सीएम के साथ अब मंत्री भी संभालेंगे मैदानी मोर्चा…
भोपाल/मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। मप्र में भाजपा अब पूरी तरह चुनावी मोड में आ गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मैदानी मोर्चा संभाल लिया है। इसके लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रियों के साथ बैठक कर उन्हें चुनावी मंत्र दे दिया है। अब शिवराज का मंत्र लेकर प्रदेश के सभी मंत्री मैदान में उतरेंगे। उधर मंत्री अपने प्रभार वाले जिले में दौरे के दौरान क्या-क्या करेंगे, उसकी पूरी रिपोर्ट संगठन तैयार करेगा। यानी अब पार्टी मंत्रियों के दौरों की पूरी निगरानी करेगी। इसके आधार पर मंत्रियों की परफॉर्मेंस तैयार की जाएगी। गौरतलब है कि मप्र विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी प्रदेश भाजपा पूरी रणनीति के तहत काम कर रही है। एक ओर जहां बूथ स्तर पर संगठन मजबूत बनाने की कवायद की जा रही है, तो वहीं सरकार की योजनाओं को शत-प्रतिशत लोगों को लाभ मिले, ऐसे प्रयास हो रहे हैं।
प्रभारी मंत्री अपने जिलों में कितने सक्रिय रहते हैं, इस पर भाजपा संगठन ने भी अपनी नजर रखनी शुरू कर दी है। प्रदेश संगठन की पिछली कुछ बैठकों में कार्यकर्ताओं और संगठन के पदाधिकारियों द्वारा सरकार के मंत्रियों, विधायकों, सांसदों एवं प्रभारी मंत्रियों की उपेक्षा की शिकायतें सुनाई पड़ी हैं। इस पर संघ ने भी अपने स्तर पर नाराजगी जताई है। और मुख्यमंत्री को जहां प्रभारी मंत्रियों को ज्यादा से ज्यादा अपने प्रभार के क्षेत्रों में प्रवास करने को कहा गया है, तो वहीं संगठन ने प्रभारी मंत्रियों के प्रवास पर नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं।
हर मंत्री की बनेगी रिपोर्ट
बताया जा रहा है कि संगठन प्रदेश नेतृत्व के माध्यम से प्रभारी मंत्रियों की सक्रियता की रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपेगा, जिसके आधार पर आगामी कार्यक्रम तय किए जाएंगे। विशेषकर प्रभारी मंत्री ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं या नहीं, उनके द्वारा किसी गांव में रात्रि विश्राम कर चौपाल लगाई जा रही है या नहीं। इसी तरह गांवों में मंत्री शिविर लगाकर लोगों की समस्याओं को तत्काल दूर कराने में अपनी भूमिका निभा रहे हैं या नहीं, इन सभी बिन्दुओं की रिपोर्ट जिला संगठन द्वारा तैयार कराई जाएगी। गौरतलब है कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 22 मंत्रियों का समूह बनाकर उन्हें तीन जिलों की जिम्मेदारी सौंपी थी, जिन्हें जिलों में जाकर लोगों की समस्याओं का निराकरण करने को कहा गया था, किन्तु इनमें एक दो समूह के मंत्रियों को छोड़ दें, तो बाकी मंत्रियों ने ज्यादा रुचि नहीं दिखाई थी, जबकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह स्वयं गांव-गांव तक पहुंचे थे। इस पर संगठन ने नाराजगी जताई थी। बैठक में यह मामला उठा था और उसके बाद सीएम ने मंत्रियों से अपने प्रभार के जिलों में ज्यादा समय देने के निर्देश दिए थे। मप्र भाजपा के प्रदेश सह मीडिया प्रभारी नरेंद्र शिवाजी पटेल का कहना है कि भाजपा कार्यकर्ताओं की पार्टी है। हमारे सभी कार्यकर्ता जनता के हितों के लिए काम कर रहे है। सरकार में बैठे कार्यकर्ता भी अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभा रहे है। कहीं कोई गुंजाइश होगी, तो उसे दूर किया जाएगा। हम सब का उद्देश्य प्रदेश की जनता की समस्याओं का निराकरण कराना और उन्हें मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराना है और हमारा संगठन और सरकार इस दिशा में लगातार काम कर रही है।
