नर्सिंग की पढ़ाई कर रहे छात्रों का भविष्य अधर में

परीक्षा का इंतजार कर रहे छात्रों में निराशा और नाराजगी.

भोपाल/मंगल भारत। प्रदेश के नर्सिंग की पढ़ाई कर रहे हजारों छात्रों का भविष्य अधर में फंस गया है। इसकी वजह यह है कि नर्सिंग कॉलेजों में होने वाले बीएससी फर्स्ट ईयर की वार्षिक परीक्षा को अचानक निरस्त कर दिया गया है। सितंबर 2022 में जारी किया गया परीक्षा कार्यक्रम जबलपुर मेडिकल यूनिवर्सिटी ने यह कहते हुए निरस्त कर दिया कि विद्यार्थियों की नामांकन प्रक्रिया अब तक पूरी नहीं हो पाई है। ऐसे में दो साल से परीक्षा का इंतजार कर रहे छात्रों में निराशा और नाराजगी बढ़ती जा रही है। कारण यह है कि जिन छात्रों को ध्यान में रखकर एग्जाम की तारीख घोषित की गई थी, उन्होंने वर्ष 2020-21 में प्रवेश लिया था। इनकी परीक्षा वार्षिक पैटर्न पर आयोजित की नहीं जानी थी, यानी इस साल सेकंड ईयर की परीक्षा होनी थी, लेकिन फिलहाल तो फर्स्ट ईयर पर ही संकट आ गया है। पड़ताल में पता चला कि परीक्षा निरस्त करने की दो मुख्य वजह हैं।

पहली यह कि प्रदेश में संचालित नर्सिंग कॉलेजों में से करीब 100 कॉलेजों की अब तक वर्ष 2020-21 की मान्यता नहीं हुई है। दूसरी वजह नामांकन की है। इसके लिए दो कंपनियों को बदलने के बाद अब एमपी ऑनलाइन की जिम्मेदारी दी गई है। मामले में विवि के डिप्टी रजिस्ट्रार का कहना है कि दिसंबर तक नया कार्यक्रम घोषित कर देंगे। पूर्व कुलपति और आईएएस अफसर बी चंद्रशेखर के बाद नए कुलपति के रूप में अशोक खंडेलवाल ने जिम्मा संभाला था। इसके बाद से अब तक कार्यपरिषद की दो बैठकें हो चुकी हैं। इनमें सितंबर माह की बैठक में मान्यता वाले मामले को शामिल नहीं किया, जबकि अक्टूबर की कार्यपरिषद की बैठक में मिनिट्स पब्लिक डोमेन में यानी वेबसाइट पर शेयर नहीं किए गए। परीक्षा कार्यक्रम निरस्त करने की एक वजह यह भी है कि 15 नवंबर को नामांकन और 16 नवंबर से परीक्षा फार्म भरने के आदेश दिए गए थे। एमपी मेडिकल यूनिवर्सिटी के डिप्टी रजिस्ट्रार पुष्पराज सिंह बघेल का कहना है कि यह बात सही है कि मान्यता का मामला अटका है, लेकिन परीक्षा निरस्त करने की मुख्य वजह नामांकन नहीं होना है। दिसंबर तक यह दोनों काम करवा लेंगे। दिसंबर के अंतिम सप्ताह तक परीक्षा कार्यक्रम घोषित कर दिया जाएगा।