शिव के 21 घंटे के मंथन में… चुनावी जीत का निकला अमृत

 शिवराज सिंह चौहान

भोपाल/मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। सतपुड़ा की सुरम्य

पहाडिय़ों पर स्थित पचमढ़ी के पाइन जंगल में चले शिव सरकार के दो दिनी शिविर में 21 घंटे तक चिंतन मनन किया गया, जिसमें चुनावी जीत का अमृत निकला है। इस अमृत का फायदा अब प्रदेशवासियों को विभिन्न योजनाओं के माध्यम से बांटा जाएगा। इस बीच मंत्रियों को हारी हुई सीटों का और सरकार की जनहितैषी व फ्लैगशिप योजनाओं का जिम्मा भी देने का निर्णय किया गया है।
इस दौरान शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, उद्योग, बेटियों व किसानों के हितों से संबंधित कई तरह के नए कदम उठाने का भी निर्णय लिया गया है। यही वजह है कि अब सरकार इन सभी निर्णयों पर तेजी से काम करने के कदम उठाएगी। जिससे की आम आदमी को इसका फायदा जल्द से जल्द मिल सके। सरकार का मानना है कि अगर इन निर्णयों पर सौ फीसदी अमल कर लिया जाएगा , तो उसे चुनावी चिंता करने की जरुरत नहीं रह जाएगी। यही वजह है कि अब सरकार संगठन के साथ मिलकर मैदानी स्तर पर मोर्चा सम्हालने वाली है। इसके तहत जनता को बताया जाएगा कि उसके लाभ की योजनाएं केंद्र की मोदी सरकार और राज्य की शिवराज सरकार लेकर आई है। यह तय किया गया कि योजनाओं का भरपूर प्रचार- प्रसार किया जाए, प्रदेश से लेकर विकासखंड तक आयोजन किए जाएं, इनमें मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक, सांसद और संगठन के स्थानीय पदाधिकारी भी शामिल हों। दरअसल, राजधानी की भागमभाग से दूर एकांत में खुले मन और सकारात्मक सुझावों के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा पचमढ़ी में बुलाई गई इस कैबिनेट बैठक का मुख्य उद्देश्य डेढ़ साल बाद 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए रोडमैप तैयार करना ही था। भले ही उप्र में भाजपा की फिर सत्ता में वापसी हो गई है , लेकिन पार्टी की इस कामयाबी को लेकर मध्य प्रदेश सरकार अब भी सहज नहीं है। चिंतन बैठक को लेकर तमाम मंत्री दो दिन के दौरान यही कहते रहे कि 2023 का चुनाव कोई मुद्दा ही नहीं है, लेकिन कुछ मंत्री ऐसे भी रहे, जिन्होंने अनौपचारिक रूप से यह स्वीकार किया कि बैठक का मुख्य उद्देश्य जनता के बीच सरकार की कल्याणकारी छवि को कैसे सशक्त बनाया जाए, इस पर ही मुख्यमंत्री ने सुझाव लिए हैं। वजह यह है कि सरकार की तमाम योजनाएं पुरानी हो चुकी हैं और उन्हें लेकर जनता में सरकार के प्रति आकर्षण बनाने की जरूरत है। मंत्रियों ने यह भी कहा कि हालांकि कांग्रेस पांच राज्यों के चुनाव परिणामों के बाद एक तरह से खत्म हो गई है, फिर भी जोखिम लेना उचित नहीं होगा। बैठक में मंत्री गोपाल भार्गव लाड़ली लक्ष्मी योजना का हवाला देते हुए कहते हैं कि यह योजना करीब 15 साल पुरानी हो गई है। लाभार्थी बेटियां अब 16 वर्ष या उसे बड़ी हो गई हैं। यदि उन्हें आगे इस योजना से जोड़कर रखना है तो कुछ अतिरिक्त सुविधाएं देनी होंगी। इसलिए,  लाड़ली लक्ष्मी-2 योजना लाकर उसमें बेटियों के रोजगार की व्यवस्था की जा रही है। नए स्वरूप में इस योजना को दो में से 11 मई तक उत्सव के रूप में प्रदेश से विकासखंड स्तर पर जनता के बीच मुख्यमंत्री और मंत्री स्वयं लेकर जाएंगे।
