क्षेत्रीय मंत्रियों के… मापदंड पर खरे उतरने पर ही मिलेगा टिकट

मिशन 2023 के लिए चुनावी मैदान में जमावट
– मंत्रियों-विधायकों पर नजर रखने 3 क्षेत्रीय संगठन मंत्रियों की होगी नियुक्ति!


भोपाल/मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। भाजपा अब पूरी तरह चुनावी मोड में आ गई है। प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा की नियुक्ति के बाद अब तीन क्षेत्रीय संगठन मंत्रियों की भी नियुक्ति की कवायद शुरू हो गई है। भाजपा की यह मैदानी जमावट मिशन 2023 के मद्दे नजर की जा रही है।  क्षेत्रीय संगठन मंत्री अपने क्षेत्र के विधायकों, पदाधिकारियों और प्रदेश सरकार के मंत्रियों के कामकाज पर भी नजर रखेंगे। जानकारों की मानें तो मिशन 2023 के लिए चुनावी मैदान में भाजपा की टिकट पर वे ही चेहरे नजर आएंगे, जो इन क्षेत्रीय मंत्रियों के मापदंड पर खरे उतरेंगे। भाजपा सूत्रों के अनुसार वर्तमान सह संगठन मंत्री हितानंद शर्मा की पदोन्नति के बाद अब तीन क्षेत्रीय संगठन मंत्रियों की भी नियुक्ति की जानी है। ये क्षेत्रीय संगठन मंत्री संघ के अनुसार अलग-अलग क्षेत्रों में काम करेंगे। इन नामों पर जल्द ही दिल्ली से मोहर लग जाएगी। ऐसा माना जा रहा है कि इन नये संगठन मंत्रियों का कार्यक्षेत्र संघ के अनुसार मालवा, मध्यभारत और महाकौशल प्रान्तों में होगा। संघ कुछ प्रचारकों की सेवाएं इस पद के लिए भाजपा को सौंप सकता है। हालांकि संघ की विचारधारा पर काम कर रहे कुछ लोगों को इन पदों पर नवाजा जा सकता है। उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष संघ के निर्देशानुसार भाजपा ने अपने सभी संभागीय संगठन मंत्रियों को वापस बुला लिया था।
सक्रिय नेताओं को मिलेगी जिम्मेदारी
भाजपा से जुड़े जानकारों की माने तो प्रदेश संगठन ऐसे नेताओं की सूची तैयार करा रही है, जो अपने क्षेत्र में जनता से सीधे और प्रभावी ढंग से जुड़े हुए है। इनमें वे नेता भी शामिल है,जो 65 वर्ष की उम्र को पार कर गए हैं। इनमें कुछ मौजूदा विधायक भी हैं, जो उम्र के क्राइट एरिया के साथ-साथ शारीरिक रूप से कम सक्रिय हो पा रहे हैं। बताया गया है कि इन नेताओं को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिलेगी। सूत्रों की मानें तो इन सभी नेताओं को चुनावी जिम्मेदारियां दी जाएंगी। जिनके मार्गदर्शन में स्थानीय संगठन पार्टी को मजबूत बनाने की दिशा में काम करेगा।
मैदानी मोर्चे के लिए बनेगी पूरी टीम
सूत्रों का कहना है कि प्रदेश भाजपा संगठन और संघ के पदाधिकारी की समन्वय बैठक में ये महसूस किया गया कि अगले वर्ष विधानसभा चुनाव की दृष्टि को ध्यान में रखकर क्षेत्रीय स्तर पर संगठन महामंत्री की मौजूदगी आवश्यक है। स्वीकृति मिलने के बाद संघ के कार्यक्षेत्र के आधार पर क्षेत्रीय संगठन मंत्रियों की नियुक्ति करने का निर्णय लिया गया। क्षेत्रीय संगठन मंत्रियों की नियुक्ति के बाद संघ के प्रचारकों एवं स्वयं सेवकों का एक दल मप्र में सक्रिय होगा। ये दल उन क्षेत्रों में भाजपा को मजबूत बनाएगा, जहां पिछले चुनाव में भाजपा का वोट प्रतिशत कम रहा था। इसके अलावा जिन क्षेत्रों में भाजपा लगातार हारती रही है, वहां भी इस टीम के द्वारा बूथ स्तर पर काम किया जाएगा। बताया गया है कि ये टीम अगले लोकसभा चुनाव तक लगातार सक्रिय रहेगी।
2018 की गलतियों से सबक
भाजपा सूत्रों का कहना है की पार्टी 2018 की कमियों से सबक लेकर रणनीति बना रही है। पार्टी नए संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा की ताजपोशी के बाद प्रदेश संगठन कई महत्वपूर्ण कदम उठाने की तैयारी में है। विशेषतौर पर ऐसे नेताओं को चुनावी जिम्मेदारी से नवाजे जाने की कवायद की जा रही है, जो कुछ समय से अपने आपको उपेक्षित सा महसूस कर रहे हैं। इनके अलावा उन जिला संगठनों की भी रिपोर्ट बनाई जा रही है, जहां पिछले उपचुनावों में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था। इस साल के अंत तक पार्टी अपनी कमजोर कड़ी को खत्म कर संगठन को और मजबूत बनाने की रणनीति पर काम कर रही है। दरअसल भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व मप्र में अपनी उन कमियों को खंगाल रहा है, जिसकी वजह से उसे वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में पराजय झेलनी पड़ी थी।