मध्यप्रदेश में कलेक्टर सरकारी योजनाओं की कर रहे ब्रांडिंग

इंदौर कलेक्टर पहले नंबर पर तो भोपाल कलेक्टर दूसरे पर
– जन की सुनवाई सोशल मीडिया पर, योजनाओं को धार भी दे रहे कलेक्टर
भोपाल/मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। मुख्यमंत्री शिवराज

सिंह चौहान के दिशा-निर्देश पर प्रदेश के अफसर सोशल मीडिया के माध्यम से जनता से जुड़ रहे हैं, ताकि जमीनी हकीकत सामने आ सके। इस कड़ी में प्रदेश के कलेक्टरों की भूमिका अहम हो जाती है। इसलिए प्रदेश के कलेक्टर सोशल मीडिया पर सबसे अधिक सक्रिय हैं और उसके माध्यम से सरकार की योजनाओं की जानकारी जनता को दे रहे हैं। वहीं जनता से योजनाओं का फीडबैक भी ले रहे हैं। इसमें इंदौर कलेक्टर पहले तो भोपाल कलेक्टर दूसरे नंबर पर हैं।

गौरतलब है कि प्रदेश सरकार पारदर्शी व्यवस्था बनाने में सोशल मीडिया को प्रमुख माध्यम मानती है। इसी के मद्देनजर पूरा फोकस है कि सभी जिलों के कलेक्टरों की सोशल मीडिया पर पकड़ बरकरार रहे। इसमें इंदौर कलेक्टर आॅफिस ने बाजी मारी है। इंदौर कलेक्टर के ट्विटर अकाउंट ने एक लाख का आंकड़ा पार किया है। इस पर  सीएम शिवराज सिंह चौहान ने खुद कलेक्टर सहित पूरी टीम की पीठ थपथपाई है। भोपाल इस मामले में दूसरे पायदान पर है। इसी के साथ अन्य कलेक्टरों को अनौपचारिक रूप से सोशल प्लेटफॉर्म पर सक्रिय होने का संकेत दिया गया है।
जनता तक पहुंचने का आसान माध्यम सोशल मीडिया
कलेक्टर कॉन्फ्रेंस में सभी कलेक्टरों को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने स्पष्ट निर्देश दिए थे कि सरकारी योजनाओं को सोशल मीडिया के सहारे जनता तक प्रभावी रूप से पहुंचाया जाए, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को फायदा मिले। सरकार का सोशल मीडिया पर विशेष फोकस होने का कारण ये भी है कि प्रमुख योजनाओं का ज्यादा से ज्यादा युवा वर्ग के बीच प्रचार- प्रसार किया जा सके और सोशल प्लेटफॉर्म पर भी सरकार का सुशासन दिखाई दे। कई मामलों में लोगों को मदद भी मिल रही है। भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया का कहना है कि सोशल मीडिया योजनाओं के प्रचार-प्रसार का प्रभावी माध्यम है। इसी से लोगों को जोड़ते हुए उनकी मदद सुनिश्चित करते हैं। यदि लोग न्यायोचित मदद सोशल मीडिया से मांगते हैं तो पूरी सहायता की जाती है।
कलेक्टरों की सक्रियता लगातार बढ़ रही
प्रदेश के 52 कलेक्टरों के ट्विटर अकाउंट खंगालने पर यह तथ्य सामने आया है कि अब कलेक्टर और उनकी टीम सोशल मीडिया पर सक्रियता बढ़ाने में जुट गए हैं। इंंदौर कलेक्टर के ट्विटर अकाउंट से 1,05,000 लोग जुड़े हैं, वहीं भोपाल कलेक्टर के 55,400, जबलपुर कलेक्टर के 29,200, रीवा कलेक्टर के 27,800, उज्जैन कलेक्टर के 25,700, सतना कलेक्टर के 16,300, छतरपुर कलेक्टर के 15,100, मंदसौर कलेक्टर के 14,900, सागर कलेक्टर के 13,600, ग्वालियर कलेक्टर के ट्विटर अकाउंट से 12,300 लोग जुडे हैं। इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह कहते हैं कि सीएम के निर्देश थे कि सोशल मीडिया का उपयोग कर योजनाएं जनता तक पहुंचाएं, हमने इसके लिए फेसबुक, ट्विटर को चुना है। ट्विटर अकाउंट की पड़ताल में पता चला है कि ज्यादातर जिलों के कलेक्टर स्थानीय गतिविधियों के साथ मुख्यमंत्री से जुड़े हर कार्यक्रम को प्रमुखता के साथ आॅफिशियल ट्विटर हैंडल से शेयर करते हैं। जबलपुर कलेक्टर इलैयाराजा टी का कहना है कि बदलते दौर में सोशल मीडिया का चलन बढ़ा है। हमारी कोशिश होती है कि जो भी सोशल मीडिया से मदद मांगे, उसकी मदद की जाए।bमध्यप्रदेश में कलेक्टर सरकारी योजनाओं की कर रहे ब्रांडिंग