अब पूरी तरह मिशन मोड में शिवराज

-हर योजना की मॉनिटरिंग के साथ मंत्रियों के कामकाज पर रख रहे नजर
-मंत्रियों के साथ ही अफसरों को सीएम की नसीहत-हमें हर हाल में परिणाम चाहिए


भोपाल. चौथी पारी
में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पूरी तरह मिशन मोड में हैं। योजना बनाने के साथ ही योजनाओं के क्रियान्वयन और उनकी प्रगति पर भी मुख्यमंत्री स्वयं नजर रखे हुए हैं। यही नहीं वे हर दिन योजनाओं की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। साथ ही मंत्रियों और अफसरों के कामकाज का आंकलन कर रहे हैं। इससे प्रदेश में विकास की गति तेज है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री के रूप में चौथी बार 23 मार्च को शपथ लेने वाले शिवराज सिंह चौहान के साथ काम करने वाले अफसरों की मानें तो उनका पूरा फोकस गुड-गवर्नेंस पर है। वह सरकारी योजनाओं को नीचे तक पहुंचाने पर काम कर रहे हैं। इसलिए हर विभाग की नब्ज उनके हाथ में रहती है। विभागीय बैठकों में एसीएस अथवा प्रमुख सचिव कोई बात रखते हैं, उससे पहले ही मुख्यमंत्री बता देते हैं कि इस योजना में कहां अच्छा काम चल रहा है और कहां पर गड़बड़ी है। सीएम बैठकों में केवल क्वालिटी, योजना की डिलीवरी पर ही बात  करते हैं। यह अंतर उनके पिछले कार्यकालों के बाद देखने में आया है। वह प्रत्येक योजना के बारे में नीचे तक मैसेज देने का प्रयास करते है, जिससे पब्लिक को उसकी जानकारी हो सके और वह उस योजना का लाभ उठा सकें।
हर योजना की मॉनिटरिंग स्वंय कर रहे
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चौथी पारी में हर योजना की मॉनिटरिंग स्वंय कर रहे हैं और यही कारण है कि मंत्रियों पर उसे पूरा कराने का दबाव रहता है। प्रदेश में सुशासन व्यवस्था लागू करने के साथ ही उनका फोकस योजनाओं के क्रियान्वयन पर है। इसकी वजह है , प्रदेश चुनावी मुहाने पर खड़ा है सीएम प्रशासनिक तौर पर कोई कसर नहीं छोड़ऩा चाहते , इसलिए उनके तेवर जुदा हैं। उन्हें हर डिपार्टमेंट में चल रही प्रत्येक योजनाओं की जानकारी है। इसके लिए उन्होंने स्वयं का इंटेलीजेंस खड़ा किया है। जो अच्छे कामों से लेकर गड़बड़िय़ों तक की रिपोर्ट सीएम तक पहुंचाता है। वह हर विषय में इतने निपुण हो चुके हैं कि टू-द पाइंट ही अफसरों से बात करते हैं। यह बदलाव मिशन 2023 को सफल बनाने में काफी हद तक कारगर साबित होगा।
जनोपयोगी योजनाओं पर फोकस
मुख्यमंत्री का जनोपयोगी योजनाओं पर सबसे अधिक फोकस है। यही कारण है कि उन्हें कोरोना काल के समय का 88 लाख घरेलू उपभोक्ताओं के बिजली बिल माफ करना पड़ा। जल जीवन मिशन के जरिए घर- घर नल से पानी पहुंचाने के लिए अभी तक 18 हजार करोड़ की योजनाएं मंजूर की है। अनुसूचित जाति वर्ग को रोजगार से लगाने संत रविदास के नाम तथा डॉ. अंबेडकर नाम योजनाएं शुरू कराईं है। किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर 30 हजार करोड़ का ऋण बैंकों के माध्यम से दिलवाना है। पेसा अधिनियम के तहत वनों का प्रबंधन ग्राम सभाओं को सौंपा है। मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के माध्यम से 4, 569 करोड़ की प्रत्येक किसान को 4-4 हजार रूपए दिए हैं। प्रदेश में अगले साल 4,584 किमी सड़कें तथा 180 पुलों का निर्माण करवाने पर फोकस है। एक जिला एक उत्पाद और उद्यानिकी फसलों के लिए निर्यात प्रोत्साहन योजना प्रारंभ किया है। प्रदेश के 7 लाख अधिकारियों, कर्मचारियों को केंद्र के समान डीए 31 फीसदी दिया जा रहा है। वहीं मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन, मुख्यमंत्री कन्यादान, मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजना को रि-लांच किया है। इससे मुख्यमंत्री का जनता से सीधा जुड़ाव हुआ है।