इसी तरह कन्या विवाह समारोह में मंत्री अनिवार्य रूप से मौजूद रहेंगे। कृषि मंत्री कमल पटेल का कहना है कि क जब हम जनता को योजनाओं का लाभ  पहुंचा रहे हैं तो उसके प्रचार प्रसार से परहेज क्यों करें। इसे लेकर दो दिन की बैठक में लगभग सभी मंत्री सहमत थे। यही कारण है कि मुख्यमंत्री ने कन्या विवाह योजना, जल जीवन मिशन, आवास योजना, राशन वितरण योजना समेत सभी योजनाओं को नवाचारों के साथ जनता के बीच ले जाने की जिम्मेदारी मंत्रियों को उनके प्रभार के जिले से लेकर विकासखंड स्तर तक के लिए सुनिश्चित की है।
हारी विधानसभा सीटों पर रहेगा फोकस
बैठक के दूसरे दिन के अंतिम सत्र में हुई राजनीतिक परिदृश्य पर चर्चा की गई। इसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले विधानसभा चुनाव में हारी सीटों पर पूरा फोकस करने को कहा। उन्होंने कहा कि हम 90 फीसद काम पूरा कर देते हैं और जो 10 फीसद अधूरा रहता है, उसका हल्ला मचता है। इसलिए अब सभी योजनाओं के सौ फीसद क्रियान्वयन की जिम्मेदारी विभागीय मंत्री की है। इसके साथ मंत्री जनता के बीच जाएं, सीधे हितग्राही से संपर्क करें, पार्टी कार्यकर्ता से संपर्क करें। उन्होंने सभी योजनाओं को नए सिरे से जनता के बीच उतारने के लिए तारीख तय करने के साथ ही उनके प्रचार-प्रसार में कोई कोर कसर नहीं छोड़ने  के निर्देश भी दिए। उन्होंने पार्टी कार्यक्रमों में पूरी सहभागिता और संगठन के 10 फीसद वोट प्रतिशत बढ़ाने में पूरा योगदान देने के लिए भी कहा है। उन्होंने कहा कि डेढ़ साल का समय हमारे पास है, इसमें हम इतना काम कर दें कि चुनाव के समय हमें चिंता ही न रहे। कुछ मंत्रियों ने ब्यूरोक्रेसी को लेकर भी बात रखी, जिस पर मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि सरकार की मंशा के विरुद्ध कोई कार्य स्वीकार नहीं किया जाएगा। यदि सरकार के हिसाब से कोई अफसर नहीं चलता है तो उसे हटा दिया जाएगा।
जून से सीएम राइज स्कूल होंगे शुरू
बैठक में सीएम ने कहा कि भवनों  की उपलब्धता के आधार पर प्रदेश में 13 जून से साढ़े तीन सौ सीएम राइज स्कूल शुरू किए जाएंगे। इन स्कूलों के नए भवनों की लागत 24 करोड़ रुपए तय की गई है। इसी तरह से प्रदेश में एक जून से सायबर तहसील खोलने का भी फैसला किया गया है। इसके बाद किसी भी जमीन की रजिस्ट्री होने पर उसकी पूरी जानकारी आॅनलाइन देखी जा सकेगी। इसी तरह से प्रदेश में जल जीवन मिशन के लिए छह हजार करोड़ रुपए की व्यवस्था बजट में की गई है। जिसके तहत पहले पानी का पता किया जाएगा उसके बाद पाइन लाइन बिछाने का काम शुरू किया जाएगा। इसके अलावा प्रदेश में दीन दयाल रसोई योजना के तहत केन्द्रों का विस्तार , हिंदी में एमएबीबीएस शिक्षा शुरू करने , 141 जगहों पर ईको टूरिज्म का विकास करना, किसानों के लिए संभागीरू स्तर पर प्रशिक्षण केन्द्र संचालित करने एंबुलेंस की संख्या दोगुनी करने जैसे निर्णय भी लिए गए हैं।