राहुल गांधी की यात्रा से प्रदेश में शुरू हो जाएगा कांग्रेस का चुनावी अभियान

प्रदेश कांग्रेस द्वारा जारी है जोर-शोर से तैयारियां.

भोपाल/मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। मप्र ऐसा राज्य है जहां पर कांग्रेस के लिए अगली बार अच्छी संभावनाएं देखी जा रहीं हैं। यही वजह है कि पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ अभी से चुनावी तैयारियों में पूरी ताकत लगाए हुए हैं। वे इस बार कोई कमी नहीं छोड़ना चाहते हैं। इतना ही नहीं वे समय से पहले न केवल प्रत्याशी घोषित करना चाहते हैं बल्कि , चुनावी तारीखों की घोषणा के पहले पार्टी को चुनावी प्रचार में उतारने की भी मंशा रखते हैं। यही वजह है कि अब पार्टी के रणनीतिकारों ने प्रदेश में चुनाव अभियान के श्रीगणेश के लिए ऐसा समय चुना है, जब प्रदेश में लगातार सोलह दिनों तक राहुल गांधी रहने वाले हैं। इस दौरान वे प्रदेश में 382 किलोमीटर की पदयात्रा करेंगे। यही वजह है कि अब तय किया गया है कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव अभियान की शुरूआत कर दी जाए।
प्रदेश में आने वाली यात्रा में राहुल गांधी न केवल उज्जैन में महाकाल मंदिर में दर्शन करेंगे, बल्कि उसके बाद वे एक सभा को भी संबोधित करेंगे। पार्टी उज्जैन में राहुल गांधी की सभा को बड़ा स्वरूप देने की तैयारी में लगी हुई है। इसकी तैयारियों के लिए कमल नाथ स्वयं मॉनीटरिंग कर रहे हैं। इस यात्रा के पहले प्रदेश भर के अलग-अलग अंचलों से पार्टी की सह यात्राएं भी निकाली जानी है, जो बाद में मुख्य यात्रा में शामिल होंगीं। सभी सहायक यात्राएं बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, इंदौर, उज्जैन और आगर मालवा जिले में राहुल गांधी की यात्रा में मिल जाएंगी। इन यात्राओं को निकालने का काम दीपावली के बाद शुरू होगा। प्रदेश में यात्रा पूरी होने के बाद संभाग स्तर पर सभाएं व जिलेवार कार्यकर्ता सम्मेलन करने की भी योजना है। इसी वजह से अब पीसीसी ने राहुल की यात्रा के माध्यम से पार्टी के पक्ष में अभी से चुनावी माहौल बनाने की तैयारी करना शुरु कर दिया है। दरअसल राहुल गांधी के प्रदेश में मौजूद होने और उनकी यात्रा में शामिल होने के लिए आने वाली भीड़ की वजह से इस समय को नाथ चुनावी अभियान के लिए बेहद उपयुक्त मानकर चल रहे हैं। दरअसल भारत जोड़ो यात्रा यात्रा महाराष्ट्र से प्रदेश में 20 नवंबर शुरू करने जा रही है। इसमें प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधायक पदयात्रा करेंगे और गांव और कस्बों में आमजन से संवाद भी किया जाना प्रस्तावित है।
कांग्रेस व जयस में चुनावी गठबंधन संभावित
इस बीच खबरें आ रही हैं कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस व जयस के बीच चुनावी गठबंधन हो सकता है। इसके लिए जयस द्वारा कल यानि की 20 अक्टूबर को धार जिले के कुक्षी विधानसभा क्षेत्र में महापंचायत बुलाई गई है। इसमें आदिवासियों की मौजूदगी में यह फैसला लिया जाएगा कि वह विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का साथ देगा या अकेले की दम पर चुनाव लड़ेगा। दरअसल प्रदेश में आदिवासी मतदाताओं का बेहम अहम रोल रहता है। यही वजह है कि आदिवासी वोटबैंक की जोड़-तोड़ की राजनीति तेज होती जा रही है। बीते चुनावों में जयस से कांग्रेस को बड़ी ताकत मिली थी। इसी वजह से कांग्रेस ने मालवा निमाड़ में बेहतर प्रदर्शन किया था और सत्ता तक पहुंचने में भी सफल रही थी। दरअसल, जयस अब खुद प्रदेश में राजनीतिक ताकत बनना चाहता है। इसी वजह से अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले जयस कांग्रेस से भी सीटों को लेकर मोलभाव करने की पूरी तैयारी मे है। यही वजह है कि जयस अपने प्रभाव वाले इलाके में अपने लिए सीटें चाहता है। इधर, कमलनाथ का कहना है कि जयस का जो प्रत्याशी योग्य होगा, पार्टी उसे ताकत देगी।
