भोपाल/मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। अब तक आर्थिक संकट से जूझ रही प्रदेश सरकार को बड़ी राहत मिली है। सकंट से निपटने के लिए सरकार द्वारा एक बार फिर से दो हजार करोड़ रुपए का नया कर्ज लेने की पूरी तैयारी कर ली गई है, इस बीच सरकारी खजाने म16 हजार करोड़ रुपए आ गए हैं। इसकी वजह से अब प्रदेश में विकास के कामों में तेजी आना तय है।
यह राशि केन्द्र सरकार द्वारा जारी की गई है। दरअसल प्रदेश को अप्रैल से जुलाई के बीच चार माह में महज 2,710 करोड़ रुपए ही जारी किए गए थे , जिसकी वजह से प्रदेश का खजाना खाली ही बना हुआ था। इसकी वजह से प्रदेश सरकार को बार-बार कर्ज लेना पड़ रहा था, लेकिन अब यह बड़ी राशि मिलने के बाद कम से कम दो तीन माह तक प्रदेश सरकार को कर्ज लेने से मुक्ति मिल सकेगी। यह बात अलग है की प्रदेश सरकार दो हजार करोड़ रुपए का नया कर्ज लेने जा रही है। इस कर्ज की सभी औपचारिकताएं पहले से ही पूरी कर ली गई थीं। एक साथ प्रदेश के खजाने में कुल मिलाकर अठारह हजार करोड़ की राशि आने की वजह से फिलहाल आर्थिक संकट पूरी तरह से टल गया है। दरअसल मप्र को केंद्रीय करों में जीएसटी सहित वित्तीय विभाग से वर्ष 2022-23 में 64 हजार 106 करोड़ की राशि मिलनी है। जबकि केंद्र से सहायता अनुदान के रुप में 44 हजार 594 करोड़ रुपए मिलने हैं। इसमें से हाल ही में केंद्र ने करीब 16 हजार करोड़ की राशि जारी की है, इसमें केंद्रीय करों में हिस्सा 12,283 करोड़ और सीबीईसी फंड के खाते से 2,456 करोड़ की राशि उपलब्ध कराई गई है। इस मिली राशि में से प्रदेश सरकार केंद्रीय सहायता अनुदान के हिस्से से 6,445 करोड़ रुपए के विकास कामों को करा सकती है। इस मद में मार्ट सिटी, शहरों में अधोसंरचना विकास, मनरेगा के कार्य, पंचायत में विभिन्न सड़कों के निर्माण, भारी बारिश से हुए नुकसान की वजह से आपदा राहत कार्य, आदिवासी क्षेत्रों में छात्रावास और आश्रम निर्माण सहित जिला न्यायालयों के भवन एवं आवास के कार्य कराए जाने के प्रावधान हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने की थी पहल
केंद्रीय सहायता अनुदान में मप्र को कम राशि मिलने के कारण मुख्यमंत्री ने मंत्रियों तथा अफसरों की मीटिंग में निर्देश दिए थे कि वह केंद्र से ज्यादा राशि लाने केंद्रीय मंत्रियों से मिले। इस मामले में सीएम स्वयं भी कुछ समय पहले केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सहित अन्य मंत्रियों से मिले थे। जिसके बाद केंद्र से फंड रिलीज हो सका।
2 हजार करोड़ का कर्ज: राज्य सरकार 13 सितम्बर को रिजर्व बैंक के मुम्बई कार्यालय के माध्यम से अपनी सिक्युरिटीज का विक्रय कर बाजार से 2 हजार करोड़ रुपयों का बाजार से नया कर्ज उठाने जा रही है। इस कर्ज का पूर्ण भुगतान दस साल बाद किया जायेगा और इस दौरान साल में दो बार कूपन रेट पर ब्याज का भुगतान किया जायेगा। वर्तमान वित्त वर्ष में राज्य सरकार 23 जून को 2 हजार करोड़ रुपये एवं 28 जुलाई 2022 को भी 2 हजार करोड़ रुपये का बाजार से कर्ज उठा चुकी है तथा अब तीसरी बार कर्ज उठाने जा रही है। सके साथ ही राज्य सरकार पर कर्ज का कुल भार तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक हो चुका है।