सत्ता-संगठन मिलकर चलाएंगे घर-घर संपर्क अभियान
मप्र में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने हैं। सरकार, केंद्र और राज्य की हितग्राही मूलक योजनाओं का लाभ ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए कार्ययोजना बनाकर काम कर रही है। इसके लिए मुख्यमंत्री जन सेवा अभियान (17 सितंबर से 31 अक्टूबर) चलाया गया था। इसमें 83 लाख पात्र व्यक्ति विभिन्न योजनाओं के लिए चिन्हित किए गए। इन्हें लाभ पहुंचाने की शुरूआत भी बैतूल से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कर चुके हैं। अब इस कार्यक्रम को विस्तार देने की कार्ययोजना बनाई गई है। इसमें घर-घर पहुंचाकर यह पता लगाया जाएगा कि कितने और व्यक्ति ऐसे हैं, जिन्हें योजनाओं का लाभ दिलाया जा सकता है। इसके लिए मंत्री और विधायक घर-घर जाएंगे। इस कार्यक्रम में प्रदेश भाजपा भी सहयोगी की भूमिका निभाएगी। पार्टी पदाधिकारी भी घर-घर संपर्क करेंगे और योजनाओं के बारे में फीडबैक जुटाकर सरकार तक पहुंचाएंगे। सरकार ने जन सेवा अभियान में मंत्रियों के समूह बनाकर जिलों के दौरे पर भेजा था। इसमें शिविर लगाकर पात्र हितग्राहियों के आवेदन लिए गए थे। 83 लाख व्यक्ति विभिन्न योजनाओं के लिए पात्र पाए गए और अब इन्हें स्वीकृति पत्र दिए जा रहे हैं। इसके लिए मुख्यमंत्री संभागवार कार्यक्रम कर रहे हैं और मंत्रियों को प्रभार के जिलों में जाकर हितग्राहियों को स्वीकृति पत्र या आदेश देने के निर्देश दिए हैं। दरअसल, सरकार का प्रयास है कि चुनाव से पहले उन सभी व्यक्तियों को योजनाओं का लाभ दिला दिया जाए, जो पात्रता तो रखते हैं पर उन्हें लाभ नहीं मिला है। इसके लिए अब घर-घर संपर्क अभियान चलाने की कार्ययोजना तैयार की गई है। कृषि मंत्री कमल पटेल का कहना है कि हरदा में हमने इस प्रयोग को किया है। इसके अच्छे परिणाम सामने आए हैं। अब इसका विस्तार किया जा रहा है। अभियान में केंद्र और राज्य सरकार की सभी हितग्राही मूलक योजनाओं के लिए ऐसे व्यक्तियों को चिन्हित किया जाएगा, जो पात्र हैं पर लाभ नहीं मिल रहा है। वहीं, प्रदेश भाजपा भी इस अभियान में सहयोगी की भूमिका निभाएगी। घर-घर संपर्क करके फीडबैक जुटाकर सरकार तक पहुंचाया जाएगा। सरकार विभिन्न योजनाओं के हितग्राहियों के जल्द ही सम्मेलन भी प्रारंभ करेगी।
परफॉर्मेंस खराब तो होंगे बाहर
