भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकी ठिकानों पर हमला किया. विदेश सचिव ने इसे न्यायसंगत, सीमित और गैर-उकसावे वाला बताया है. उन्होंने कहा कि भारत ने सीमा पार हमलों का जवाब देने, उन्हें रोकने तथा उनका प्रतिरोध करने के अपने अधिकार का प्रयोग किया है.
नई दिल्ली: पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकवादियों से जुड़े ठिकानों पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत हमला किए जाने के कुछ ही घंटों बाद, भारत सरकार ने कहा कि है यह हमला सीमित और गैर-उकसावे वाला था, और इसका उद्देश्य आतंकवादी ढांचे को नष्ट करना था.
बुधवार को नई दिल्ली में भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री, कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने मीडिया को इस ऑपरेशन के बारे में जानकारी दी.
भारत ने अपने ऑपरेशन को कैसे सही ठहराया?
मीडिया को संबोधित करते हुए विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, ‘यह आवश्यक समझा गया कि 22 अप्रैल के हमले के अपराधियों और उनके योजनाकारों को न्याय के कटघरे में लाया जाए. हमलों के एक पखवाड़े के बाद भी पाकिस्तान द्वारा अपने क्षेत्र या अपने नियंत्रण वाले क्षेत्र में आतंकवादियों के इंफ्रास्ट्रक्चर के विरुद्ध कार्रवाई के लिए कोई स्पष्ट कदम नहीं उठाया गया है. उल्टा वो इनकार करने और आरोप लगाने में ही लिप्त रहा है. पाकिस्तान आधारित आतंकवादी मॉड्यूल पर हमारी खुफिया निगरानी ने संकेत दिया है कि भारत के विरुद्ध आगे भी हमले हो सकते हैं. ऐसे में इनको रोकना और इनसे निपटना, दोनों को बेहद आवश्यक समझा गया. आज सुबह, भारत ने इस तरह के सीमा पार हमलों का जवाब देने, उन्हें रोकने तथा उनका प्रतिरोध करने के अपने अधिकार का प्रयोग किया है.’
मिस्री ने सैन्य कार्रवाई को सीमित और गैर-उकसावे बताते हुए कहा, ‘यह कार्रवाई नपी-तुली, अनुपातिक और जिम्मेदारी पूर्ण है. यह आतंकवाद के इंफ्रास्ट्रक्चर को समाप्त करने और भारत में भेजे जाने वाले संभावित आतंकवादियों को अक्षम बनाने पर केंद्रित है.’
उन्होंने आगे कह, ‘आपको स्मरण होगा कि 25 अप्रैल, 2025 को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पहलगाम आतंकी हमले पर एक प्रेस वक्तव्य जारी किया था, जिसमें आतंकवाद के इस निंदनीय कार्य के अपराधियों, आयोजकों, फाइनेंसरों और प्रायोजकों को जवाबदेह ठहराने और उन्हें न्याय के दायरे में लाने की आवश्यकता पर जोड़ दिया गया था. भारत की आज की इस कार्रवाई को इसी संदर्भ में देखा जाना चाहिए.’
कैसे चुने गए टार्गेट?
मिस्री द्वारा भारत का पक्ष सामने रखे जाने के बाद, कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने सैन्य कार्रवाई की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि यह पहलगाम आतंकी हमले में जान गंवाने वालों और उनके परिवारों को न्याय देने के लिए किया गया.
‘ऑपरेशन सिंदूर के तहत नौ आतंकवादी ठिकानों का निशाना बनाया गया और पूरी तरह बर्बाद किया गया. …इन लक्ष्यों का चयन विश्वसनीय इंटेलिजेंस सूचनाओं के आधार पर हुआ. यह ख़ास ध्यान दिया गया कि आम नागरिकों और सिविलियन इंस्टॉलेशन को नुक़सान न पहुंचे.’
इसके बाद पाकिस्तान और पीओके में उन नौ आतंकी ठिकानों की जानकारी दी गई, जहां ऑपरेशन सिंदूर के तहत हमला किया गया. भारत ने जिन ठिकानों को निशाना बनाया, उनमें बहावलपुर में स्थित मरकज़ सुब्हान अल्लाह शामिल है, जो जैश–ए–मोहम्मद से जुड़ा है; मुरीदके का मरकज़ तैयबा, जो लश्कर–ए–तैयबा का गढ़ है; और तहरा कलां में सरजाल, जो एक और जैश का ठिकाना है.
इसके अलावा, सियालकोट में महमूना जोया, जो हिज़्बुल मुजाहिदीन से जुड़ा है, और बरनाला में मरकज़ अहले हदीस, जो लश्कर से जुड़ा है, पर भी हमला किया गया.
भारतीय सेना ने कोटली में मरकज़ अब्बास (जैश) और मस्कर रहील शाहिद (हिज़्बुल मुजाहिदीन) पर भी हमले किए. इसके अलावा, मुज़फ्फराबाद में शवई नाला कैंप (लश्कर) और सैयदना बिलाल कैंप (जैश) को भी निशाना बनाया गया.