वीडी ही मप्र भाजपा के लिए निर्विवाद

मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। मप्र में मिशन 2023 के लिए


भाजपा ने 51 फीसदी वोट के साथ 200 सीटें जीतने का जो लक्ष्य निर्धारित किया है उसे प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा की अगुवाई में ही पाया जा सकता है। इस बात का संकेत राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में आलाकमान ने दिया है। दरअसल, वीडी शर्मा मप्र भाजपा के लिए शुभंकर तो साबित हुए ही हैं, उनकी छवि भी निर्विवाद है। सत्ता और संगठन के बीच जितना सामंजस्य मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और वीडी शर्मा की जोड़ी के कार्यकाल में दिख रहा है उतना पहले कभी नहीं दिखा है। इसलिए सत्ता और संगठन को विश्वास है कि आगामी विधानसभा चुनाव शिव-वीडी के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा। सूत्रों के अनुसार दो दिन चली राष्ट्रीय कार्यसमिति के दौरान भाजपा हाईकमान ने चुनावी राज्यों की लीडरशिप से जीत की रणनीति के ड्रॉफ्ट मंगाए थे। राज्यों से गए प्रतिनिधियों ने कार्यसमिति में अपनी जीत के रोडमैप और अपनी तैयारियों के बारे में बताया था। भाजपा सूत्रों के अनुसार भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा को एक्सटेंशन मिलने यानी उनका कार्यकाल बढ़ाए जाने के बाद अनुमान लगाया जा रहा है की मप्र भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा का भी कार्यकाल बढ़ाया जा सकता है। दरअसल, जेपी नड्डा और वीडी शर्मा के नेतृत्व में भाजपा देश और प्रदेश में लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रही है। वीडी शर्मा तो मप्र भाजपा के लिए शुभंकर बनकर उभरे हैं। जब से वे प्रदेश अध्यक्ष बने हैं प्रदेश में भाजपा की सत्ता में वापसी तो हुई ही है पार्टी को लगभग सभी चुनावों में रिकार्ड सफलता मिली है। इसलिए संभावना जताई जा रही है कि आलाकमान उन्हें एक्सटेंशन दे सकता है। अगर ऐसा होता है तो शर्मा लगातार दो बार प्रदेश अध्यक्ष बने रहने का रिकॉर्ड बना सकते हैं।
वर्तमान टीम के साथ ही भाजपा चुनावों में उतरेगी
भाजपा ने अपनी राष्ट्रीय कार्यसमिति में पार्टी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा कार्यकाल को लोकसभा चुनाव तक बढ़ाने का जो निर्णय लिया है उसका असर चुनावी राज्यों में पड़ेगा। पार्टी सूत्रों के अनुसार, इस वर्ष जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, वहां के प्रदेश अध्यक्ष भी नहीं बदले जाएंगे और वर्तमान टीम के साथ ही भाजपा चुनावों में उतरेगी। यानि मप्र में विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा। दरअसल, गुजरात और उत्तराखंड विधानसभा चुनावों के पहले भाजपा हाईकमान ने दोनों राज्यों में भारी फेरबदल किए थे और इस बात की संभावना भी जताई जा रही थी कि शायद गुजरात फॉर्मूला अन्य राज्यों में भी लागू होगा। इसके चलते राज्यों में संगठन का काम देखने वाले भी संशय में हैं, मगर सूत्रों से आ रही सूचनाओं के अनुसार, पार्टी नेतृत्व तय किया है कि जिन राज्यों में चुनाव होने हैं, वहां प्रदेश अध्यक्षों को बदला नहीं जाएगा। इस वर्ष 10 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। तीन