राजनीतिक दंगल: गहलोत के मंत्रियों के भाषण में गूंजे पायलट जिंदाबाद के नारे, जूते फेंके.
कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला की अस्थियों को पुष्कर सरोवर में विसर्जित करने से पहले सोमवार को मेला मैदान में आयोजित सामाजिक महाकुंभ राजनीतिक अखाड़ा बन गया। जनसभा में आई भीड़ ने अशोक गहलोत सरकार के मंत्रियों के संबोधन के दौरान भारी विरोध किया और जूते चप्पल तक उछाले। पूरे कार्यक्रम के दौरान सभा में आए युवा सचिन पायलट जिंदाबाद के नारे लगाते रहे। इससे कांग्रेस के कई नेता खुद का असहज महसूस करने लगे। इस हंगामे के बाद राजनीति ट्वीटर वार भी शुरू हो गया। भारी अव्यवस्थाओं के बीच हुए इस आयोजन में कई बार पुलिस और लोगों के बीच तीखी झड़प भी हुई। गुर्जर नेता कर्नल बैंसला को अंतिम विदाई देने के लिए उनके बेटे विजय बैंसला ने प्रदेश में अस्थि कलश यात्रा निकाली थी। सोमवार को कर्नल बैंसला की जयंती के मौके पर उनकी अस्थियों को पुष्कर सरोवर में विसर्जित किया गया। इससे पहले एमबीसी वर्ग में आने वाली सभी जातियों का एक महाकुंभ पुष्कर मेला मैदान में आयोजित किया गया।
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम का बड़ा फैसला, 3 हाईकोर्ट में 20 जजों की नियुक्ति को मंजूरी
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने तीन हाईकोर्ट में 20 जजों की नियुक्ति को अपनी हरी झंडी दिखा दी है। चीफ जस्टिस यू। यू ललित की अध्यक्षता वाले सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट, बॉम्बे हाईकोर्ट और कर्नाटक हाईकोर्ट में 20 जजों की नियुक्ति को मंजूरी दी है। इस बात की जानकारी अधिकारियों ने दी है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम ने सोमवार को हुई बैठक में 9 न्यायिक अधिकारियों को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में जज के पद पर पदोन्नत किये जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड किये गये एक बयान के मुताबिक, कॉलेजियम ने बॉम्बे हाईकोर्ट के न्यायाधीश के तौर पर दो अधिवक्ताओं को नियुक्त किये जाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी। ठीक इसी तरह 7 सितंबर को हुई एक बैठक में कॉलेजिमय ने 6 न्यायिक अधिकारियों को बॉम्बे हाईकोर्ट के जज के तौर पर पदोन्नत किये जाने की मंजूरी दी थी।
नाक से दी जाने वाली कोरोना की नयी दवा कोरोना के लिए हो सकती है घातक: रिसर्च
शोधकर्ताओं ने कोविड-19 के लिए नाक से दी जाने वाली एंटी-वायरल दवा विकसित की है, जो संक्रमित पशुओं से सार्स-सीओवी2 के प्रसार को कम तथा इसके संक्रमण को सीमित कर सकती है। जब लोगों की जांच में कोविड-19 होने का पता चलता है तब तक वायरस उनके श्वसन तंत्र में पैठ बना चुका होता है। वहीं लोग हर सांस के साथ अदृश्य संक्रामक तत्वों को शरीर से बाहर निकालते हैं। इस समय कोविड-19 के उपचार वाली दवाएं वायरस के प्रकोप से होने वाले लक्षणों पर केंद्रित हैं लेकिन उनसे संक्रमण को फैलने से रोकने की दिशा में बहुत ज्यादा सफलता नहीं मिलती। अमेरिका के ग्लैडस्टोन इंस्टीट्यूट के अनुसंधानकर्ताओं ने पूर्व में संक्रामक रोगों के उपचार के लिए अनोखा तरीका इजाद किया जिसमें एक खुराक में नाक से दवा दी जाती है जो सार्स-सीओवी 2 के गंभीर संक्रमण से बचाव करती है। प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी आॅफ साइंसेस पत्रिका में प्रकाशित एक नये अध्ययन में वे दर्शाते हैं कि थेरप्यूटिक इंटरफियरिंग पार्टिकल नामक यह उपचार संक्रमित पशुओं से वायरस के संक्रमण को कम करता है और इसके प्रसार को सीमित भी करता है।
आज से यूपी में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे, जानें किन 12 पॉइंट्स पर होगी जांच
योगी सरकार के आदेश के बाद मंगलवार यानी 13 सितंबर से प्रदेश के गैर मान्यता प्राप मदरसों का सर्वेक्षण शुरू हो रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से यह बात भी साफ कर दी गई है कि किन बिंदुओं पर मदरसों का सर्वे होगा। सरकार की ओर से जारी किए गए फॉर्मेट में सर्वे के 12 बिंदु तय किए गए हैं। फॉर्मेट के मुताबिक सर्वे में यह देखा जाएगा कि गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की गवर्निंग कैसे होती है? इन्हें पैसे कहां से आते हैं? पाठ्यक्रम क्या है? उधर, समाजवादी पार्टी समेत अन्य विपक्षी दलों और मुस्लिम संगठनों के विरोध पर यूपी के अल्पसंख्यक मंत्री दानिश अंसारी ने बताया कि सरकार का मकसद मदरसों को मुख्यधारा में लाना है। शिक्षा के आधुनिक तरीकों से जोड़ने की अगर कवायद चल रही है तो इसमें किसी को परेशानी क्या हो सकती है? हालांकि, विरोध के बीच आज से मदरसों का सर्वे शुरू हो जाएगा। 15 अक्टूबर तक टीमों को अपना सर्वे पूरा करना है और 25 अक्टूबर तक यह रिपोर्ट शासन को सौंपनी है।