मैदान के साथ सदन में भी भाजपा को घेरने की तैयारी
शीतकालीन सत्र में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी कांग्रेस.
भोपाल/मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस ने पूरी तरह मोर्चाबंदी की तैयारी शुरू कर दी है। वह प्रदेश की भाजपा सरकार को घेरने के लिए चौतरफा हमला करने जा रही है। इसके लिए विधानसभा के शीतकालीन सत्र में शिवराज सरकार के खिलाफ कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव लाएगी। कांग्रेस के विधायक और पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने अविश्वास प्रस्ताव लाने की सूचना विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह को दी है। कांग्रेस इस दौरान ई-टेंडर व पोषण आहार सहित करीब एक सौकड़ा मुद्दों पर घेरेगी। इससे 19 दिसंबर से शुरू हो रहे पांच दिवसीय सत्र के हंगामेदार होने क आसार है। पीसी शर्मा का कहना है कि सरकार की नीतियों से प्रदेश में किसान, मजदूर, व्यापारी और कर्मचारी वर्ग परेशान है। भ्रष्टाचार चरम पर है। महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। ऐसे में कांग्रेस ने तय किया है कि सत्र में इस सरकार और मुख्यमंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जाए। डॉ. गोविंद सिंह की तरफ से सूचना प्रमुख सचिव विधानसभा एपी सिंह को दी गई है। नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह द्वारा लाए जा जा रहे अविश्वास प्रस्ताव में ई-टेंडर घोटाले से लेकर 700 करोड़ रुपए के पोषण आहार घोटाले को अविश्वास प्रस्ताव में शामिल किए जा रहे हैं।
इन मुद्दों पर सरकार को घेरेगा विपक्ष
प्रदेश में लगातार बिजली कटौती और बिजली की कमी को मुद्दा बनाकर कांग्रेस सदन में भी सरकार को पूरी तरह से झोरने का काम करेगी। तबादलों के चलते प्रदेश में चरमराई प्रशासनिक व्यवस्था पर भी विपक्ष सरकार पर हमलावर रहेगा। तबादलों के खेल में भ्रष्टाचार होने का मुददा भी सदन में उठेगा। किसानों की समस्याओं को भी पार्टी भुनाने की कोशिश में है। महिला सुरक्षा और नाबालिग बच्चियों के साथ प्रदेश में हुई रेप की घटनाएं, हत्या और अपहरण की घटनाओं पर भी पार्टी सरकार को घेरेगी। पटरी से उतरी शिक्षा व स्वास्थ्य व्यवस्था पर भी सरकार से सवाल पूछे जाएंगे। कुपोषण, बेरोजगारी, सड़कों की मरम्मत न होने, रुके निर्माण कार्य के अलावा कई योजनाओं के लिए राशि उपलब्ध न होने को लेकर भी सरकार को सदन में जवाबदार ठहराया जाएगा।
पूर्व की सरकार में भी आ चुका है अविश्वास प्रस्ताव
शिवराज सिंह चौहान चौथी बार मुख्यमंत्री बने है। चौहान के खिलाफ दूसरी बार अविश्वास प्रस्ताव आएगा। वहीं 66 साल के प्रदेश में अब तक 18 नेता मुख्यमंत्री बन चुके हैं। राज्य में 12 सीएम के खिलाफ अब तक 28 अविश्वास प्रस्ताव लाए जा चुके हैं। स्वर्गीय अर्जुन सिंह ऐसे मुख्यमंत्री थे, जिन्होंने पांच बार अविश्वास प्रस्ताव का सामना किया, द्वारकाप्रसाद मिश्र के खिलाफ भी चार बार विपक्ष की ओर से नेता प्रतिपक्ष वीरेंद्र सकलेचा, लक्ष्मीनारायण नायक, मदनलाल तिवारी अविश्वास प्रस्ताव लाए थे। दिग्विजय सिंह के खिलाफ तीन बार विपक्ष की तरफ से नेता प्रतिपक्ष विक्रम वर्मा व गौरीशंकर शेजवार अविश्वास प्रस्ताव विधानसभा में लेकर आए, इन मुख्यमंत्रियों के अलावा कैलाशनाथ काटजू, भगवतराव मंडलोई, गोविंदनारायण सिंह, श्यामाचरण शुक्ल, प्रकाशचंद सेठी, वीरेंद्र सकलेचा, मोतीलाल वोरा, सुंदरलाल पटवा और शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ विपक्ष विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव ला चुका है। छह ऐसे मुख्यमंत्री भी रहे हैं जिन्होंने अपना कार्यकाल विपक्ष के ब्रह्मास्त्र अविश्वास प्रस्ताव के बिना ही पूरा कर लिया। सीएम शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह तेरहवीं विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाए थे और अभी नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने इसकी सूचना दी।
