कहीं सदस्यों की बाड़ेबंदी, प्रलोभन तो… कही दी जा रही धमकी.
भोपाल/मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। पंच-सरपंच, जिला पंचायत सदस्यों के चुनाव संपन्न होने के साथ ही जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने की कवायद तेज हो गई है। भोपाल सहित प्रदेशभर में जिला पंचायत अध्यक्ष चुनने के लिए साम, दाम, दंड, भेद का सहारा लिया जा रहा है। यानी कहीं सदस्यों की बाडेबंदी की जा रही है, कहीं सामूहिक तीर्थ यात्रा हो रही है, कहीं प्रलोभन दिया जा रहा है तो डराया-धमकाया भी जा रहा है।
गौरतलब है कि प्रदेश में जिला पंचायत के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव 29 को होगा। इसके लिए चुनावी तैयारियां तेज हो गई हैं। उधर, भावी जिला पंचायत अध्यक्ष सदस्यों की बाड़ाबंदी करने में जुटे हुए हैं। फिलहाल खींचतान जोरों पर है। प्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने के लिए भाजपा और कांग्रेस में उठापटक शुरू हो गई है। चुनाव में भाजपा के ज्यादा सदस्य विजयी हुए हैं, इसके चलते पद पाने की होड़ है। वहीं कांग्रेस की रणनीति है कि भाजपा के थोपे हुए अध्यक्ष पद के प्रत्याशियों से नाराज सदस्यों को अपने खेमें में लाया जाए। इसी संभावना पर हर बड़े नेता को अपने जिले में सक्रिय कर दिया गया है। पिछले चुनाव में कांग्रेस के पास सिर्फ आठ जिला पंचायत अध्यक्ष थे। इस बार अध्यक्षों की संख्या बढ़ाकर कम से कम 25 तक ले जाने की रणनीति है। उधर, भाजपा में एक जिले से तीन-तीन सदस्य अध्यक्ष बनने की दावेदारी कर रहे हैं।
भोपाल के सदस्य भूमिगत
जिला पंचायत भोपाल के अध्यक्ष पद को लेकर चल रही बाड़ेबंदी में अब दस में से सात सदस्य भूमिगत हो गए हैं। ये लोग किसी का फोन नहीं उठा रहे। मात्र दो सदस्य होने के बाद भी भाजपा अपना अध्यक्ष बनाने के लिए जी तोड़ कोशिश कर रही है। तीन सदस्यों के पचमढ़ी में होने की जानकारी है। ये एक होटल में ठहरे हुए हैं, वहां सिर्फ चंद लोगों की ही एंट्री है। बताया जा रहा है कि ये तीन भाजपा के लिए वोट कर सकते हैं। जो पहले कांग्रेस के पाले में थे। वहीं कांग्रेस के सात सदस्य होने के बाद भी तीन की स्थिति डांवाडोल हो गई है। सूत्र बताते हैं कि तगड़ी खरीद फरोख्त चल रही है। इसमें तीन में से दो का जाना लगभग तय माना जा रहा है। अध्यक्ष पद की वोटिंग 28 और 29 जुलाई को होनी है। ऐसे में चार दिन का समय बाकी है। जिले में जिला पंचायत चुनाव अब कांग्रेस के लिए आन-बान-शान का मुद्दा बन गया है। अब हर हाल में कांग्रेस जिला पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष पद पर अपना कब्जा चाहती है। ऐसे में बीते त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में जीत कर आए जिला पंचायत सदस्यों की बाड़ाबंदी छत्तीसगढ़ में शुरू कर दी गई है। कांग्रेस के 12 सदस्य भोपाल से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से मिलने के बाद छत्तीसगढ़ के लिए रवाना हुए। जहां उन्हें चुनाव तक सुरक्षित रखा जाएगा। गौरतलब है कि जिला पंचायत में बीते कार्यकाल में भारतीय जनता पार्टी की ओर से कांग्रेस के सदस्यों में सेंधमारी हुई थी। इसके बाद जिला पंचायत अध्यक्ष का पद भाजपा के खाते में चला गया था। इस बार कांग्रेस किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूर्व में ही तैयारी कर चुकी है और अपना अध्यक्ष बनाने के लिए पुरजोर तैयारी में लगी हुई है। ऐसे में जिले से भोपाल पहुंचे सभी 12 जिला पंचायत सदस्य छत्तीसगढ़ के लिए रवाना हुए।
इन जिलों के पंचायत सदस्यों को भेजा दूसरे राज्य
बालाघाट, देवास, छिंदवाड़ा, दमोह, पन्ना, छतरपुर, रीवा, शहडोल, अनूपपुर, उमरिया, सीधी, मंडला, राजगढ़, मंदसौर, धार, झाबुआ, खरगोन, सिंगरौली। इसी तरह से इन जिलों के सदस्यों को भी गुजरात और मप्र के शहरों में भेजा गया है। इनमें गुना, अशोकनगर, दतिया, सागर, टीकमगढ़, सतना, कटनी, नरसिंहपुर, सीहोर, रायसेन, विदिशा, बैतूल, होशंगाबाद, हरदा, रतलाम, शाजापुर, नीमच, उज्जैन, इंदौर, अलीराजपुर, खंडवा, बुरहानपुर, निवाड़ी, झाबुआ, आगर आदि जिले शामिल हैं।