राज्यों की विधानसभा चुनावों के लिए चुनाव आयोग ने अधिसूचना भी जारी कर दी है। लोकसभा के नजरिए से कर्नाटक, मध्यप्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव भाजपा के लिए अत्यधिक महत्व के हैं और इन चुनावों को जीतने के लिए पार्टी काफी समय से रणनीति भी बना रही है। इन महत्वपूर्ण राज्यों में चुनावी वर्ष में संगठन में आमूलचूल परिवर्तन का रिस्क नहीं लेना चाहता, शायद इसीलिए वर्तमान नेतृत्व को ही चुनावी वैतरणी पार लगाने की जिम्मेदारी दी जाएगी।
अप्रैल-मई 2024 तक के लिए मिल सकता एक्सटेंशन
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, वीडी शर्मा को अप्रैल-मई 2024 तक के लिए एक्सटेंशन मिल सकता है। यानी विधानसभा चुनाव तक वीडी शर्मा ही मप्र में पार्टी के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभालेंगे। अभी फिलहाल प्रदेश भाजपा के नए अध्यक्ष के लिए चुनाव नहीं होगा। भाजपा के संविधान के अनुसार, पार्टी अध्यक्ष को तीन-तीन साल के लगातार दो कार्यकाल मिल सकते हैं। इसी तरह ये भी प्रावधान है कि कम से कम 50 प्रतिशत राज्य इकाइयों में संगठन चुनाव होने के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। राज्यों में चुनाव की प्रक्रिया अगस्त से शुरू हो जानी चाहिए थी, लेकिन अभी तक नहीं हो सकी। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष शर्मा ने फरवरी 2020 में पद संभाला था, उस समय भाजपा सत्ता में नहीं थी। करीब डेढ़ महीने बाद प्रदेश में सियासी उथल-पुथल के बाद भाजपा सत्तासीन हो गई। भाजपा विधानसभा चुनाव 2023 में भी जीत सुनिश्चित करने संगठन ऐप तैयार कर 65 हजार बूथों का डिजिटलाइजेशन किया है। इसके अलावा हर बूथ पर 10 फीसदी वोट शेयर बढ़ाने के जतन भी शुरू किए गए हैं। माना जा रहा है की मिशन 2023 को जीतने की जो रणनीति वीडी ने बनाई है उसे अमलीजामा भी वही पहनाएंगे।
अब तक रिपीट नहीं हुआ पार्टी अध्यक्ष
प्रदेश अध्यक्ष शर्मा का कार्यकाल फरवरी तक है। संगठन चुनाव को लेकर अब तक कोई कार्यक्रम जारी नहीं हुआ, अभी तक सामान्य और सक्रिय सदस्यता की प्रक्रिया भी शुरू नहीं हुई। इसलिए चुनाव टलना तय है, मिशन 2023 को महज 10 महीने ही बचा है इसलिए ऐसी संभावना है कि अध्यक्ष शर्मा के कार्यकाल को विस्तार दिया जा सकता है। भाजपा की स्थापना के समय 1980 में पहले अध्यक्ष सुंदरलाल पटवा दिसंबर 80 से नवंबर 83 तक रहे। उनके बाद कैलाश जोशी, शिवप्रसाद चेनपुरिया, सुंदरलाल पटवा, लखीराम अग्रवाल, लक्ष्मीनारायण पांडे, नंदकुमार साय, विक्रम वर्मा, कैलाश जोशी, शिवराज सिंह चौहान, सत्यनारायण जटिया, नरेंद्र सिंह तोमर, प्रभात झा, नरेंद्र सिंह तोमर, नंदकुमार सिंह चौहान एवं राकेश सिंह के बाद 15 फरवरी 2020 से वीडी शर्मा प्रदेश अध्यक्ष हैं। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर दो बार प्रदेश अध्यक्ष रहे लेकिन बीच में एक कार्यकाल प्रभात झा का था। दूसरे कार्यकाल में तोमर केंद्र में मंत्री बन गए थे जिस कारण उन्होंने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके शेष कार्यकाल के लिए नंदकुमार सिंह चौहान मनोनीत किए गए। इसके बाद वे निर्वाचित अध्यक्ष बने।वीडी ही मप्र भाजपा के लिए निर्विवाद