जिस पर जनता का विश्वास नहीं है, वह अविश्वास प्रस्ताव ला रहे
प्रदेश के गृह एवं संसदीय कार्यमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव ला रही है, यह आश्चर्य की बात है। जिस पर जनता का विश्वास नहीं है, वह भी अविश्वास प्रस्ताव ला रही है। राजा पटेरिया के मामले में प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष के बयान सबने सुना होगा। नेता प्रतिपक्ष और अध्यक्ष का एक-दूसरे पर विश्वास नहीं है। नेता प्रतिपक्ष की विधायक नहीं सुन रहे हैं, विधायकों की कार्यकर्ता नहीं सुन रहे हैं, कार्यकर्ताओं की जनता नहीं सुन रही है, एक-दूसरे पर किसी का विश्वास नहीं है और अविश्वास प्रस्ताव ला रहे हैं। पूरी कांग्रेस पार्टी जो अविश्वास से घिरी है। कांग्रेस के विश्वास की भाजपा को जरूरत भी नहीं है, जो विषय होगा, गुण-दोष के आधार पर जवाब दिया जाएगा। भाजपा पूरी तरह से तैयार है।
शिवराज के खिलाफ दूसरी बार अविश्वास प्रस्ताव
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ दूसरी बार अविश्वास प्रस्ताव लाया जा रहा है। तेरहवीं विधानसभा में तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह शिवराज सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाए थे। 19 दिसंबर से शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र में कांग्रेस विधायक दल शिवराज मंत्रिमंडल के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने जा रहा है। अविश्वास प्रस्ताव में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह सहित आधा दर्जन मंत्री कांग्रेस विधायकों के निशाने पर रहेंगे। सरकार के खिलाफ किन-किन मुद्दों पर अविश्वास जताया जा रहा है, उसकी विस्तृत जानकारी 18 दिसंबर को विधानसभा सचिवालय को दी जाएगी। नेता प्रतिपक्ष सरकार के खिलाफ घोटाले से संबंधित दस्तावेज भी खंगालने लगे हैं। अविश्वास प्रस्ताव में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह सहित आधा दर्जन से अधिक मंत्री प्रतिपक्ष के निशाने पर रहेंगे। मध्य प्रदेश में किसी भी राज्य सरकार के खिलाफ 28 बार इस तरह अविश्वास लाकर प्रस्ताव उसके कामकाज पर सवाल उठाए जा चुके हैं।
भ्रष्टाचार सहित कई मुद्दों पर जवाब मांगेगी कांग्रेस
कांग्रेस प्रदेश में भ्रष्टाचार समेत अन्य मुदों पर अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से सरकार से उत्तर मांगेगी। शर्मा ने कहा कि प्रदेश में भ्रष्टाचार, महंगाई, खाद की किल्लत, कर्मचारी अपने मांगों को लेकर सरकार से परेशान है। उन्होंने कहा कि 18 दिसंबर को विधायक दल की बैठक में अविश्वास प्रस्ताव के मुद्दों को लेकर चर्चा की जाएगी। जिसे 19 दिसंबर को सदन में रखा जाएगा। बता दें कांग्रेस सरकार के खिलाफ अविश्वा प्रस्ताव को लेकर लंबे समय से तैयारी कर रही है। इसमें प्रमुखता से भ्रष्टाचार के मामले को रखा जाएगा। जिसमें पोषण आहार, प्रोफेशनल एक्जामिनेशन बोर्ड की शिक्षक व पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी, कारम बांध में अनियमितता, किसानों की ऋण माफी न करके अपात्र बनाए रखने, एमपी पीएससी की परीक्षाएं न होने, ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण का लाभ न दिला पाने, लोकायुक्त व आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में भ्रष्टाचार के अरोपों में घिरे अधिकारियों-कर्मचारियोंं के विरुद्ध अभियोजन की स्वीकृति न देने समेत अन्य मुद्दे शामिल हैं। कांग्रेस की योजना इन मुद्दों को लेकर पुस्तिका छपवाने की भी है। जिसे विधानसभा चुनाव के पहले सभी जिलों में जनता के बीच बांटा जाएगा।