प्रदेश में आदिवासी डालते हैं एक सैकड़ा सीटों पर प्रभाव
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में आदिवासियों के लिए 47 विधानसभा सीट आरक्षित हैं। इसके अलावा पूरे प्रदेश में इस वर्ग के मतदाता लगभग इतनी ही दूसरी सीटो ंपर भ्ज्ञी हारजीत को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं। जयस का मालवा और महाकोशल के आदिवासी क्षेत्र में बड़ा प्रभाव माना जाता है। बीते चुनाव में जयस की वजह से ही आदिवासी वोटबैंक भाजपा की वजह से कांग्रेस के साथ हो गया था। इसकी वजह से ही भाजपा को 109 सीटों पर ही संतोष करना पड़ गया था। इसके उलट कांग्रेस 114 सीटें जीतने में सफल रही थी। गौरतलब है कि बीते चुनाव में जयस नेता डॉ. हीरालाल अलावा ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था और जीते भी थे। यही नहीं उनकी वजह से भाजपा की तत्कालीन मंत्री रंजना बघेल, निर्मला भूरिया सहित कई भाजपा के आदिवासी नेताओं को हार का सामना तक करना पड़ गया था। दरअसल, प्रदेश में आदिवासी वर्ग जिस दल के साथ होता है, वह सत्ता में आता है। पिछले चुनाव में कांग्रेस को अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित 47 सीटों में से 31 सीटें मिली थीं। जबकि, भाजपा 15 सीटें ही जीत पाई थी। एक विधानसभा क्षेत्र में निर्दलीय प्रत्याशी विजयी रहा था। 2013 के विधानसभा चुनाव में स्थिति इसके ठीक उलट थी। भाजपा को 31 सीटें मिली थीं। जबकि, एक जो निर्दलीय प्रत्याशी जीता था, वह भाजपा का ही बागी था।
किया जाएगा पुस्तक वितरण
राहुल गांधी की इस यात्रा के दौरान प्रदेश कांग्रेस द्वारा एक पुस्तक वितरण की योजना भी तैयार की गई है। यह आठ पेज की होगी , जिसमें प्रदेश की भाजपा सरकार की असफलता, शिक्षा, स्वास्थ्य, बेरोजगारी, कृषि, महंगाई, कानून व्यवस्था और भ्रष्टाचार से संबंधित विषयों को सम्मिलित किया गया है। इसके अलावा इसमें कमलनाथ सरकार की उपलब्धियां भी होंगी। दरअसल प्रदेश कांग्रेस ने यात्रा में हर दिन एक लाख लोगों के शामिल होने की योजना बनाई है। यह लोग हर दिन प्रदेश के अलग-अलग जिलों से यात्रा में शामिल होने के लिए आएंगे। माना जा रहा है कि यह पुस्तक हर दिन शामिल होने वाले लोगों को दी जाएगी, जिससे की पार्टी की बात आसानी से आम लोगों तक पहुंच सके।
यात्रा को लेकर कार्यकर्ता उत्साहित
21 अक्टूबर को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह सभी वरिष्ठ नेताओं के साथ यात्रा की तैयारियों को अंतिम रूप देंगे। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि इस यात्रा को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं में अति उत्साह बना हुआ है। राहुल गांधी के साथ यात्रा करने के लिए अभी तक सात हजार कार्यकर्ता द्वारा पंजीयन कराया जा चुका है।
इस तरह की है तैयारी
पार्टी सूत्रों के अनुसार प्रदेश में निकलने वाली यात्रा के लिए जो तैयारी की जा रही है ,उसके मुताबिक हर रोज यात्रा सुबह छह बजे झंडा वंदन के साथ शुरू होगी। इसके बाद 13 से 15 किमी की दूरी तय करने के बाद भोजन व कुछ देर के लिए विश्राम के लिए यात्रा रुकेगी । इसके बाद शेष दूरी तय करने के बाद रात में नुक्कड़ सभी की जाएगी। यात्रा प्रतिदिन 25 किमी की दूरी तय करेगी।