डीएसपी एवं सीएसपी के होंगे थोकबंद तबादले.
भोपाल/मंगल भारत। मप्र में पुलिस विभाग में बड़े स्तर पर तबादले की तैयारी की जा रही है। सूत्रों का कहना है कि पुलिस मुख्यालय ने तबादले का मसौदा तैयार कर गृह विभाग को भेज दिया है। जैसे ही सूची को हरी झंडी मिलेगी, पुलिस विभाग में डीएसपी और सीएसपी से लेकर अन्य पुलिस अधिकारियों के तबादले होंगे। गौरतलब है कि मप्र में 1 से 30 मई तक तबादले होंगे। मुख्यमंत्री ने नीति तैयार करने के लिए निर्देश जारी कर दिए हैं। अगली कैबिनेट बैठक में तबादला नीति 2025 प्रस्तुत की जाएगी।
राज्य पुलिस सेवा (एसपीएस) के 65 के लगभग अफसरों के तबादले होने हैं। इस संबंध में एक महीने से प्रस्ताव गृह विभाग में लंबित है। इधर लोकायुक्त और ईओडब्ल्यू के भी कुछ पुलिस अधीक्षकों को बदला जा सकता है। दोनों ही लिस्ट फिलहाल गृह विभाग के पास अटकी हुई हैं। इसमें अतिरिक्त पुलिस अधीक्षकों को भी बदला जा सकता है। वहीं जिलों में पुलिस अधीक्षकों को बदलने की कवायद चल रही है। इधर इस सूची के अटकने से कई अफसर अपनी मनचाही जगह पर जाने के प्रयास में लग गए हैं, जबकि कुछ तबादला न हो इस प्रयास में लग गए हैं। दोनों ही तरह के प्रयासों में लगे अफसरों की दौड़, मुख्यमंत्री सचिवालय से लेकर पुलिस मुख्यालय तक लगी हुई है। इनमें से डेढ़ दर्जन के लगभग ऐसे अफसर हैं जो मनचाही जगह पर जाने के प्रयास में लगे हुए हैं, जबकि 10 अफसर ऐसे हैं जो तबादला नहीं चाहते हैं। पुलिस मुख्यालय ने करीब एक महीने पहले प्रशासनिक दृष्टि से 65 के लगभग डीएसपी के तबादले करने का प्रस्ताव तैयार किया था। जिसमें भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन, सतना सहित कई जिलों में पदस्थ डीएसपी एवं सीएसपी के नाम शामिल हैं। वहीं एक ही जिले में तीन या उससे अधिक साल से ज्यादा से पदस्थ डीएसपी-सीएसपी को हटाया जाना है। इन सब को लेकर यह सूची तैयार की गई थी। इसके बाद इसे गृह विभाग में भेजा गया। इसी बीच एक अन्य प्रस्ताव गृह विभाग को पुलिस मुख्यालय ने भेजा था, जिसमें सीएसपी-डीएसपी की जिलों में पदस्थापना एसपी कर सकें। फिलहाल इस प्रस्ताव को वापस लौटा दिया गया है। जबकि तबादलों वाले अफसरों का प्रस्ताव पहले भेज दिया गया था।
पुलिस अधीक्षकों को भी ट्रांसफर का इंतजार
कई जिलों के पुलिस अधीक्षकों को भी बदला जाना है। जिलों में एसपी बदलने की अटकले एक जनवरी से लगातार चल रही है, लेकिन किसे कहां पर पोस्ट करना है, इसे लेकर कोई निर्णय नहीं हो पा रहा है। इसके चलते जनवरी से लेकर अब तक पुलिस अधीक्षकों के तबादले नहीं हो पा रहे है। पुलिस अधीक्षकों के साथ ही कुछ रेंज के आईजी और डीआईजी भी बदले जाना है। हालात यह हो गए हैं डीआईजी बनने के बाद भी तीन अफसर तीन महीने से पुलिस अधीक्षक का ही काम देख रहे हैं। जबकि आईजी हो चुके दो अफसर अब भी डीआईजी का कामकाज संभाल रहे हैं।
मप्र में 1 से 30 मई तक होंगे तबादले
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में तबादला नीति पर बड़ा फैसला हुआ। तय हुआ है कि प्रदेश में 1 से 30 मई तक तबादले होंगे। मुख्यमंत्री ने नीति तैयार करने के लिए निर्देश जारी कर दिए हैं। अगली कैबिनेट बैठक में तबादला नीति 2025 प्रस्तुत की जाएगी। मध्यप्रदेश के कर्मचारी लंबे समय से तबादलों का इंतजार कर रहे हैं। पिछले साल के अंत में कुछ विशेष मामलों में तबादलों की छूट दी गई थी, लेकिन इसमें कई कर्मचारी ट्रांसफर से वंचित रह गए थे।