धीरेंद्र शास्त्री को लेकर कांग्रेस व भाजपा में टकराव

नेता प्रतिपक्ष मांग रहे हैं शक्तियों का प्रमाण…

भोपाल/मनीष द्विवेदी।मंगल भारत। मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री पर नागपुर की एक संस्था द्वारा उठाए गए सवाल के बाद प्रदेश में भाजपा कांग्रेस आमने-सामने आ गए हैं। जिसकी वजह से दोनों दलों के नेताओं में टकराव शुरु हो गया है। भाजपा नेता जहां उनके पक्ष में खड़े हो गए हैं तो वहीं कांग्रेस विरोध में उतर आयी है। इस मामले में जहां बागेश्वर धाम को भाजपा के दिग्गज नेता कैलाश विजयवर्गीय का साथ मिला है तो वहीं भाजपा के बागी तेवरों के लिए पहचाने जाने वाले विधायक नारायण त्रिपाठी भी खुलकर उनके पक्ष में मोर्चा खोल चुके हैं। इसके उलट नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविन्द सिंह द्वारा बागेश्वर धाम के सरकार से उनकी शक्तियों का प्रमाण मांग रहे हैं। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय बागेश्वर धाम के पीठाधीश पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर अंधश्रद्धा उन्मूलन समिति द्वारा लगाए आरोपों को मिथ्या बताते हुए कहा है कि मैंने उनका इंटरव्यू देखा है। उन्होंने कहा है कि यह मेरा चमत्कार नहीं, यह मेरे इष्ट का चमत्कार है, मुझे हनुमानजी और सन्यासी बाबा पर विश्वास है। सब कुछ उनकी कृपा से ही होता है। मैं तो कुछ भी नहीं, मैं तो उनका छोटा सा साधक हूं। इसलिए उन पर इस तरह के आरोप लगाना मिथ्या है। सनातन धर्म में उनके जैसे बहुत सारे लोग हैं। यही नहीं विजयवर्गीय ने कहा कि जावरा दरगाह में लोग जमीन पर लोटते, पीटते हैं, लेकिन इस बारे में कोई बात नहीं करता। क्या किसी ने जावरा पर सवाल किया है और एक हिंदू महात्मा के सामने इस तरह की घटना होती है, तो प्रश्नचिह्न उठते हैं। इसी तरह से भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी ने बाबा के बचाव में कहा है कि हिंदू धर्म की आस्थाओं पर किसी तरह का प्रहार उन्हें बर्दाश्त नहीं है।

हिंदू कथावाचकों के सम्मान में उन्होंने राजधानी भोपाल में 22 जनवरी को एक आयोजन करने का ऐलान किया है। उन्होंने नागपुर में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के साथ हुई घटना की निंदा करते हुए कहा कि भूत-प्रेतों को विज्ञान भी मान्यता देता है। अमेरिका के व्हाइट हाउस में भी भूत की मौजूदगी के प्रमाण सामने आ चुके हैं। लोगों की आस्था सबसे ऊपर है। हमारे साधु, संत, महात्मा या कथावाचकों का अपमान नहीं होना चाहिए। त्रिपाठी ने कहा है कि सदियों से ऐसा होता आ रहा है । लोगों ने सवाल तो भगवान श्रीराम से भी किए थे। भगवान श्रीकृष्ण को भी छलिया बताया गया, लेकिन हम हिन्दू धर्म की आस्था पर किसी तरह का प्रहार बर्दाश्त नहीं करेंगे। विधायक ने कहा कि रविवार 22 जनवरी को राजधानी भोपाल के 10 नंबर स्टॉप पर शाम पांच बजे हिन्दू धर्म और तमाम कथावाचकों के सम्मान में एक वृहद आयोजन होगा। विधायक त्रिपाठी ने कहा कि जिस दिन से बागेश्वर धाम सरकार ने कुछ ईसाइयों की हिंदू धर्म में वापसी कराई है। उसी दिन से लगातार उन पर आरोप की बौछार हो रही है। इन सब बातों का समाज को विरोध करना। चाहिए। इससे पहले नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने कहा था कि पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को उनकी शक्तियां प्रमाणित कराना चाहिए, यदि उनके पास शक्तियां हैं तो इसे प्रमाणित करें। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि उनका कभी भी पाखंड और ढोंग में विश्वास नहीं रहा है।

तुम्हारी ठठरी बांध देंगे और तुम्हें गीला करके भेजेंगे
रायपुर में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं. धीरेन्द्र शास्त्री ने नागपुर में उन्हें मिले चैलेंज की बात कही। उन्होंने कहा कि मैंने नागपुर वालों को रायपुर आने को कहा था। यदि यहां आ गए हों तो सामने आओ, तुम्हारी ठठरी बांध देंगे और तुम्हें गीला करके भेजेंगे। उल्लेखनीय है कि नागपुर के सामाजिक कार्यकर्ता श्याम मानव ने धीरेंद्र कृष्ण पर अंधविश्वास फैलाने का आरोप लगाया था उन्हें चैलेंज करते हुए बाबा ने रायपुर बुलाया था, मगर श्याम मानव नहीं आए। आचार्य धीरेंद्र शास्त्री ने आरोपों पर सफाई देते हुए कहा था कि हम अंधविश्वास नहीं फैला रहे। हम इस बात का दावा नहीं करते कि हम कोई समस्या दूर कर रहे हैं। मैंने कभी नहीं कहा कि मैं भगवान हूं। धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि अनुच्छेद-25 के तहत धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार है और उसी के तहत वह धर्म का प्रचार करते हैं। उन्होंने कहा कि हमारा डिस्क्लेमर है कि हम कोई संत नहीं हैं। उनका कहना है- मैं नागपुर से नहीं भागा। यह सरासर झूठी बात है। हमने पहले ही बता दिया था कि 7 दिन का ही कार्यक्रम होगा। इसके बाद उन्होंने कहा कि जब मैंने दिव्य दरबार लगाया था तब शिकायत लेकर क्यों नहीं आए? ये छोटी मानसिकता के लोग हैं और हिंदू सनातन के विरोधी हैं।