न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रकाश उइके आजमा सकते हैं चुनावी किस्मत

न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रकाश उइके आजमा सकते हैं चुनावी किस्मत.

दमोह के न्यायिक मजिस्ट्रेट डॉ. प्रकाश उईके आदिवासी जनजाति समाज की अस्मिता और अस्तित्व की लड़ाई लड़ने के लिए राजनीति में उतरना चाहते हैं। वे इस बार छिंदवाड़ा की आदिवासी बाहुल पांढुर्णा विधानसभा सीट से बीजेपी से टिकट के प्रबल दावेदार हैं। हालांकि डॉ. उईके संघ के वनवासी आश्रम और जनजाति समाज के बीच 12 साल से काम कर रहे हैं। उनका मानना है कि न्यायिक क्षेत्र में एक सीमा होती है, उससे आगे निकलकर काम नहीं किया जा सकता है। ऐसे में राजनीति में आकर समाज की सेवा करना ही एक विकल्प है। यहां पर बता दें कि डॉ. उईके छिंदवाड़ा की पांदुर्णा के ही रहने वाले हैं। वे वनवासी कल्याण आश्रम से जुड़े हैं।

विधायक को समय मांगना पड़ा भारी
भाजपा विधायक जजपाल सिंह जज्जी को उस समय बड़ा झटका लगा, जब पेशी के दौरान हाईकोर्ट की एकल पीठ ने सुनवाई के दौरान प्रश्रों में बदलाव की मांग करते हुए समय मांगा, जिस पर पीठ ने उन पर दस हजार रुपए पेश हुए चार गवाहों को देने के निर्देश दिए। दरअसल अशोकनगर विधायक जजपाल सिंह जज्जी के 2018 के निर्वाचन को चुनौती लड्डू राम कोरी की ओर से दी गई है, जिसकी पेशी पर चार गवाह न्यायालय में उपस्थित हुए। जज्जी की ओर से यह कहते हुए समय मांगा गया कि वर्ष 2019 में बनाए गए प्रश्नों में बदलाव किया जाए। इसको लेकर लड्डू राम कोरी के अधिवक्ताओं ने आपत्ति दर्ज कराई कि चार गवाह आए हैं। अशोकनगर से यहां तक आने में उनका काफी खर्च हुआ है। कोर्ट ने गवाहों का खर्च जजपाल सिंह जज्जी द्वारा अदा करने के निर्देश दिए गए हैं। गवाही के लिए 19 से 21 जून के बीच गवाही की तारीख निर्धारित की है।

कमिश्नर ने दी विद्यार्थियों को धोती पहनने की सलाह
शहडोल संभायुक्त राजीव शर्मा ने भारतीय परंपरा को बढ़ावा देने के लिए विद्यार्थियों से कहा है कि वे जींस पहनना बंद करें। यह विदेशी परिधान है। इससे बेहतर और आरामदायक धोती होती है। गांधीजी भी बैरिस्टर रहते हुए विदेशों तक में धोती ही पहनते थे। उनका कहना है कि जींस के उपयोग में पानी का भी अपव्यय होता है साथ ही यह गैर भारतीय परिधान है। उन्होंने क्षेत्र में होने वाली कोदो कुटकी की जानकारी देते हुए बताया कि हाइब्रिड बीज के लिए अधिक पानी लगता है। वहीं कोदो कुटकी जैसी अन्य देशी फसलों में पानी कम लगता है । यह सलाह उनके द्वारा एक निजी संस्थान के कार्यक्रम में अति पिछड़ी जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों को संबोधित करते समय दी गई। उन्होंने छात्रों को सलाह दी कि वे भारतीय परंपरा के अनुसार परिधान धारण करें।

अब श्रीरामचरित मानस का चिंतन पढ़ाया जाएगा
हिंदुओं के प्रमुख धार्मिक ग्रंथ रामचरित मानस के पात्रों के जीवन मूल्यों का दार्शनिक दृष्टिकोण से विश्लेषण अब स्नातक के विद्यार्थियों को पढ़ाया जाएगा। प्रदेशभर के कॉलेजों में नए सत्र से स्नातक तृतीय वर्ष में हिंदी साहित्य और दर्शनशास्त्र के विद्यार्थी श्रीरामचरित मानस का दार्शनिक चिंतन व आधुनिक भारतीय महान विभूतियों का जीवन दर्शन पढ़ सकेंगे। इसके लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत पाठ्यक्रमों में बदलाव किया गया है। पाठ्यक्रमों को सामान्य वैकल्पिक विषयों के कला संकाय में जोड़ा गया है। दर्शनशास्त्र में विद्यार्थी को यम नचिकेता संवाद, मनुस्मृति में मानव धर्म, भागवत पुराण में न्याय एवं परहित की भावना, रामायण में श्री राम भरत संवाद एवं महाभारत में मोक्ष धर्म प्रकरण, श्रीमद भगवत गीता का आध्यात्मिक मानवतावाद, जैन एवं बौद्ध दर्शन पढ़ने को मिलेगा। वहीं हिंदी साहित्य में रामचरित मानस को शामिल किया गया है।