संविधान के अनुच्छेद 26 से 29 को समाप्त करने का समय: निशिकांत दुबे

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले

के बाद भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अब संविधान के अनुच्छेद 26 से 29 को समाप्त करने का समय आ गया है। इस दौरान दुबे ने ‘वोट बैंक की राजनीति’ की आलोचना की। साथ ही धर्मनिरपेक्ष नेताओं पर पाखंड का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि धर्मनिरपेक्ष नेताओं को यह स्पष्ट करना चाहिए कि पहलगाम हमला धार्मिक उद्देश्यों से प्रेरित था या नहीं। भाजपा नेता दुबे ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के संबंध में संभावित समाधान का संकेत दिया। उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह का उल्लेख करते हुए कश्मीर मुद्दों को हल करने की वर्तमान सरकार की क्षमता पर विश्वास जताया। दुबे ने एक्स पर पोस्ट में कहा, ‘जब देश का बंटवारा हिंदू-मुस्लिम के नाम पर हुआ था, तब वोट बैंक के लिए अल्पसंख्यक के नाम पर मुसलमानों को अधिक अधिकार देकर हिंदुओं को दोयम दर्जे का नागरिक बनाने वाले पहलगाम की घटना पर बताएं कि आज की हत्या धर्म के आधार पर हुई थी या नहीं? सेक्युलर नेताओं शर्म करो, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर हमारा होगा, सब्र करो, ये मोदी की सरकार है, जिसके गृहमंत्री अमित शाह हैं। संविधान के अनुच्छेद 26 से 29 को खत्म करने का समय आ गया है।’

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 26 से 29 धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार और अल्पसंख्यकों के सांस्कृतिक और शैक्षिक अधिकारों की गारंटी देते हैं। अनुच्छेद 26 धार्मिक मामलों के प्रबंधन की स्वतंत्रता की गारंटी देता है, जिसमें संस्थाओं की स्थापना, मामलों का प्रबंधन और संपत्ति का प्रशासन शामिल है। अनुच्छेद 27 किसी को भी किसी विशिष्ट धर्म के प्रचार के लिए करों का भुगतान करने के लिए बाध्य करने पर रोक लगाता है। अनुच्छेद 28 राज्य द्वारा वित्तपोषित शैक्षणिक संस्थानों में धार्मिक शिक्षा या पूजा से स्वतंत्रता को संबोधित करता है। वहीं, अनुच्छेद 29 अल्पसंख्यकों के सांस्कृतिक और शैक्षिक अधिकारों की रक्षा करता है, जिसमें उनकी भाषा, लिपि या संस्कृति को संरक्षित करने का अधिकार शामिल है। साथ ही राज्य द्वारा सहायता प्राप्त शैक्षणिक संस्थानों में भेदभाव को रोकता है।

इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने हमले में अपने प्रियजनों को खोने वालों के प्रति संवेदना जताई। पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट में कहा, ‘मैं पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा करता हूं। जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया है, उनके प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। मैं प्रार्थना करता हूं कि घायल व्यक्ति जल्द से जल्द ठीक हो जाएं। प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है।’ पीएम मोदी ने आगे कहा कि इस जघन्य कृत्य के लिए जिम्मेदार लोगों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा। उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। उनका नापाक एजेंडा कभी सफल नहीं होगा। पीएम मोदी ने कहा कि आतंकवाद से लड़ने का हमारा संकल्प अडिग है। यह और भी मजबूत होगा।

पहलगाम आतंकी हमले के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सुरक्षा समीक्षा बैठक के लिए मंगलवार शाम को श्रीनगर पहुंचे। उन्होंने सभी एजेंसियों के साथ एक उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस दौरान जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हमले के बारे में शाह को जानकारी दी। बैठक में एलजी मनोज सिन्हा और अन्य उच्च-स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे। इससे पहले, शाह ने कहा कि आतंक के इस कायराना कृत्य में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने पीएम मोदी को भी घटना के बारे में जानकारी दी। इस बीच, सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने अपराधियों को पकड़ने के लिए बायसरन, पहलगाम, अनंतनाग के सामान्य क्षेत्र में तलाशी अभियान शुरू किया है। इसके अलावा, स्थानीय लोगों ने जम्मू-कश्मीर में सोपोर, गांदरबल, हंदवाड़ा, बांदीपोरा और अन्य स्थानों पर कैंडल मार्च का आयोजन किया। इसके अलावा, दिल्ली पुलिस को पर्यटन स्थलों और अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर भी कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं।