सोनिया से मुलाकातों को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म

सोनिया से मुलाकातों को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म.


इन दिनों प्रदेश में कांग्रेस को लेकर राजनीति गर्माई हुई है। इसकी वजह है इन दिनों पार्टी में किनारे कर दिए गए दिग्गज नेताओं का पार्टी आलाकमान से मिलकर न केवल अपना पक्ष रखा जा रहा है , बल्कि प्रदेश कांग्रेस में चल रही एकला चलो नीति की शिकायत करना भी है। हाल ही में पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव ने सोनिया गांधी से मुलाकात कर अपना पक्ष रखा था। उनके बाद अब पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल भैया दिल्ली पहुंच गए हैं, उनके द्वारा भी सोनिया से मुलाकात के लिए समय मांगा गया है। यही वजह है कि वे इस मुलाकात के लिए दिल्ली भी पहुंच चुके हैं। माना जा रहा है कि वे भी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की एकला चलो की नीति की शिकायत कर सकते हैं। इन मुलाकातों को लेकर प्रदेश कांग्रेस की अंदरूनी सियासत गरमाई हुई है। यह बात अलग है कि यह दोनों ही नेता इस समय किसी सदन के सदस्य नहीं हैं। अरुण यादव लगातार दो बार लोकसभा का चुनाव हार चुके हैं ,तो वहीं अजय सिंह भी बीता विधानसभा चुनाव हार गए थे।

समग्र मूल्यांकन की आदर्श पद्धति होगी तैयार
स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार का कहना है कि मप्र में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के ड्राफ्ट के अनुसार विद्यार्थियों के समग्र मूल्यांकन की आदर्श पद्धति तैयारी की जाएगी। उन्होंने माध्यमिक शिक्षा मंडल की समीक्षा करते हुए कहा कि श्रेष्ठ नागरिक के व्यक्तित्व निर्माण के लिए अन्य राज्यों की भाषा सीखने की रुचि, खेलकूद और सांस्कृतिक उपलब्धियां, सामाजिक और पर्यावरण-संरक्षण में किए गए प्रमुख कार्यों को भी विद्यार्थियों के मूल्यांकन में शामिल करें। समीक्षा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में समग्र मूल्यांकन की योजना, वर्ष 2022 में आयोजित परीक्षाओं के प्रश्न-पत्रों के विश्लेषण, वर्ष 2022-23 में मंडल द्वारा आयोजित प्रशिक्षण, वित्त वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 के आय-व्यय की भी समीक्षा की गई। इस दौरान उनके द्वारा मंडल में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ विभागीय अमला, मॉडल विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के स्थाईकरण की नीति आदि विषयों पर चर्चा की गई।

बोलीं उमा : अभी पत्थर फेंककर शराबंदी पर चेतावनी दी है
पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने एक बार फिर शराबबंदी को लेकर चेतावनी दी है। उनका कहना है कि प्रदेश में शराबबंदी पर जनप्रतिनिधियों को सतर्क रहना होगा।  उन्होंने कहा कि उनके द्वारा शराब दुकान पर उठाया गया पत्थर महज एक चेतावनी थी और यह शुरुआत है। जनप्रतिनिधि अपनी जिम्मेदारी निभाएं नहीं तो यह बड़ा जन आंदोलन का रूप ले लेगा। उनका कहना है कि जो पत्थर उठाया गया है वह प्रतीक है और पहला है आखिरी नहीं है। अगर उसे आखिरी बनाना है तो शराब के मामले में जनप्रतिनिधियों को बहुत अच्छा काम करना होगा। जनप्रतिनिधि इस मांग की अनदेखी बिल्कुल न करें। वे अपनी जिम्मेदारी निभाएं नहीं तो यह बड़े जन आंदोलन का रूप ले लेगा। गौरतलब है कि उमा भारती ने कुछ दिनों पहले भोपाल में महिलाओं के साथ एक शराब दुकान में घुसकर एक पत्थर मारा था।

वर्मा के बयान पर सियासी महाभारत शुरू
पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा के बयान पर अब सियासी महाभारत शुरू हो गई है। उनके द्वारा हाल ही में गीता के श्लोक को मॉडिफाई करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा गया था। इसके बाद भाजपा ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन पर भाजपा की प्रवक्ता नेहा बग्गा ने कहा कि अगर हिम्मत है, तो आयत (कुरआन) का उपयोग इस तरह से करके दिखाएं। वहीं, विधायक रामेश्वर शर्मा ने तो सज्जन को दुर्जन तक बता दिया। मध्यप्रदेश कांग्रेस कार्यालय में बीते रोज मीडिया से चर्चा के दौरान वर्मा ने भगवद् गीता के श्लोक को सुनाया यदा यदा ही मोदीस्य, मंदी भवति भारतः अभियुथानं अंध भक्तस्य, बेरोजगारी युगे-युगे  गमो-गमो, गमो-गमो, नमो, नमो… इसके आगे सज्जन वर्मा कहते हैं कि बेरोजगार भाइयों को गम भी है। इसके बाद भाजपा तमतमा गई है। इस मामले में नेहा बग्गा का कहना है कि अपने राजनीतिक हित के लिए गीता के प्रसिद्ध श्लोक को आपने जिस तरह प्रस्तुत किया है। वो आपत्तिजनक है। हिन्दू कट्टर नहीं है, पर भूलता भी नहीं है… याद रखना। उधर,  विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि सज्जन आप दुर्जन कब बन बैठे, मर्यादा ही लांघ बैठे। प्रतिपक्ष के लिए ऐसी भी क्या जल्दी, कि महाभारत की ठान बैठे।