अभी नहीं दिया सभी प्रत्याशियों ने अपने खर्च का ब्यौरा , बढ़ेगा खर्च का आंकड़ा
भोपाल/मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। पंचायत चुनाव के बाद अब नगरीय निकाय चुनाव की मतगणना का काउंटडाउन शुरू हो गया है। कल यानी 17 जुलाई को भोपाल में महापौर के 8 और 398 पार्षद प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला होगा। इस बार के चुनाव में पंचायत से लेकर नगर निगम तक के चुनाव में जमकर पैसा खर्च किया गया है। पंचायत चुनाव में जिन प्रत्याशियों की जीत हुई है उन्हें तो संतोष है, लेकिन हारने वालों को झटका लगा है। हालांकि पंचायत चुनाव में खर्च की कोई सीमा नहीं थी। वहीं नगर निगम चुनाव में प्रत्याशियों ने तय राशि से अधिक ही खर्चा किया है। भले ही उन्होंने चुनाव आयोग को दिए ब्यौरे में कम खर्च दिखाया है। गौरतलब है कि सात साल बाद नगर सरकार बनने जा रही है। इसके लिए 17 जुलाई की सुबह नौ बजे से मतगणना शुरू होगी। इस बीच नगर निगम और पंचायत के करीब 984 प्रतिनिधियों को चुनने में कुल 132.5 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान लगाया गया है। हालांकि ये आधिकारिक आंकड़ा नहीं है। प्रत्याशियों ने अभी चुनाव लड़ने में कितनी राशि खर्च की है। इसका ब्यौरा नहीं दिया है। यह राशि चुनावी खर्च में जोड़ दी जाए तो खर्च का आंकड़ा और बढ़ सकता है।
आधे से भी कम प्रत्याशियों ने दिया खर्च का ब्यौरा
नगर निगम चुनाव परिणाम की उल्टी गिनती शुरू हो गई है, लेकिन अभी तक महापौर पद की दो और पार्षद पद के 148 प्रत्याशियों ने आधा अधूरा चुनाव खर्चे का ब्यौरा दिया है। जिला पंचायत और सरपंचों के प्रत्याशियों के खर्च का कोई हिसाब-किताब नहीं मिला है। जिला निर्वाचन कार्यालय की तरफ से इस बार खान-पान, मंच, साज सज्जा, वाहन व अन्य कई प्रकार की मिलाकर कुल 91 मदों में रेट तय किए गए थे। लेकिन इससे कहीं ज्यादा महंगी दरों पर सामान खरीदा और किराए से लिया गया। गद्दे के रेट ही 15 रुपए तय किए गए थे, लेकिन बाजार में ये 30 से 40 रुपए प्रति नग किराए से मिला।
पार्षद के खर्च की सीमा 8.75 लाख
पहली बार नगर निगम चुनाव में खड़े होने वाले पार्षद पद के प्रत्याशी को चुनाव आठ लाख 75 हजार रुपए खर्च करने की अनुमति तो आयोग ने ही दी थी। महापौर पद के प्रत्याशी को ये लिमिट 35 लाख रुपए थी। इस बार जिले में 398 पार्षद पद और 8 महापौर पद के प्रत्याशी मैदान में थे। नंबर एक में सभी पार्षद पद प्रत्याशियों के खर्चे की लिमिट ही 35 करोड़ रुपए के आस-पास बैठ रही है। वहीं महापौर पद का दो करोड़ अस्सी लाख। नंबर एक में ही ये चुनाव कोई 38 करोड़ का बैठ रहा है। जबकि सभी जानते हैं कि चुनाव में खड़े हो रहे साठ से सत्तर फीसदी प्रत्याशी तो तय खर्चे से दो या तीन गुना ज्यादा चुनाव में खर्च करते हैं। जानकारों और एक्सपर्ट की मानें तो भोपाल में नगर निगम का चुनाव ही सभी प्रकार के खर्चे मिलाकर 90 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च होने का अनुमान है। वहीं नगर पालिका बैरसिया के 79 प्रत्याशी खड़े थे। इन्हें प्रति सदस्य एक लाख 25 हजार रुपए खर्च करना था। बैरसिया में प्रति सदस्य पांच-पांच लाख रुपए से कम खर्च नहीं हुआ। ये राशि भी करीब चार करोड़ रुपए बैठती है। बैरसिया और फंदा जनपद के 50 सदस्य 5 लाख के हिसाब से ढाई करोड़, जिला पंचायत के 10 सदस्य करीब दस दस लाख के हिसाब से एक करोड़ रुपये खर्च हुए। कुल साढ़े तीन करोड़ रुपये हुए। इसी प्रकार 222 पंचायतों में इतने ही सरपंच पद के लिए छह सौ से ज्यादा प्रत्याशी और पंच पद के लिए बारह सौ से ज्यादा प्रत्याशी मैदान में थे।