लक्ष्मण सिंह ने अपनी ही पार्टी को घेरा

लक्ष्मण सिंह ने अपनी ही पार्टी को घेरा.

अपने मुखर बयानों और सच बोलने की वजह से चर्चा में रहने वाले पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के भाई और विधायक लक्ष्मण सिंह एक बार फिर से चर्चा में हैं। इसकी वजह है, इस बार उनके द्वारा अपनी ही पार्टी को घेरने वाला ट्वीट किया जाना। उन्होंने अपने ट्वीट में यूथ कांग्रेस के चुनाव में पारदर्शिता पर सवाल उठाए हैं। सिंह द्वारा किए गए ट्वीट में कहा गया है कि संगठन के इस महत्वपूर्ण चुनाव में पारदर्शिता होना चाहिए। हम कार्यकर्ताओं का विश्वास कैसे जीतेंगे। यूथ कांग्रेस चुनाव में नया विवाद 20 लाख वोट पड़े, 8 लाख की गिनती और 12 लाख रिजेक्ट किए… मैनुअल रि-ऑडिट की डिमांड।

हाजरी देने नहीं आए एसपी तो भडक़े मंत्री
शिवराज सरकार के पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया भिंड दौरे के दौरान प्रोटोकॉल के उल्लंघन पर एसपी मनीष खत्री पर भडक़ गए। मंत्री ने फोन पर एसपी को न केवल जमकर फटकार लगाई, बल्कि एसपी की शिकायत चंबल रेंज आईजी से भी की। दरअसल, सिसोदिया भिंड प्रवास पर गए थे, लेकिन प्रोटोकॉल के तहत भिंड एसपी मनीष खत्री उनकी अगवानी के लिए ही नहीं आए, जिससे मंत्री जी बेहद नाराज हो गए। उन्होंने एसपी को फोन पर फटकार लगाते हुए कहा- आई एम नॉट देट काइंड ऑफ मंत्री, आईएम नॉट गोइंग टू टॉलरेट ऑल दिस। इसके बाद मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने एसपी की शिकायत चंबल आईजी सुशांत सक्सेना से की है।

उषा ठाकुर ने दी दिग्विजय को महू से चुनाव लडऩे की चुनौती
संस्कृति मंत्री व महू से भाजपा विधायक उषा ठाकुर ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को चुनौती दी है। उन्होंने इंदौर में एक कार्यक्रम में कहा, दिग्विजय को महू से चुनाव लड़ना चाहिए। हम तैयार खड़े हैं। मैं आमंत्रण दे रही हूं। दिग्विजय ने दो दिन पहले बयान दिया था कि अगर पार्टी कहेगी, तो मैं गुना लोकसभा से श्रीमंत के खिलाफ चुनाव लडऩे को तैयार हूं। मंत्री का यह बयान ऐसे समय आया है, जब दिग्विजय सिंह इंदौर जिले के दौरे पर है। वे बीते रोज ही इंदौर पहुंचे थे।

अवर सचिव गृह भलावी की अब बढ़ी मुश्किलें
मप्र राज्य सूचना आयोग ने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी उपलब्ध नहीं कराने के मामले में गृह विभाग के अवर सचिव अन्नू भलावी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सूचना आयुक्त एके शुक्ला ने सामान्य प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव को निर्देश दिये हैं कि विभागीय नियमों के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई कर 6 माह में आयोग के समक्ष पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत करें। दरअसल कटनी निवासी पूर्व पुलिस निरीक्षक कामता प्रसाद मिश्रा ने इस संबंध में मुख्य सूचना आयुक्त के समक्ष शिकायत प्रस्तुत की थी। कामता प्रसाद ने लोकायुक्त संगठन जबलपुर की कार्रवाई के संबंध में आरटीआई एक्ट के तहत कुछ जानकारी गृह विभाग से मांगी थी, जो उन्हें नहीं दिए जाने पर राज्य सूचना आयोग में अपील प्रस्तुत की गई थी। आयोग के निर्देश के बाद भी उन्हें संबधित जानकारी नहीं दी जा रही है।