पहलगाम हमले का कश्मीर के पर्यटन उद्योग पर गहरा असर पड़ा है. कश्मीर होटल एसोसिएशन ने बताया कि हमले के बाद हज़ारों पर्यटक कश्मीर छोड़ चुके हैं और 80 प्रतिशत पर्यटकों ने अपनी बुकिंग रद्द कर दी है.
नई दिल्ली: पहलगाम आतंकी हमले के बाद 80 प्रतिशत पर्यटकों ने अपनी कश्मीर की बुकिंग रद्द कर दी है. कश्मीर होटल एसोसिएशन (केएचए) ने शनिवार (26 अप्रैल) को श्रीनगर में यह जानकारी दी.
द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, केएचए के चेयरमैन मुश्ताक चाया ने कहा, ‘80 प्रतिशत बुकिंग्स रद्द हुए हैं. हालांकि हम इसे समझते हैं. जो कुछ भी हुआ, उसे देखते हुए यह स्वाभाविक और न्यायसंगत है.’
चाया ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में पर्यटन से जुड़े लोग कारोबार पर पड़े असर को लेकर चिंतित नहीं हैं, बल्कि इस बात से दुखी हैं कि यह घटना कश्मीर की धरती पर हुई. उन्होंने कहा, ‘कश्मीर के लोगों ने इस घटना की निंदा की है. हर किसी ने विरोध प्रदर्शन में भाग लिया और बंदी का पालन किया, जो कि पहली बार हुई थी. समय ही सबसे बड़ा मरहम है.’
द हिंदू के अनुसार, मुंबई स्थित पूजा हॉलीडेज़ के प्रमुख सतीश वैश्य ने भी कश्मीर में पर्यटन को अपना समर्थन दिया. श्रीनगर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने कहा, ‘कश्मीर में पर्यटन का उतार-चढ़ाव एक चक्र की तरह चलता है. 2010 की कठिन परिस्थितियों के बाद 2014 में बाढ़ आई, फिर 2019 में अनुच्छेद 370 को हटाया गया, पुलवामा हमले के बाद 2019 में ‘बॉयकॉट कश्मीर’ अभियान भी चला. हालांकि, हम हमेशा ‘लव कश्मीर, प्रमोट कश्मीर’ अभियान का समर्थन करते रहे हैं. मुझे उम्मीद है कि पर्यटन फिर से पटरी पर लौटेगा.’
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद कश्मीर का पर्यटन उद्योग बुरी तरह प्रभावित हुआ है. हजारों पर्यटकों ने अपनी छुट्टियां बीच में ही छोड़ दीं और विशेष फ्लाइट और ट्रेन से वापस लौट गए. हमले में 26 लोगों की जानें गई और कई घायल हुए.
हमले के तुरंत बाद द वायर हिंदी ने एक खबर में यह चिंता जाहिर की थी कि पटरी पर लौटता कश्मीर का पर्यटन उद्योग इस हमले से बुरी तरह प्रभावित होगा.
इसी बीच, कश्मीर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (केसीसीआई) के एक प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार (26 अप्रैल) को राजभवन में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से मुलाकात कर पहलगाम में निर्दोष नागरिकों पर हुए इस जघन्य हमले की निंदा की.
प्रतिनिधिमंडल ने उपराज्यपाल से कहा, ‘इस जघन्य हमले ने कश्मीर की आत्मा को गहरे ज़ख्म दिए हैं और हर नागरिक को तोड़ दिया है. सभी शोकाकुल हैं.’
केसीसीआई के अध्यक्ष जाविद अहमद टेंगा ने कहा, ‘यह समय व्यापारिक नुकसान पर चर्चा करने का नहीं है. केसीसीआई हर निर्दोष जान के खोने के दर्द को समझता है. ये दुखद मौतें आर्थिक मामलों से कहीं आगे जाकर हमारे समाज और मानवता के दिल पर प्रहार करती हैं.’
केसीसीआई ने उपराज्यपाल से आग्रह किया कि वह पीड़ित परिवारों से मिलने और उनके प्रति सहानुभूति व्यक्त करने के लिए सहायता प्रदान करें. संगठन ने बताया कि उपराज्यपाल ने उचित समय पर समर्थन देने का आश्वासन दिया है.
संगठन ने कश्मीर से बाहर रह रहे कश्मीरी छात्रों, व्यापारियों और अन्य लोगों के खिलाफ हो रहे हमलों को लेकर भी चिंता व्यक्त की. केसीसीआई ने जम्मू-कश्मीर में इस वर्ष अमरनाथ यात्रा की सफलता में पूर्ण समर्थन देने का भरोसा जताया है.