एग्जिट पोल में मिजोरम चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं

आइजॉल। मिजोरम विधानसभा चुनाव को लेकर एजेंसियों ने अपना एग्जिट पोल जारी कर दिया है। टाइम्स नाउ-CNX के मुताबिक मिजोरम में मिजो नेशनल फ्रंट को 18, कांग्रेस को 16 और अन्य के खाते में 6 सीटें जाती दिखाई दे रही है।
न्यूज X-NETA के मुताबिक मिजोरम नेशनल फ्रंट को 19 कांग्रेस को 15 और अन्य को 6 सीटें मिल सकती है।
रिपब्लिक-सी वोटर के एग्जिट पोल के आंकड़ों के मुताबिक मिजोरम नेशनल फ्रंट को 16-20, कांग्रेस को 14-18 और अन्य के खाते में 0-3 सीटें मिल सकती है।
इस तरह मिजोरम में किसी भी पार्टी को बहुमत मिलता दिखाई नहीं दे रहा है। राज्य में पिछले 10 सालों से कांग्रेस की सत्ता है और सूबे की कमान सीएम ललथनहवला के पास है। मिजोरम पूर्वोतर का एक ऐसा राज्य हैं, जहां अलगाववाद का लंबा दौर चला है। मान-मनौव्वल और समझौतों की बिसात के बाद राज्य में शांति की बयार बहने लगी और अब लोकतंत्र के जरिए प्रदेश की सत्ता के समीकरण तय किए जाते हैं। प्रदेश में मुकाबले में कुछ पार्टियां ही रहती हैं, लिहाजा हार-जीत का फैसला भी इन्ही के बीच होता है।
मिजोरम विधानसभा में 40 सीटें हैं। पिछले विधानसभा चुनाव पर यदि नजर डालें तो कांग्रेस ने सभी अनुमानों को झुठलाते हुए 29 सीटों पर कब्जा जमाया था, जो बहुमत के आंकड़े से 8 ज्यादा था। मुख्य विपक्षी पार्टी मीजो नेशनल फ्रंट को 6 सीटों पर संतोष करना पड़ा था।
28 नवंबर को हुए मतदान में 40 सीटों पर 75 फीसदी वोटिंग हुई और इसमें प्रदेश के 7.70 लाख मतदाताओं ने शिरकत की। इस बार भाजपा भी मिजोरम से उम्मीद कर रही है और भाजपा की सीटों में इजाफे की संभावना भी जताई जा रही है।
राज्य में सरचिप सीट पर सबसे ज्यादा 81 फीसदी मतदान हुआ था। यहां से राज्य के मुख्यमंत्री ललथनहवला चुनावी मैदान में हैं। बीजेपी मिजोरम में नॉर्थ-ईस्ट डेमोक्रेटिक एलायंस नाम का गठबंधन बनाकर चुनाव मैदान में उतरी है। गठबंधन के घटक दलों में विचारधाराओं का मतभेद होने के बावजूद वह चुनाव मैदान में एक होकर उतरे हैं। पक्ष और विपक्ष दोनों ने कई लोक लुभावन वादे किए हैं। अब मिजोरम की जनता को 11 तारीख का इंतजार है, जब सूबे को नई सरकार मिलेगी।