मप्र की सियासी पिच पर फिर… क्यों सक्रिय हुए कैलाश

भोपाल।मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। लंबे समय बाद

अचानक बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय की बढ़ती सक्रियता के मायने अब राजनैतिक विश्लेषकों के साथ ही नौकरशाही द्वारा तलाशे  जाने लगे हैं। जिस तरह से उनके द्वारा लंबे समय बाद अचानक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई गई, उसकी वजह भी तलाशी जा रही है। हालांकि इस दौरान उनके द्वारा पांरपरिक ग्रामीण खेल सुतालिया यानि की पिट्टू खेल के आयोजन पर बात की गई। खेल कोई भी हो राजनीति का या फिर वाकई का खेल , सभी में उन्हें महिर माना जाता है। श्रीमंत के भाजपाई बनने के बाद अब किक्रेट में मुकाबला रहा नहीं, सो उनके द्वारा अब सुतालिया को पकड़ लिया गया है।
उनकी इस प्रेस कान्फेंस के निकाले जा रहे मायने को एक तीर से दो निशाने लगाने के रुप में देखा जा रहा है। इस दौरान उनके द्वारा सीएम बैंटिग बने हुए नेताओं के मुगालते भी दूर कर दिए गए हैं। यानि की खेल के बहाने राजनैतिक रुप से प्रदेश में खुद की सक्रियता बढ़ाना। राष्ट्रीय राजनीति में जाने के बाद भोपाल से दूरी बना चुके कैलाश विजयवर्गीय इस बार राजधानी भोपाल में ही राष्ट्रीय स्तर का पिट्टू टूर्नामेंट आयोजित करवा रहे हैं। इसकी वजह बताते हुए वे कहते हैं कि पीएम मोदी ने इन देसी खेलों के प्रमोशन का जो आइडिया दिया था , हम तो उसके अनुसार काम कर रहे हैं। उनका साफगोई से कहना है कि हम अपने कप्तान यानी मोदी के इशारे पर काम करते हैं। मौका भले ही स्पोर्ट्स एक्टिविटी का हो। हालांकि प्रदेश की राजनति में उन्हें वाकपटु और चुतर सुजान राजनेता के नाम पर जाना और पहचाना जाता है।

खास बात यह है कि यह प्रेस कान्प्रेंस का आयोजन ऐसे समय किया गया जब मुख्यमंत्री प्रदेश से बाहर थे। इस दौरान उनके द्वारा बड़ी ही बेबाकी से डिप्लोमेटिक रुप से मीडिया के सवालों के जबाव दिए गए। खास बात यह है कि इस दौरान पत्रकारों के एक वर्ग का कहना है कि वे होली के बाद हमेशा पार्टी देते आए हैं। उनका कहना है कि अगले साल होने वाला विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा , हालांकि वे यह भी कहते हैं कि अभी इस मामले में फैसला नहीं किया गया है। वहीं, यूपी के बुलडोजर बाबा के बाद मप्र में शिवराज की छवि बुलडोजर मामा के रूप में प्रोजेक्ट किए जाने पर विजयर्गीय ने कहा कि मध्यप्रदेश में काफी पहले से बुलडोजर चल रहा है। विजयवर्गीय ने कहा कि प्रदेश में सीएम शिवराज ने लंबे समय तक मुख्यमंत्री बने रहने का रिकॉर्ड कायम किया है। वे आज भी ही लोकप्रिय हैं। बच्चों के बीच मामा के नाम से जाने जाते हैं। पहले दिग्विजय सरकार थी। उस समय सड़कों और बिजली की हालत क्या थी, यह सब जानते हैं। इसके बाद उमा भारती और बाबूलाल गौर सीएम रहे। इन्होंने मप्र के विकास की नींव रखी। इसके बाद विकास की एक बड़ी इमारत सीएम शिवराज के नेतृत्व में बनी है। शराबबंदी से जुडे प्रश्न पर उनका कहना है कि इस मामले में पूर्व सीएम ने स्पष्टीकरण दे दिया है। इसलिए उस पर कुछ बोलने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा शराबबंदी होना चाहिए, लेकिन उसके जहां प्रयोग हुए हैं, उस पर अध्ययन की भी आवश्यकता है। प्रदेश में 23 प्रतिशत जनसंख्या ट्राइबल है। शराब व ताड़ी उनके संस्कारों मे है है। उनके यहां पूजा पाठ में भी इसका उपयोग होता है, इसलिए हम इसे कैसे प्रतिबंधित करें, इसके पूरे अध्ययन की आवश्यकता है। वहीं चुनावी राजनीति में वापसी करने पर विजयर्गीय ने कहा कि इस मामले में हमारा नेतृत्व काम करता है। उन्होंने कहा कि संगठन का काम करने को कहा है। मैं स्वयं अपने बारे में निर्णय नहीं लेता। वहीं उन्होंने कहा कि राजनीति में जितने आगे बढ़ते जाओ उतना ग्लैमर बढ़ता जाता है। लेकिन जनप्रतिनिधि वाला सबसे अच्छा कार्यकाल था तो वो पार्षद का था। यह आत्मीयता से भरा कार्यकाल था.

