मिशन मोड में होगी भाजपा विधायक दल की बैठक

मंत्रिमंडल विस्तार और क्षेत्रीय विकास का तैयार होगा खाका

भोपाल/मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 19 नवंबर को विधायक दल की बैठक बुलाई है। बैठक में चुनाव रणनीति के साथ ही क्षेत्रीय विकास और मंत्रिमंडल विस्तार पर चर्चा के साथ ही 20 नवंबर से शुरू होने वाली जनजातीय गौरव यात्रा पर भी मंथन होगा। भाजपा सूत्रों को कहना है की विधायक दल की बैठक मिशन मोड में होगी। यानी बैठक का मुख्य मुद्दा आगामी विधानसभा चुनाव है। अत: बैठक में चुनावी रणनीतियों पर मंथन किया जाएगा और आगे की रणनीति बनाई जाएगी। जानकारी के अनुसार बैठक सुबह 11 बजे से शुरू होगी और दो घंटे से अधिक समय तक चलेगी। इसके बाद सहभोज किया जाएगा। भाजपा विधायक दल के मुख्य सचेतक डॉ. नरोत्तम मिश्रा की ओर से विधायकों को इसकी सूचना भेज दी गई है, जिसमें कहा गया है कि बैठक महत्वपूर्ण है, इसमें अनिवार्य रूप से उपस्थित हों। अमूमन विधायक दल की बैठक सत्र के आसपास होती है, लेकिन इस बार अचानक बैठक आयोजित होने से विधायक भी आश्चर्य में हैं। सूत्रों की माने तो विस का सत्र अगले महीने है।
विधायकों से पूछा जाएगा विकास का खाका
सूत्रों का कहना है की बैठक में मुख्यमंत्री विधायकों से उनके क्षेत्र के दो सबसे जरूरी काम पूछ सकते हैं। जिन्हें विधानसभा सत्र में आने वाले अनुपूरक बजट में शामिल किया जा सके। इसके अलावा विधायकों से उनके क्षेत्र की अन्य समस्याओं और संगठन नेताओं से समन्वय पर भी चर्चा होगी। बैठक में प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद भी मौजूद रहेंगे। माना जा रहा है संगठन भी अपने कुछ कार्यक्रमों को लेकर विधायकों को जिम्मेदारी दी जा सकती है।
मंत्रिमंडल विस्तार पर चर्चा
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपनी सरकार में कैबिनेट की खाली जगहों का अगले महीने भर सकते हैं। हालांकि, इस संबंध में फैसला दिसंबर में गुजरात चुनाव परिणाम के बाद होने की संभावना है। संभावना जताई जा रही है कि इसमें विधायकों को भरोसे में लेकर 4 मंत्रियों के नामों को तय कर लिया जाएगा। फिलहाल 4 पदों के लिए 14 दावेदार शामिल हैं। मंथन में मंत्रियों की परफॉर्मेंस पर चर्चा हो सकती है। इसके साथ ही क्षेत्र में कमजोर स्थिति वाले मंत्रियों को विभागों मुक्त कर क्षेत्र में फोकस करने को कहा जा सकता है। सूत्र बताते है की कई मंत्रियों की अपने क्षेत्र में स्थिति ठीक नहीं है, जबकि लंबे समय से इंतजार कर रहे विधायकों को कैबिनेट में जगह नहीं मिल पा रही है। इस कारण उन्हें सरकार में स्थान देकर सामंजस्य और साधा जा सकता है। जानकारी के अनुसार, गुजरात चुनाव के नतीजों के बाद कैबिनेट में फेरबदल को लेकर ही कोई फैसला आएगा। 28 सीटों में हुए उपचुनाव में तीन मंत्री चुनाव हार गए थे। इनके विभाग सीएम शिवराज के पास थे। चुनावी साल आने को है इस कारण पार्टी और सरकार मुख्यमंत्री का लोड कम करने और वेटिंग लिस्ट के विधायकों के साथ सामंजस्य बिठाने के लिए मंत्री मंडल में विस्तार करना चाहती है। इससे सीएम फील्ड में फोकस कर पाएंगे। इसके साथ ही प्रदेश के कुछ अन्य क्षेत्रों को सरकार में मंत्री के रूप में प्रतिनिधित्व मिल जाएगा। प्रदेश में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने हैं। अक्टूबर में आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएगी। इसके पहले निर्माण कार्यों का शिलान्यास, भूमि पूजन हो जाए, इसलिए सरकार पहली बार अनुपूरक बजट में अगले साल होने वाले कामों के प्रस्तावों को शामिल करने की तैयारी कर रही है। दरअसल, निर्माण कार्यों के प्रस्ताव बजट में सम्मिलित होने के बाद प्रशासनिक प्रक्रिया पूरी होने में चार-पांच माह लग जाते हैं। लोक निर्माण विभाग ने इसी आधार पर प्रस्ताव दिया है कि मार्च में प्रस्तुत होने वाले वर्ष 2023-24 के बजट की जगह अनुपूरक बजट में ही प्रस्तावों को शामिल कर लिया जाए। इसके लिए राशि का आवंटन अगले वित्तीय वर्ष में ही किया जाएगा। इससे निर्माण कार्यों को लेकर जो प्रशासनिक प्रक्रिया जुलाई-अगस्त में पूरी होती, वह अप्रैल-मई तक हो जाएगी।
यात्रा पर भाजपा की नजर
भारत जोड़ो यात्रा पर भाजपा की भी नजर है। यात्रा से सियासी तौर पर निपटने के लिए भाजपा ने भी पूरी तैयारी कर ली है। मुख्यमंत्री ने राहुल गांधी की यात्रा मप्र में आने से एक दिन पहले 19 नवंबर को भाजपा विधायक दल की बैठक बुलाई है। इस बैठक को भारत जोड़ो यात्रा से जोड़कर बताया जा रहा है। राहुल गांधी 20 नवंबर को मप्र में दाखिल होंगे। मालवा निमाड़ के जिन जिलों से होकर राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा निकलेगी उन जिलों में भी भाजपा नेता सक्रिय रहेंगे। पार्टी इन जिलों में कार्यक्रम आयोजित करेगी। जिसके तहत ब्लॉक स्तर पर आयोजन होंगे। इस दौरान सरकारी आयोजन भी हो सकते हैं। मप्र में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी कांग्रेसियों की बड़ी सभा या आमसभा ले रहे होंगे, तभी भाजपा कांग्रेस को बड़ा झटका दे सकती है। संगठन सूत्रों के अनुसार इसकी सियासी रणनीति बन चुकी है। सिर्फ समय और तारीख का इंतजार है। इतना तय है कि राहुल की यात्रा के दौरान मप्र में भाजपा शांत नहीं बैठेगी।