सैकड़ों शिक्षक पढ़ाई छोड़ कर रहे दूसरा काम

सांसदों व विधायकों की भी कर रहे हैं हुकुम तामीली.

भोपाल/मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। प्रदेश के स्कूल भले ही शिक्षकों की भारी कमी से परेशान हैं, लेकिन सैकड़ों शिक्षक ऐसे हैं , जिन्हें इससे कोई अंतर नहीं पड़ रहा है। यह वे शिक्षक हैं जो अपनी पंसद के आधार पर पढ़ाई कराना छोड़कर गैर शिक्षकीय कामों में लगे हुए हैं। इनमें से कई ने तो दूसरे विभागों में अपनी सेवाएं प्रतिनियुक्ति पर करा ली हैं , तो कई अटैचमेंट के नाम पर दूसरे कामों को कर रहे हैं। हद तो यह है कि कई शिक्षक तो सांसदों व विधायकों की तक तामीरदारी या फिर कहें की उनकी हुकुम तामीली में लगे हुए हैं। खास बात यह है कि इस मामले में स्कूल शिक्षा विभाग और अन्य विभाग भी सरकार के निर्देशों को भी तवज्जो नहीं दे रहे हैं। इसकी वजह से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। हद तो यह है जो शिक्षक दूसरे काम कर रहे हैँ उनकी वेतन स्कूलों से ही निकाली जा रही है। हाल ही में सरकार ने सभी कलेक्टर को पत्र लिखकर शिक्षकों से गैर शैक्षणिक काम नहीं कराने के निर्देश दिए थे। इसके साथ ही कहा था कि शिक्षक अगर कहीं दूसरी जगह अटैच हैं तो उन्हें तत्काल रिलीव किया जाए। बावजूद प्रदेश के स्कूलों में सैकड़ों शिक्षक नेता-मंत्री की सेवा कर रहे हैं। कई शिक्षक निर्वाचन जनगणना कार्यालय, जिपं, जनपद, तहसील, एसडीम और संकुल केंद्र में ड्यूटी कर रहे हैं। शिक्षक संघ की माने तो पूरे प्रदेश में कई स्कूलों में गिनती के शिक्षक हैं। कहीं एक तो कहीं दो, फिर भी उन्हें दूसरे कामों में लगाया हुआ है।
विधायकों की तीमारदारी में लगे
रतलाम जिले के पांच में से तीन विधायकों के पीए के रूप में शिक्षक काम कर रहे हैं। इन विधायकों ने ही उन्हें बतौर पीए अपने स्टाफ में पदस्थ कराया हुआ है। इन विधायकों में डा. राजेंद्र पांडेय, दिलीप मकवाना व मनोज चावला शामिल हैं। इस मामले में डीईओ केसी शर्मा यह कहकर पल्ला झाड़ लेते हैं कि विधायकों के पीए बने शिक्षकों के लिए भोपाल से आदेश जारी हुए थे। यही नहीं इनमें से कोई भी उनके जिले से संबधित न ही है। इसी तरह से मंदसौर विधायक यशपाल सिंह और सतना में पंचायत राज्य मंत्री रामखेलावन पटेल ने भी शिक्षक को पीए बना रखा है। खास बात यह है कि शिक्षक लोकनाथ पटेल को पीए बनाने की जब विभाग ने अनुमति नहीं दी तो मंत्री ने अपने रसूख का इस्तेमाल करते हुए सामान्य प्रशासन विभाग से उसके लिए अनुमति जारी करवा डाली। यही नहीं रीवा में पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला की सेवा में भी एक शिक्षक राजीव तिवारी पदस्थ हैं, तो इसी तरह से गुढ़ विधायक नागेंद्र सिंह की सेवा में भी शिक्षक ढिल्लन सिंह को तैनात किया गया है। इसी तरह से कई बीएलओ के साथ अन्य विभागों में भी शिक्षक अटैच हैं।
सीधी सांसद की सेवा भी शिक्षक के हवाले
विधायकों व मंत्री की ही तरह सीधी सांसद रीति पाठक ने भी अपनी की खिदमत में संकुल चौफाल के अध्यापक हीरालाल यादव को तैनात कर रखा है। वे 2015 से ही पढाई की जगह सांसद की तीमारदारी करते आ रहे हैं। इस मामले में डीईओ ने उन्हें सरकार के आदेश के बाद भी कार्यमुक्त कर स्कूल में तैनात करना उचित नहीं समझा है। इसी तरह से राजधानी के नजीराबाद के शासकीय शाला में पदस्थ राजेंद्र साहू का अटैचमेंट तीन सालों से जिला शिक्षा केंद्र में हैं। वहीं शासकीय उमावि छोला में पदस्थ शिक्षक सुनील धानोडकर करीब आठ वर्षों से मंत्रालय में अटैच हैं। वहीं परवलिया संकुल में पदस्थ शिक्षक हुजूर तहसील में कई सालों से अटैच हैं।