नई दिल्ली केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने 2019 के लोकसभा चुनाव में नहीं उतरने का फैसला किया है। बीजेपी की सीनियर नेता ने भोपाल में यह बात कही। उन्होंने कहा कि चुनाव लड़ने की जगह वह अगले डेढ़ साल पूरा ध्यान राम मंदिर निर्माण और गंगा की सफाई पर लगाएंगी।
उमा भारती से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘जब 2016 में मैंने अमित जी (बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह) से बात की तो उन्होंने कहा था कि मुझे इस्तीफा नहीं देना चाहिए। मेरे इस फैसले पर भी पार्टी ही अंतिम निर्णय लेगी, लेकिन अगले डेढ़ साल तक मैं सिर्फ राम मंदिर निर्माण और गंगा की सफाई पर ही ध्यान लगाऊंगी।’
इसके अलावा उमा भारती ने ट्वीट कर कहा, ‘राम मंदिर पर हमारी आस्था एक स्थापित तथ्य है और हम राम मंदिर के नाम से कोई नफा-नुकसान नहीं सोचते हैं। हमने अयोध्या आंदोलन के बाद भी 1993 का विधानसभा चुनाव हारने के बाद भी 1998 के चुनावी घोषणापत्र में राम मंदिर निर्माण को रखा था। क्योंकि हम राम को चुनाव की हार-जीत से नहीं देखते हैं, राम हमारी आस्था के केंद्र बिंदु हैं। राम मंदिर का निर्माण अब आंदोलन से नहीं बल्कि बातचीत से होगा। अध्यादेश यदि लाना भी है तो कांग्रेस को हमारा साथ देना होगा। देश के लिए अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी क्सोंकि राम मंदिर को लेकर कांग्रेस ने ही माहौल खराब किया है।’
उमा भारती का यह बयान ऐसे समय पर आया है, जब आरएसएस समेत सभी सभी हिंदू संगठन केंद्र सरकार से राम मंदिर निर्माण के लिए अध्यादेश लाने की मांग कर रहे हैं। उमा भारती शुरू से ही राम मंदिर आंदोलन का प्रमुख चेहरा रही हैं। उमा भारती को बाबरी मस्जिद गिराने की साजिश रचने में हाथ होने के आरोप में सीबीआई द्वारा चार्ज भी किया जा चुका है। मोदी सरकार के कार्यकाल में उमा भारती को जल और गंगा की सफाई का मंत्रालय दिया गया था। लेकिन, पिछले साल पीएम मोदी ने उनसे यह विभाग लेकर उन्हें कम महत्वपूर्ण माना जाने वाला पेय जल और स्वच्छता मंत्रालय सौंपा।
बता दें कि इससे पहले विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भी स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर 2019 का चुनाव नहीं लड़ने की बात कह चुकी हैं। उमा भारती ने भी चुनाव न लड़ने के पीछे स्वास्थ्य कारणों की ही बात कही है। खबरों की मानें तो केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘मैं घुटनों और पीठ की समस्या से जूझ रही हूं। मैं थोड़ा आराम करूंगी। मैं अगले तीन साल तक चुनाव नहीं लड़ूंगी।’ उमा भारती ने यह बात इस साल फरवरी में कही थी। इसके बाद इस बारे में जब फिर उनसे पूछा गया तो उन्होंने कहा था, ‘मैं अब भी राजनीति में हूं।’
एक साल से भी कम समय के लिए एमपी की मुख्यमंत्री रही उमा भारती ने पिछले हफ्ते कहा था कि राम मंदिर बनाने पर बीजेपी का पेटेंट नहीं है। उन्होंने अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिए सभी पार्टियों का आह्वान किया था।
बीजेपी के वैचारिक प्रेरणा स्रोत माने जाने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ समेत कई हिंदू संगठन केंद्र सरकार से अयोध्या में विवादित भूमि पर राम मंदिर निर्माण के लिए कानून या अध्यादेश लाने की मांग की है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि मंदिर निर्माण नहीं हुआ तो 1992 जैसे आंदोलन की बात कही है।