मोदी, नडड़ा व संतोष से होगी मुलाकात.
भोपाल/मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। प्रदेश में चल रही मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलों के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने दो दिन बाद दिल्ली जाने वाले हैं। वे इस दौरान पार्टी प्रमुख जेपी नड्डा व सह संगठन महामंत्री बीएल संतोष से भी मुलाकात करेंगे। शिवराज की के इस दौरे पर सभी की निगाहें लगी हुई हैं। बताया जा रहा है की मेल मुलाकता के लिए एक दिवसीय प्रवास पर मुख्यमंत्री 30 अगस्त को दिल्ली जा रहे हैं। चौहान के दिल्ली दौरे की खबर बाहर आते ही मंत्री पद के दावेदारों ने भी सक्रियता बढ़ा दी है। माना जा रहा है की प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार अगले हफ्ते हो सकता है।
गौरतलब है की प्रदेश मंत्रिमंडल में अभी चार पद रिक्त हैं। इन चार पदों के लिए करीब एक दर्जन विधायक दावेदार हैं। इनमें कई वरिष्ठ विधायक और पूर्व मंत्री तक शामिल हैं। यह वे विधायक हैं जिन्हें श्रीमंत समर्थक विधायकों को मंत्री बनाए जाने की वजह से इस बार सरकार में अब तक मौका नहीं मिल सका है। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा संगठन व सत्ता दोनों ही इन रिक्त पदों को भरने के पक्ष में बताए जाते हैं। दरअसल नए मंत्रियों के सहारे भाजपा राजनैतिक समीकरणों को साधना चाहती है , जिसका फायदा पार्टी को अगले चुनाव में मिल सके। इसमें क्षेत्रीय व जातीय समीकरण साधे जाने के पूरे प्रयास किए जाएंगे। अटकलें तो यह भी हैं की यह मंत्रिमंडल विस्तार विधानसभा के मॉनसून सत्र के पहले कभी भी हो सकता है। इन चुनावों की वजह से ही शिव का पूरा फोकस आदिवासी मतदाताओं पर बना हुआ है। इसके अलावा पिछड़ों को अपने पक्ष में करने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। मुख्यमंत्री स्वंय भी पिछड़ा वर्ग से आते हैं। संगठन सूत्रों की माने तो पिछले हफ्ते सीएम की राष्ट्रीय सहसचिव शिवप्रकाश और संगठन के अन्य नेताओं के साथ लगातार तीन दिन तक बैठकें हुई थीं। इन बैठकों में जिलाध्यक्ष समेत संगठन के अन्य नेताओं और विधायकों के बीच समन्वय बढ़ाने के अलावा मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर भी गंभीर रुप से चर्चा की जा चुकी है। इस बैठक में तय किया गया था कि इस संबंध में केन्द्रीय नेतृत्व से भी बात की जाएगी। दरअसल अभी शिव कैबिनेट में 30 मंत्री हैं जिनमें से 23 कैबिनेट और 7 राज्य मंत्री हैं। विधायकों की संख्या के हिसाब से अभी चार और सदस्यों को मंत्री बनाया जा सकता है। मंत्रिमंडल में फिलहाल क्षेत्रीय संतुलन कम है। राजनीतिक कारणों से ग्वालियर-चंबल अंचल के मंत्रियों की संख्या बेहद अधिक है। इसी तरह से सागर जिले से तीन-तीन मंत्री आते हैं। इसके उलट जिस विंध्य अंचल से सर्वाधिक विधायक आते हैं, वहां से सबसे कम मंत्री हैं। यह बात अलग है की विंध्य अंचल के विधायक गिरीश गौतम को विधानसभा अध्यक्ष बनाकर पार्टी ने कुछ हद तक समीकरण साधने का प्रयास किया है। इसके बाद भी विंध्य अंचल से मंत्रियों की संख्या वृद्धि की मांग स्थानीय संगठन नेता और विधायक करते आ रहे हैं। यही हाल महाकौशल अंचल में बनी हुई है। माना जा रहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार में विंध्य, महाकौशल, के अलावा मालवा से भी एक-एक विधायक को जगह दी जा सकती है। इसमें भी एक मंत्री अनुसूचित जाति को जाना तय है। फिलहाल मंत्री पद के दावेदारों में अजय विश्नोई , संजय पाठक राजेन्द्र शुक्ला, केदार शुक्ला, रमेश मेंदोला नागेंद्र सिंह , यशपाल सिंह सिसोदिया और जोबट सीट से उपचुनाव जीतने वाली आदिवासी समुदाय से सुलोचना रावत के नाम शामिल हैं।
यह मानी जा रही है वजह
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा की जाने वाले इस विस्तार की वजह नगरीय निकाय चुनाव के परिणाम है। त्रिस्तरीय पंचायत व नगरीय निकाय चुनाव में ग्वालियर, विन्ध्य व महाकौशल में जो परिणाम आए हैं, उससे पार्टी हाईकमान खुश नहीं है। इसी कारण मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने चुनाव परिणामों के बाद विंध्य, ग्वालियर, चंबल व महाकौशल क्षेत्र के विधायकों व पार्टी पदाधिकारियों की बैठक बुलाई थी। इसके बाद से ही पार्टी में लगतार चिंतन मनन किया जा रहा है और हार के कारणों की पुख्ता रुप सेू तलाा की जा रही है। भाजपा की सबसे बड़ी चिंता विन्ध्य प्रदेश की सिंगरौली से मध्यप्रदेश में केजरीवाल आप पार्टी की इंट्री है। हालंकि ओबीसी की एंट्री को भी खतरनाक माना जा रहा है और खासतौर से मुस्लिम बाहुल्य इलाकों मैं ओबीसी की पार्टी अब बढ़ता जनाधार बीजेपी के लिए चिंता का सबब बन गया है।
बदले जाएंगे कुछ विभाग
कुछ मंत्रियों के विभागों का भी बदला जाना तय है, जबकि उपचुनाव में हारने वाली इमरती देवी और ऐदल सिंह कंसाना के विभाग भी अभी किसी मंत्री के पास नहीं है , जिनका भी वितरण किया जाएगा। सूत्रों का यह भी कहना है कि इसके साथ ही कुछ मंत्रियों के विभागों में भी फेरबदल किया जा सकता है। यह वे मंत्री हैं, जिन्हें अब तक सत्ता व संगठन नॉन परफॉर्मिंग मान रहा है। इसके पीछे ठोस वजह भी है। हाल ही में हुए पंचायत चुनाव और नगर निकाय चुनाव में बीजेपी का प्रदर्शन मनमाफिक नहीं रहा। लिहाजा आलाकमान की नाराजगी की बातें भी सामने आ रही हैं। सूत्रों की माने तो जिन मंत्रियों का परफॉर्मेंस खराब है, ऐसे में मान जा रहा है कि उन मंत्रियों के विभाग बदले जा सकते हैं। सत्ता और संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक 10 मंत्रियों का परफॉर्मेंस खराब है। इनमें वे मंत्री शामिल हैं, जिनके पास भारी भरकम विभाग हैं। खबर तो यह भी है कि दो से तीन मंत्रियों की छुट्टी हो सकती है. हालांकि सीएम शिवराज चुनाव के पहले रिस्क नहीं लेना चाहेंगे, ऐसे में मंत्री पद से किसे हटाया जाएगा, यह फैसला केंद्रीय हाईकमान को लेना है।