खाद्य विभाग ने किया एक और कमाल.
सूबे के खाद्य विभाग में अंधेर नगरी चौपट राजा की कहानी पूरी तरह से फिट बैठती है। इस विभाग के तहत ही नापतौल करने वाला अमल भी आता है। विभाग ने हाल ही में इस तरह से बदलाव किया है कि अफसरों से लेकर आम आदमी तक भौचक रह गए हैं। कुछ दिन पहले निकाले गए आदेश में पन्ना में पदस्थ एक निरीक्षक को करीब साढ़े पांच सौ किलोमीटर दूर इंदौर का प्रभार भी दे दिया गया। पन्ना में पदस्थ निरीक्षक करीब 550 किमी दूर स्थित इंदौर का काम कैसे देखेगा, यह सवाल खड़ा हो गया है। निरीक्षक शरदचंद्र शर्मा भी विभाग के इस आदेश के बाद यह नहीं समझ पा रहे हैं कि आखिर वे इन दोनों जगह कामकाज में कैसे न्याय कर पाएंगे। इसके पीछे विभाग का तर्क है कि पन्ना जिले में निरीक्षक नापतौल के दो पद हैं जबकि निरीक्षक का कार्यक्षेत्र एक ही है। यही नहीं विभाग ने एक अन्य आदेश में रतलाम में पदस्थ निरीक्षक नसीमउद्दीन को सहायक नियंत्रक का अतिरिक्त प्रभार भी दे दिया है। सहायक नियंत्रक, निरीक्षक की मॉनिटरिंग करता है। ऐसे में निरीक्षक खुद के काम की मॉनिटरिंग करेंगे। वहीं निरीक्षक नापतौल देवास एसए खान को सहायक नियंत्रक उज्जैन का भी प्रभारी बना दिया गया है।
आखिर अग्रवाल का हो ही गया पुर्नवास
हाल ही में सेवानिवृत्त हुए लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता अखिलेश अग्रवाल का सरकार ने पुर्नवास कर ही दिया। उन्हें अब मप्र सड़क विकास निगम में तकनीकी सलाहकार के पद पर संविदा नियुक्ति प्रदान की दी गई है। उनकी नियुक्ति फिलहाल एक वर्ष के लिए की गई है। बताया जा रहा है कि अग्रवाल का चयन प्रतियोगिता के आधार पर हुआ है। इसके लिए उन्होंने साक्षात्कार दिया था। उल्लेखनीय है कि अग्रवाल सेवानिवृत्त होने के बाद लोक निर्माण विभाग में ही प्रमुख अभियंता के पद पर पुर्नवास के लिए प्रयासरत थे, लेकिन विभागीय अफसरों व कर्मचारियों का खुलकर विरोध होने की वजह से उनका विभाग में पुर्नवास नहीं हो सका। यही वजह है कि सरकार ने अपने पंसदीदा अफसर को अब सड़क विकास निगम में पदस्थ कर उपकृत कर दिया है।
टीवी पर कपिल का तो मोबाइल पर राहुल का कॉमेडी शो
सूबे के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने उत्तराखंड में चुनावी सभा में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की तुलना कपिल शर्मा की कॉमेडी से करते हुए कहा है कि देश में इस समय दो कॉमेडी शो चल रहे हैं। एक टीवी पर कॉमेडी विद कपिल शर्मा। दूसरा मोबाइल पर कॉमेडी विद राहुल। उन्होंने हरिद्वार विधानसभा क्षेत्र में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस की स्थिति के कड़े के समान हो चुकी है। आज कांग्रेस बात कर रही है चार धाम, चार काम की। लेकिन सरकार में रहने के समय इनके लिए कुछ भी नहीं किया है। भाजपा की के चार धाम हैं देश की जनता। हम बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री जाकर पूजा करते हैं, आशीर्वाद लेते हैं। लेकिन हरीश रावत जैसों के धाम अलग हैं। उनका पहला धाम सोनिया गांधी, दूसरा राहुल गांधी, तीसरा प्रियंका गांधी, चौथा रॉबर्ट वाड्रा हैं। यही नहीं उन्होंने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस और जवाहरलाल नेहरू भारत के विभाजन के लिए जवाबदेह हैं। एक हिस्सा पाकिस्तान बना दिया और एक बांग्लादेश बना दिया।
…और नेता जी की बढ़ गई प्रशासन में पूछ परख
सत्तारुढ़ दल के एक नेता जी की इन दिनों जमकर पूंछ परख हो रही है। यह नेता जी वैसे तो सत्तारुढ़ दल के विधायक हैं, लेकिन दो माह पहले तक अफसर भी उन्हें वैसा महत्व नहीं देते थे, जिसकी अभिलाशा हर विधायक को होती है, लेकिन इसके बाद जिस तरह से उनके द्वारा एक बेहद पॉवरफुल अफसर को ठिकाने लगाया गया है उससे अन्य अफसरों में दहशत बैठ गई है। अब हालत यह है कि उनके गृह जिले में उनका फोन जिस अफसर के पास पहुंच जाता है वह बेहद तेजी से उनका काम करने में जुट जाता है। अब उनका खौफ ऐसा हो गया है कि अच्छे-अच्छे अफसर तक उनके आदेश -निर्देश पर दौड़ लगाने को तैयार दिखने लगे हैं। दरअसल नेता जी की वजह से ही प्रदेश के एक कद्दावर मंत्री जी के करीबी रिश्तेदार इन दिनों जेल की हवा खाने को जो मजबूर बने हुए हैं।