मंत्रियों के रिपोर्ट कार्ड बनने की खबर सामने आते ही प्रदेश की राजनीतिक और प्रशासनिक वीथिका में इन दिनों अजब सी हलचल मची हुई है। सूत्रों का कहना है कि प्रदेश के मौजूदा 30 मंत्रियों की रिपोर्ट कार्ड सत्ता और संगठन द्वारा तैयार करवाई जा रही है। रिपोर्ट कार्ड तैयार होने की खबर मिलते ही उन मंत्रियों के होश उड़ गए हैं, जो अभी तक अपना टास्क पूरा करने में पिछड़े हैं। सूत्रों का कहना है कि प्रदेश में करीब आधे से ज्यादा मंत्री ऐसे हैं, जो अपने विभागीय काम के मामले में फिसड्डी साबित हुए हैं। उनमें से करीब एक दर्जन से अधिक तो ऐसे हैं जिनकी स्थिति दयनीय है। बताया जाता है कि मुख्यमंत्री बारीकी से एक-एक पॉइंट पर नजर रखे हुए हैं। विभागीय समीक्षा के दौरान मंत्रियों के सामने उनका रिपोर्ट कार्ड रखा जाएगा। उसके बाद यह रिपोर्ट कार्ड पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को भेजा जाएगा। आगे चलकर जब मंत्रिमंडल विस्तार होगा, तो इस रिपोर्ट कार्ड को आधार बनाया जाएगा। प्रदेश में आम विधानसभा चुनाव होने में अभी भले ही करीब एक साल का समय है, इसके बाद भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अभी से चुनावी मोड में आते दिखने लगे हैं। यही वजह है कि उनके इस मोड में बाधा बनने वाले मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखाने की तैयारी हो रही है। दरअसल सरकार नहीं चाहती है कि अगले विधानसभा चुनाव में भाजपा की स्थिति वर्ष 2018 के चुनाव परिणामों की तरह रहे। इसके लिए सरकार अब अपना पूरा ध्यान विकास और जनकल्याणकारी कामों को जल्द से जल्द पूरा करने पर लगा रही है। इसके माध्यम से सरकार की मंशा उसके खिलाफ कोरोना काल में बनी एंटी इनकंबेंसी को दूर करना है। यही वजह है कि प्रदेश में भी राज्य सरकार केंद्र की तरह तमाम समीकरणों को साधने के लिए राज्य मंत्रिमंडल का पुनर्गठन करने की तैयारी कर रही है। इस पुनर्गठन के पहले मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा की गई है। जिसमें कई मंत्रियों की परफॉर्मेंस पुअर पाई गई है।
विकास कार्यों की करेंगे समीक्षा
भाजपा आलाकमान ने मप्र में 51 फीसदी वोट के साथ 200 विधानसभा सीटों को जितने का टारगेट सत्ता और संगठन का दिया है। इस टारगेट का पूरा करने के लिए अब पूरी सरकार मैदानी मोर्चा संभालेगी। इसके लिए राष्ट्रीय संगठन और संघ के वरिष्ठ नेताओं ने रणनीति बनाकर सत्ता और संगठन को सौंप दिया है। इस रणनीति पर काम करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 6 दिसंबर को मंत्रियों के साथ बैठक की और उन्हें चुनाव का मंत्र देते हुए प्रभार वाले जिलों में सक्रिय होने का निर्देश दिया। गौरतलब है कि मप्र में 2023 के विधानसभा चुनाव में एक साल से भी कम का समय बचा है। इससे पहले भाजपा ने तैयारी तेज कर दी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के औचक निरीक्षण के बाद अब प्रभारी मंत्री भी प्रभार वाले जिलों में हॉस्टल, सीएम राइज स्कूल समेत अन्य विकास कार्यों की समीक्षा करेंगे। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया क सौर्हादपूर्ण चर्चा में मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों से आग्रह किया है कि दिसंबर माह में सभी मंत्री प्रभार के जिलों में दो दिन जाएंगे। विकास के कार्यों की समीक्षा करेंगे। 83 लाख लोगों को स्वीकृति पत्र दिए है, जिनको संभागीय जिलों में मुख्यमंत्री और प्रभारी मंत्री बाटेंगे। गृहमंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री ने मंत्रियों को प्रभार वाले जिलों में होस्टल, अस्पताल, सीएम राइज स्कूल के कामों की गति और विकास कार्यों की समीक्षा करने को कहा है।