दो दौर का मंथन हुआ पूरा.
प्रदेश सरकार द्वारा हाल ही में आईएएस अधिकारियों की दो तबादला सूची जारी की जा चुकी हैं। इसके बाद अब सरकार आईपीएस अधिकारियों के बड़े पैमाने पर तबादला करने जा रही है। इसमें कई महत्वपूर्ण पदों पर आईपीएस अफसरों की नवीन पदस्थापना की जानी है। वहीं पुलिस मुख्यालय की कुछ महत्वपूर्ण शाखाओं में जिम्मेदारी का प्रभार भी बदले जाने की संभावना है। जिन पदों पर नवीन पदस्थापना की सबसे अधिक चर्चा है, उनमें परिवहन आयुक्त, भोपाल और इंदौर पुलिस आयुक्त प्रमुख हैं। प्रदेश सरकार परिवहन आयुक्त डीपी गुप्ता को बदलने का मन मना चुकी है। वहीं भोपाल पुलिस आयुक्त हरिनारायणचारी मिश्रा को किसी जोन की जिम्मेदारी देकर यहां नए पुलिस आयुक्त को पदस्थ किए जाने की चर्चा है। भोपाल पुलिस आयुक्त पद के लिए जिन नामों की सबसे अधिक चर्चा है, उनमें भोपाल में डीआईजी रह चुके उज्जैन आईजी संतोष कुमार सिंह और इरशाद वली का नाम शामिल है। वली वर्तमान में नर्मदापुरम के पुलिस महानिरीक्षक हैं। गत दिवस मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मुख्य सचिव वीरा राणा और पुलिस महानिदेशक सुधीर कुमार सक्सेना और अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री डॉ. राजेश राजौरा के साथ दो दौर की चर्चा हो चुकी है।
परिवहन आयुक्त के लिए तीन नाम चर्चा में
परिवहन आयुक्त डीपी गुप्ता को सरकार ने हटाने का मन बना लिया है। बताया जाता है कि गुप्ता को पुलिस मुख्यालय स्थित किसी महत्वपूर्ण शाखा की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। वहीं इंदौर पुलिस आयुक्त राकेश गुप्ता, संचालक खेल रवि गुप्ता और एडीजी एससीआरबी चंचल शेखर में किसी एक को परिवहन आयुक्त बनाया जा सकता है। इसके साथ ही आईजी एसएएफ इंदौर चंन्द्रशेखर सोलंकी, आईजी एसएएफ ग्वालियर मिथिलेश शुक्ला को किसी जोन का पुलिस महानिरीक्षक बनाया जा सकता है। साथ ही धार, रतलाम, होशंगाबाद, रीवा, सतना, बड़वानी जिले के एसपी के साथ भोपाल व इंदौर के कुछ डीसीपी को भी बदला जा सकता है। लगभग आधा सैकड़ा राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों को भी बदले जाने को लेकर प्रारंभिक दौर की चर्चा हो चुकी है। निरीक्षकों के नियमित तबादलों को लेकर अभी तक पुलिस तबादला बोर्ड की कोई बैठक नहीं हो सकी है, जिसके कारण स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी है।
एडीजी स्तर के अधिकारी भी बदले जाएंगे
सूत्रों के अनुसार एडीजी स्तर के अधिकारियों में भी फेरबदल संभव है। स्पेशल डीजी व एमडी पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन उपेन्द्र जैन को महत्वपूर्ण शाखा की जिम्मेदारी देने की तैयारी है। वहीं महानिदेशक लोक अभियोजक सुषमा सिंह की 30 सितंबर को सेवानिवृत्ति को देखते हुए एक वरिष्ठ अधिकारी को लोक अभियोजन में भी भेजा जाएगा। इसी तरह एडीजी दूरसंचार आदर्श कटियार, एडीजी साइबर सेल योगेश देशमुख, एडीजी एसटीएफ पंकज श्रीवास्तव तथा आईजी प्रशासन श्रीमती रुचिवर्धन मिश्रा और गृह सचिव गौरव राजपूत की जिम्मेदारी में बदलाव किए जाने की भी संभावना है।