खाद्य विभाग ने किया एक और कमाल
सूबे के खाद्य विभाग में अंधेर नगरी चौपट राजा की कहानी पूरी तरह से फिट बैठती है। इस विभाग के तहत ही नापतौल करने वाला अमल भी आता है। विभाग ने हाल ही में इस तरह से बदलाव किया है कि अफसरों से लेकर आम आदमी तक भौचक रह गए हैं। कुछ दिन पहले निकाले गए आदेश में पन्ना में पदस्थ एक निरीक्षक को करीब साढ़े पांच सौ किलोमीटर दूर इंदौर का प्रभार भी दे दिया गया। पन्ना में पदस्थ निरीक्षक करीब 550 किमी दूर स्थित इंदौर का काम कैसे देखेगा, यह सवाल खड़ा हो गया है। निरीक्षक शरदचंद्र शर्मा भी विभाग के इस आदेश के बाद यह नहीं समझ पा रहे हैं कि आखिर वे इन दोनों जगह कामकाज में कैसे न्याय कर पाएंगे। इसके पीछे विभाग का तर्क है कि पन्ना जिले में निरीक्षक नापतौल के दो पद हैं जबकि निरीक्षक का कार्यक्षेत्र एक ही है। यही नहीं विभाग ने एक अन्य आदेश में रतलाम में पदस्थ निरीक्षक नसीमउद्दीन को सहायक नियंत्रक का अतिरिक्त प्रभार भी दे दिया है। सहायक नियंत्रक, निरीक्षक की मॉनिटरिंग करता है। ऐसे में निरीक्षक खुद के काम की मॉनिटरिंग करेंगे। वहीं निरीक्षक नापतौल देवास एसए खान को सहायक नियंत्रक उज्जैन का भी प्रभारी बना दिया गया है।
आखिर अग्रवाल का हो ही गया पुर्नवास
हाल ही में सेवानिवृत्त हुए लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता अखिलेश अग्रवाल का सरकार ने पुर्नवास कर ही दिया। उन्हें अब मप्र सड़क विकास निगम में तकनीकी सलाहकार के पद पर संविदा नियुक्ति प्रदान की दी गई है। उनकी नियुक्ति फिलहाल एक वर्ष के लिए की गई है। बताया जा रहा है कि अग्रवाल का चयन प्रतियोगिता के आधार पर हुआ है। इसके लिए उन्होंने साक्षात्कार दिया था। उल्लेखनीय है कि अग्रवाल सेवानिवृत्त होने के बाद लोक निर्माण विभाग में ही प्रमुख अभियंता के पद पर पुर्नवास के लिए प्रयासरत थे, लेकिन विभागीय अफसरों व कर्मचारियों का खुलकर विरोध होने की वजह से उनका विभाग में पुर्नवास नहीं हो सका। यही वजह है कि सरकार ने अपने पंसदीदा अफसर को अब सड़क विकास निगम में पदस्थ कर उपकृत कर दिया है।
टीवी पर कपिल का तो मोबाइल पर राहुल का कॉमेडी शो
सूबे के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने उत्तराखंड में चुनावी सभा में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की तुलना कपिल शर्मा की कॉमेडी से करते हुए कहा है कि देश में इस समय दो कॉमेडी शो चल रहे हैं। एक टीवी पर कॉमेडी विद कपिल शर्मा। दूसरा मोबाइल पर कॉमेडी विद राहुल। उन्होंने हरिद्वार विधानसभा क्षेत्र में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस की स्थिति के कड़े के समान हो चुकी है। आज कांग्रेस बात कर रही है चार धाम, चार काम की। लेकिन सरकार में रहने के समय इनके लिए कुछ भी नहीं किया है। भाजपा की के चार धाम हैं देश की जनता। हम बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री जाकर पूजा करते हैं, आशीर्वाद लेते हैं। लेकिन हरीश रावत जैसों के धाम अलग हैं। उनका पहला धाम सोनिया गांधी, दूसरा राहुल गांधी, तीसरा प्रियंका गांधी, चौथा रॉबर्ट वाड्रा हैं। यही नहीं उन्होंने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस और जवाहरलाल नेहरू भारत के विभाजन के लिए जवाबदेह हैं। एक हिस्सा पाकिस्तान बना दिया और एक बांग्लादेश बना दिया।
…और नेता जी की बढ़ गई प्रशासन में पूछ परख
सत्तारुढ़ दल के एक नेता जी की इन दिनों जमकर पूंछ परख हो रही है। यह नेता जी वैसे तो सत्तारुढ़ दल के विधायक हैं, लेकिन दो माह पहले तक अफसर भी उन्हें वैसा महत्व नहीं देते थे, जिसकी अभिलाशा हर विधायक को होती है, लेकिन इसके बाद जिस तरह से उनके द्वारा एक बेहद पॉवरफुल अफसर को ठिकाने लगाया गया है उससे अन्य अफसरों में दहशत बैठ गई है। अब हालत यह है कि उनके गृह जिले में उनका फोन जिस अफसर के पास पहुंच जाता है वह बेहद तेजी से उनका काम करने में जुट जाता है। अब उनका खौफ ऐसा हो गया है कि अच्छे-अच्छे अफसर तक उनके आदेश -निर्देश पर दौड़ लगाने को तैयार दिखने लगे हैं। दरअसल नेता जी की वजह से ही प्रदेश के एक कद्दावर मंत्री जी के करीबी रिश्तेदार इन दिनों जेल की हवा खाने को जो मजबूर बने हुए हैं।