प्रदेश में सबसे पहले इंदौर और उज्जैन में होगा बसों का संचालन.
मप्र सरकार ने यात्रियों की सुविधा के लिए बड़ी घोषणा की है। राज्य में करीब दो दशक पहले बंद की गई सरकारी समर्थित बस सेवा को फिर से शुरू किया जाएगा। इस प्रस्ताव को सरकार ने अप्रैल में ही मंजूरी दे दी। इसके बाद लोक परिवहन सेवाओं को जमीन पर उतारने से जुड़े पहले चरण के सर्वे का काम परिवहन विभाग ने इंदौर व उज्जैन संभाग में लगभग पूरा कर लिया है। अब यहां चिह्नित किए गए मार्गों को फाइनल किया जा रहा है। संभावना जताई जा रही है कि मानसून से पहले इंदौर और उज्जैन में बसों का संचालन शुरू कर दिया जाएगा। बता दें कि तत्कालीन भाजपा की सरकार ने 2004 में भारी घाटे का हवाला देते हुए मप्र राज्य परिवहन निगम को बंद कर दिया था, जिससे सड़क परिवहन नेटवर्क में एक खालीपन पैदा हो गया था। राज्य के परिवहन मंत्री राव उदय प्रताप सिंह का कहना है कि यह मॉडल पीपीपी (सार्वजनिक निजी भागीदारी) के आधार पर संचालित होगा। एक अधिकारी के अनुसार, ग्रामीण व साधारण सेवा मार्गों और यातायात का निर्धारण करके व्यवस्थित योजना के माध्यम से यात्री बसों का संचालन किया जाएगा। सरकार ने यात्री परिवहन सेवा शुरू करने और राज्य स्तरीय होल्डिंग कंपनी स्थापित करने के लिए 101.20 करोड़ रुपये की इक्विटी’ पूंजी मंजूर करने का फैसला किया। फिलहाल, 20 शहरों में सार्वजनिक परिवहन के लिए कंपनी अधिनियम के तहत विशेष प्रयोजन वाहन (एसपीवी) बनाए गए हैं, जिनमें से 16 सक्रिय हैं।
सर्वे का दायरा बढ़ाया जाएगा
लोक परिवहन सेवाओं के लिए अलग-अलग चरणों में काम किए जा रहे हैं। परिवहन विभाग अब तक सीमित क्षेत्रों में ही सर्वे करा रहा था, अब इसका दायरा बढ़ा दिया है। कंपनी एक्ट के तहत कंपनियों के गठन की प्रक्रिया का जिम्मा अलग अफसरों को सौंपा है। निष्क्रिय पड़े सडक़ परिवहन निगम की संपत्तियों को नए सिरे से खंगाला जा रहा है, ताकि मुयमंत्री सुगम लोक परिवहन सेवाओं के तहत उपयोगी बनाया जा सके। कंपनियों के लिए ऑर्गनाइजेशन स्ट्रक्चर का खाका तैयार करेंगे। सुझाब लेने संबंधी प्रक्रिया लगातार जारी है, ताकि नई व्यवस्था को अधिक प्रभावी बनाया जा सके। सर्वे में बस ऑपरेटरों से फीडबैक लिया जा रहा है, यात्रियों से उनकी राय पूछी जा रही है ताकि जिन मार्गों को चिह्नित किया जा रहा है या किया जाना है उन पर वस्तु स्थिति साफ हो सके। इसी पूरी व्यवस्था में जिला स्तरीय समितियों का गठन होना है, इसकी तैयारी शुरू कर दी है। सिटी ट्रांसपोर्ट कंपनियों की चल-अचल संपति, नई गठित की जाने वाली कंपनियों को दी जाएगी। इस दिशा में भी काम शुरू किया है। मौजूदा सिटी बस कंपनियों के कार्यालय भवन का उपयोग नवीन सहायक कंपनियां करेंगी। इनके कार्यालय की अचल सपंतियां, जो नगरीय निकाय निधि से अर्जित या निर्मित हैं, उनका मूल्यांकन शुरू किया जाना है। वहीं जिला स्तर पर समितियां होंगी, समन्वयक कलेक्टर होंगे, सांसद, विधायकगण, महापौर, नगर पालिका, जिला पंचायत, नगर परिषद, जनपद पंचायत के अध्यक्ष, आयुक्त नगर निगम, जिला व जनपद पंचायतों के सीईओ, नपा के सीएमओ, पीडब्ल्यूडी के कार्यपालन यंत्री, जिला परियोजना अधिकारी, जिला शहरी विकास अभिकरण व कार्यपालन यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा रह सकेंगे।
राज्य स्तर पर बनेगी होल्डिंग कंपनी
एक अधिकारी ने बताया कि उपर्युक्त सभी कंपनियों को सात संभागीय कंपनियों में विलय कर दिया जाएगा। इन कंपनियों के एकीकृत नियंत्रण के लिए कंपनी अधिनियम 2013 के तहत राज्य स्तर पर एक होल्डिंग कंपनी बनाई जाएगी। मंत्रिपरिषद ने त्रिस्तरीय संरचना के तहत जिम्मेदारियों का निर्वहन करने और राज्य स्तरीय होल्डिंग कंपनी के 51 प्रतिशत शेयरों को सात सहायक कंपनियों में निवेश करने को भी मंजूरी दी। अधिकारी के अनुसार, संबंधित संभागीय मुख्यालयों में मौजूदा सिटी बस परिवहन कंपनियों में संशोधन कर क्षेत्रीय सहायक कंपनियों का गठन किया जाएगा। असल में जिला स्तरीय निगरानी समितियों को यात्रियों की सुविधाओं का ध्यान रखना होगा। जिसमें मुख्य काम अभी मार्गों को फाइनल करने से जुड़ा है। इन मार्गों में बदलाव भी संभव है, लेकिन यह बात का विषय है। इसके अलावा स्टापेज, बस फ्रीक्वेंसी, आईटी प्लेटफार्म का सुचारू संचालन, साधारण एवं ग्रामीण मार्गों पर बस स्टॉप, चार्जिंग स्टेशन के निर्माण संबंधी सुझाव। बस ऑपरेटरों के साथ समन्वय करना के काम भी अहम होंगे।
परिवहन कंपनियों के गठन की प्रक्रिया शुरू
जानकारी के अनुसार लोक परिवहन सेवाओं को जमीन पर उतारने से जुड़े पहले चरण के सर्वे का काम परिवहन विभाग ने इंदौर व उज्जैन संभाग में लगभग पूरा कर लिया है। अब यहां चिह्नित किए गए मार्गों को फाइनल किया जा रहा है। उधर आठ परिवहन कंपनियों के गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। मांगों पर रिहर्सल पूरी होते व कंपनियों के अस्तित्व में आते ही टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। प्रयास है कि बारिश से पहले इंदौर व उज्जैन जिले की सड़कों पर लोक परिवहन सेवाओं से अनुबंधित यात्री बसें दौड़ने लगें। वहीं बसों के रूट को चिह्नित करने के लिए अगले चरण के सर्वे का काम जबलपुर व सागर संभागों के जिलों में शुरू होगा। यह मई के अंत तक शुरू हो जाएगा। इसके लिए एजेंसी तय कर दी है। इन संभागों में सर्वे का फोकस सबसे पहले परिवहन सेवा विहीन क्षेत्रों पर होगा।