी बेटियों से दूर , 1.75 करोड़ रुपये में से कुछ सौ या कुछ हजार रुपयों के साथ मनेगी। महज कुछ दिनों में उसके खाते से लाखो कहाँ गए कोई नहीं जानता।

जिनकी जमीन पहले से डायवर्टेड थीं उनकी तो सामान्य लिख दीं और जिनकी हाल ही में हुई उनकी डायवर्टेड थीं उनमे से कुछ कृपापत्रों को डायवर्टेड का मुआवजा।

जिनके प्रकरण लंवित थे उन्हें करोड़ों और जिनका दानापानी छिन गया उन्हें कुछ नहीं।

भ्रष्टाचार के इस भू अर्जन में 6 जनवरी 2018 को 3D का प्रकाशन और 9 जनवरी 2018 को अवार्ड पारित कर दिया, उसके बाद भी सिर्फ अपने कृपापात्रों की शिकायत ग्रहण की गई।

अवार्ड की नकल के लिए , लोगों को नाकों चने चबाने पड गए।
हद तो इस बात से है कि प्रजातांत्रिक इस देश मे अफसरशाही का यह ऐसा गठजोड़ सामने आया जिसमें से सब कुछ सामने गलत होता सबको दिख रहा है लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हो रही।

अब ऐसे में लोगों की दीवाली तो दुख और भय से हुई बीती
इस भू अर्जन का चुनाव पर भी असर आएगा इसकी संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता है।