सबसे ज्यादा मारामारी अनारक्षित 26 जिलों में
छतरपुर जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए भाजपा से विद्या अग्निहोत्री, मीरा मिश्रा और उमा बुंदेला के नाम आए हैं। खबर है कि इनमें अवध मिश्रा भारी पड़ रहे हैं। ऐसे में किसी एक का असंतोष सामने आ सकता है। भाजपा के लिए एक संकट यह भी है कि जिले से 7 ओबीसी और पांच अनुसूचित जाति के सदस्य हैं। इनमें भी लामबंद होने की खबर है। ऐसे में भाजपा की राह कठिन हो सकती है। निवाड़ी में भाजपा रोशनी यादव के नाम पर सहमति दे सकती है लेकिन यहां से अमित राय भारी पड़ रहे हैं। शिवपुरी जिले में भी संभावित नाम को लेकर उठापटक चल रही है। दरअसल, सबसे ज्यादा मारामारी अनारक्षित 26 जिलों में है। इसके चलते कांग्रेस ने हर जिले में अपने प्रभारी नियुक्त कर दिए हैं। एक-दो दिन में पर्यवेक्षक भी भेजे जा सकते हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने जिले के दिग्गज नेताओं को जिले में ही रहने के निर्देश दिए हैं। इसी रणनीति के तहत मुकेश नायक को जबलपुर और महेंद्र जोशी को इंदौर के लिए जिला पंचायत एवं नगर निकाय चुनाव की गतिविधियों के लिए प्रभारी बनाया है। ग्वालियर में डॉ. गोविंद सिंह, देवास में सज्जन वर्मा, नरसिंहपुर में एनपी प्रजापति सहित अन्य जिलों में नेताओं को सक्रिय किया गया है।
बुंदेलखंड के चार जिलों में 124 सदस्य गायब
बुंदेलखंड के चार जिलों में जनपद सदस्य का चुनाव जीतने के बाद राजनीतिक दलों ने इनकी बाड़ाबंदी कर अपने कब्जे में ले लिया है। चुनाव परिणाम आने के कुछ देर बाद से विजयी सदस्य गायब हैं। ये घर नहीं आ रहे और मोबाइल भी बंद बंता रहे हैं। सागर, दमोह, छतरपुर और टीकमगढ़ जिले की 8 जनपद के 183 सदस्य में से 124 जनपद सदस्य जीत के बाद से नहीं दिख रहे हैं। टीकमगढ़ जिले में सबसे ज्यादा 75 में से 59 जनपद सदस्यों की बाड़ाबंदी की गई है। इसके पीछे राजनीतिक दलों का मकसद साफ है। वे अपने समर्थकों को जनपद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव जिताना चाहते हैं। छतरपुर जनपद अध्यक्ष की दावेदार ममता चंद्रशेखर तिवारी ने फोन पर दावा किया कि उन्हें 25 में से 21 सदस्य का समर्थन हासिल है। हालांकि वे स्वयं सदस्यों सहित दस दिन से गायब हैं। सागर जिले की दो जनपदों में 17 जनपद सदस्य जीत के बाद से गायब हैं। बीना जनपद में भाजपा का दावा है कि 20 में से 15 सदस्य पार्टी के समर्थन में हैं। इन सभी के प्रमाण पत्र लेमिनेशन कराने के नाम पर नेताओं ने अपने पास रख लिए हैं। 12 सदस्यों को दूसरी जगह पर रखा गया है। केसली में जीतने के बाद से 5 जनपद सदस्य गायब हैं। दमोह जिले के जबेरा जनपद क्षेत्र के 20 में से 5 जनपद सदस्य चुनाव के बाद से अज्ञात स्थान पर हैं।
सदस्यों के अपहरण का आरोप
टीकमगढ़ से भाजपा विधायक राकेश गिरी की बहन कल्याणी गिरी पर, जनपद अध्यक्ष का चुनाव जीतने के लिए सदस्यों के अपहरण का आरोप लगा है। मामले को लेकर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की गई है। हाईकोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए टीकमगढ़ जिले के एसपी को आदेश दिया है कि वो पूरे मामले की जांच करें और वैधानिक कार्यवाई भी करें। हाईकोर्ट में याचिका टीकमगढ़ जनपद पंचायत के वार्ड क्रमांक 19 से निर्वाचित सदस्य गुड्डी के रिश्तेदार रामेश्वर यादव ने दायर की है। याचिकाकर्ता के वकील दिनेश उपाध्याय ने बताया कि भाजपा विधायक राकेश गिरी की बहन कल्याणी गिरी टीकमगढ़ जनपद पंचायत के अध्यक्ष पद की दावेदार हैं। जो जनपद सदस्यों पर उन्हें समर्थन देने का लगातार दबाव बना रहीं थीं।