उनका पश्चिम बंगाल के बारे में कहना है कि वहां पर लॉ-एंड ऑर्डर नहीं है। वहां भी कभी भी किसी पर भी केस लगा सकते हैं। हम पर भी ऐसे-ऐसे केस चल रहे हैं जिन पर बोलने में शर्म आती है। यह शर्मनाक भी है कि लोकतंत्र में एक ऐसा राज्य भी है जहां पर लोग घरों के अंदर भी जेल बैठने जैसा अनुभव करते हैं। आने वाले समय में लोग सड़क पर आकर सरकार की तानाशाही के खिलाफ लड़ेंंगे।
पांच दिनों तक चलेगा टूर्नामेंट
विजयवर्गीय ने बताया कि 28 मार्च से भोपाल में राष्ट्रीय स्तरीय टूनार्मेंट का पिट्टू आयोजन होगा। एक अप्रैल तक चलेगा टूनार्मेंट। यह खेल शहरों में नहीं खेला जाता है लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में काफी प्रसिद्ध है। असम में यह गेम आज भी खेला जाता है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात में ग्रामीण क्षेत्रों में खेले जाने वाले खेलों को प्रोत्साहित किए जाने की बात कही थी, खेलो इंडिया में इस खेल को मान्यता दी गई है, पार्टी में भी हम कप्तान के इशारे पर काम करते हैं।
असंतुष्ट नेताओं का लगा रहा जमाबड़ा
खास बात यह है कि इस दौरान विजयवर्गीय के साथ नरोत्तम मिश्रा तो मौजूद थे ही साथ ही पार्टी के असंतुष्ट नेताओं का जमाबड़ा लगा रहा। इनमें वे नेता भी शामिल थे जो या तो हाशिए पर जा चुके हैं या फिर जिन्हें साइड ट्रेक किया जा चुका है। मीडिया से बात करते समय जो नेता उनके साथ जो नेता बैठे नजर आए उनमें पूर्व मंत्री दीपक जोशी, पूर्व विधायक धु्रव नारायण सिंह जैसे नेता शामिल थे। हालांकि इस दौरान उनसे मिलने राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय से मिलने चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग और कृषि मंत्री कमल पटेल भी पहुंचे।
सीएम वेटिंग के नेताओं के मुगालते भी किए दूर
विजयवर्गीय ने मीडिया से बात करते समय जिस तरह के संकेत दिए हैं उससे पार्टी के उन नेताओं के भी मुगालते दूर हो गए , जो खुद को बतौर सीएम वेटिंग के तौर मान कर चल रहे थे। फिलहाल जिन नेताओं के नामों को इसमें शामिल किया जाता है उनमें गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, प्रदेशध्यक्ष वीडी शर्मा, केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर , प्रहलाद पटेल जैसे नाम शामिल हैं।