रोजगार न मिलने से युवाओं का हो रहा पलायन युवा विनय पांडे ने उठाई आवाज
मंगलभारत/सीधी।
गांव में रोजगार नहीं मिलने से पलायन का सिलसिला लगातार जारी है, युवा रोजी-रोटी की तलाश में अपना परिवार, गांव, घर, खेत-खलिहान छोड़कर शहरों की ओर रुख कर रहे हैं, जनप्रतिनिधि भले ही इस कड़वी सच्चाई को न स्वीकार करें, लेकिन रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर ग्रामीणों की भीड़ से देखी जा सकती है, कृषि कार्य करके अपने परिवार का भरण पोषण करने वाले किसान निराश हैं, बार-बार प्राकृतिक आपदाओं में कभी सूखा, कभी अतिवृष्टि से फसलें तबाह होने का जो क्रम बना है, उससे पलायन का सिलसिला और जोरों से बढ़ गया है, रीवा एवं सतना रेलवे स्टेशन से प्रतिदिन सैकड़ो परिवार काम की तलाश में मुंबई, दिल्ली, गुजरात , सूरत, सिकंदराबाद, कर्नाटक, पुणे के लिए पलायन कर रहे हैं, खड्डी अंचल के युवा समाजसेवी विनय पांडेय अंकुश मोहनी ने बताया कि हमारा सीधी जिला खनिज संपदा से भरा है, फिर भी रोजगार के अभाव में यहां के युवा दूसरे जगह पलायन करने को विवश हैं।
*सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलने का भी लगाया आरोप*
श्री पांडेय ने कहा कि गांवों से पलायन रोकने के लिए मनरेगा में भागीदार बनाने के तहत लागू कई योजनाएं भी ग्रामीणों को गांव में काम नहीं दिला पायी हैं, जहां भी काम हुए, वहां मानव श्रम की बजाय मशीनों से काम कराये गये, जिससे स्थिति और बिगड़ती चली गई, प्रवासी मजदूरों के हित में कार्य कर रहे युवा समाजसेवी विनय पांडेय अंकुश मोहनी ने कहा कि चुनाव आते ही क्षेत्र में राजनीतिक दलों के नेता बड़े-बड़े वादे कर वोट मांगते हैं. जीतने के बाद कोई नहीं सोचता है, यहां युवाओं को रोजी-रोटी की जुगाड़ के लिए दूसरे प्रदेशों में पलायन करना पड़ता है।
बलराम पांडेय. मनीष द्विवेदी
सलाहकार सम्पादक. प्रबंध सम्पादक