आपराधिक रिकॉर्ड सार्वजनिक नहीं करने वाले उम्मीदवारों पर होगी कार्रवाई

नई दिल्ली निर्वाचन आयोग ने कहा कि चुनाव प्रक्रिया के दौरान अपने आपराधिक रिकॉर्ड बताने वाले विज्ञापन नहीं देने वाले उम्मीदवारों को अदालत की अवमानना का सामना करना पड़ सकता है। इतना ही नहीं, अपने प्रतिद्वंद्वियों के गलत आपराधिक रिकॉर्ड प्रकाशित कराने वालों के खिलाफ भ्रष्ट तरीकों का इस्तेमाल करने के लिए जुर्माना भी लगाया जा सकता है।


सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद चुनाव आयोग ने 10 अक्तूबर को सभी चुनाव मैदान में उतरने वाले सभी उम्मीदवारों के लिए अनिवार्य कर दिया कि पूरी चुनाव प्रक्रिया के दौरान वे अपने आपराधिक रिकॉर्ड कम से कम तीन बार टीवी चैनल और अखबारों में प्रसारित व प्रकाशित करें।

यह निर्देश नवंबर-दिसंबर में मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मिजोरम और तेलंगाना में होने वाले विधानसभा चुनावों से लागू होंगे। निर्देशों के अनुसार, राजनीतिक दलों को भी अपने उम्मीदवारों का आपराधिक रिकॉर्ड प्रकाशित करना होगा। जिन उम्मीदवारों का आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है या जिनके खिलाफ कोई मुकदमा नहीं चल रहा है, उन्हें ऐसा विज्ञापन देने की जरूरत नहीं है।