प्रदेश में नहीं थम रहा आईएएस अफसरों की पदस्थापनाओं का दौर
नई सरकार की कमाना बतौर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 13 दिसंबर 2023 को संभाली थी। उसके बाद से अब तक करीब ढाई सौ दिन का उनका कार्यकाल हो चुका है। इस बीच प्रदेश में आईएएस अफसरों के तबादलों से लेकर उनके प्रभार बदलने का जो दौर शुरू हुआ था, वे अब तक समाप्त नहीं हो पा रहा है। यही वजह है कि अब तक करीब ढाई सौ अफसरों को या तो नई जगह पदस्थ कर दिया गया है या फिर उनके प्रभार कम या अधिक किए गए हैं। प्राय: पूर्व की सरकारों में खासतौर पर अखिल भारतीय सेवा और राज्य सेवा अफसरों के एक साथ तबादला आदेश जारी किए जाते थे , लेकिन इस सरकार में अब तक ऐसा होता नजर नहीं आया है। यही वजह है कब तबादलों की सूची आए कोई नहीं बता सकता है। इसके अलावा इस बार एक खास बात यह है कि जो भी बड़ी सूची जारी होती है वह भी आधी रात या फिर उसके बाद ही जारी होती है। अगर नई सरकार की बात की जाए तो इस दौरान अकेले आईएएस अफसरों के तबादलों, अतिरिक्त प्रभार देने, प्रभार बदलने और आदेश निरस्त करने के मामले में हर दिन औसतन एक आईएएस प्रभावित हुआ। आधा दर्जन ऐसे अफसर भी हैं, जिनके तबादले प्रभार संभालने के पहले ही निरस्त हो गए। जिलों के कुछ कलेक्टर तीन से चार माह ही पदस्थापना स्थल पर काम कर सके हैं। भाजपा सरकार बनने के दूसरे दिन से आईएएस अफसरों को हटाने और पदस्थ करने की कार्रवाई प्रारंभ हुई जो अब भी जारी है।
इन अफसरों को बदला कई बार
प्रशासनिक सर्जरी में करीब तीन दर्जन अफसर हैं, जिनके विभाग बार-बार बदले गए या उन्हें अतिरिक्त प्रभार मिला और कुछ दिन बाद फिर प्रभार हटा दिया इनमें एसीएस विनोद कुमार, एसीएस जेएन कांसोटिया, एसीएस डॉ. राजेश राजौरा, एसएन मिश्रा, अजीत केसरी, प्रमुख सचिव सुखबीर सिंह, विवेक पोरवाल, संदीप यादव, पीएस संजय शुक्ला, निकुंज श्रीवास्तव, दीपाली रस्तोगी, अमित राठौर, संजय दुबे, मनीष रस्तोगी, मनीष सिंह, उमाकांत उमराव डीपी आहूजा, संजय गुप्ता आदि हैं। इसी तरह से आयुक्त चंबल संजीव झा, आयुक्त खाद्य रवीन्द्र सिंह को पांच माह, स्वतंत्र कुमार सिंह आयुक्त वाणिज्यिक कर को तीन माह में ही हटा दिया गया।
24 घंटे में कर दिए आदेश निरस्त
अरुण कुमार परमार को पहले सिंगरौली कलेक्टर पद से हटाकर उप सचिव एनवीडीए बनाया, वे प्रभार संभाल पाते कि अपर आयुक्त रीवा संभाग बना दिया गया। पंचायत एवं ग्रामीण विकास में सचिव धनंजय भदौरिया को एमडी मंडी बोर्ड बनाया, लेकिन 24 घंटे पूरे होने के पहले आदेश निरस्त कर दिया गया। इन्हें अगले दिन के आदेश में आयुक्त अनुसूचित जाति बना दिया।