प्रदेश सरकार और उसके मुखिया द्वारा लगातार किए जाने वाले भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टालरेंस के दावों की पोल आयकर व लोकायुक्त पुलिस की कार्रवाही से खुल जाती है। सरकार के पास बीते कई सालों से लोकायुक्त के करीब ढाई सौ प्रकरण अभियोजन स्वीकृतिके लिए लंबित हैं। सरकार को ऐसे मामलों में साफ्टकॉर्नर होने की वजह से भ्रष्टाचार पर लगाम नहीं लग पा रही है, फलस्वरुप आयकर विभाग को अधिक सक्रियता दिखानी पड़ रही है। आयकर विभाग द्वारा बीते कुछ सालों में की गई कार्रवाही में ब्यूरोक्रेट्स, नेता और व्यवसायियों का ऐसा गठजोड़ सामने आया है जिन्होंने बेहिसाब बेनामी संपत्तियां बनाई हैं। आयकर ने अब इनकी संपत्ति कुर्क करनी शुरू कर दी है। विभाग ने पूरे देश में 4300 करोड़ रुपए की 1500 बेनामी प्रॉपर्टी जब्त की है। ये जब्ती नए बेनामी कानून होने के डेढ़ साल के भीतर हुई है। लिस्ट में भोपाल 190 प्रॉपर्टी के साथ तीसरे स्थान पर है। मप्र के नौकरशाहों के करीब 22000 करोड़ की बेनामी संपत्ति दबाकर रखी है। आयकर विभाग ने अपनी अभी तक की पड़ताल में हजारों करोड़ की संपत्ति का पता लगा लिया है। आयकर विभाग की रडार पर गोल्ड डीलर्स, बैंकर्स, हवाला ऑपरेटर, सरकारी अधिकारी और राजनेता हैं। दरअसल, प्रदेश में बेनामी संपत्ति बनाने वाले शख्स ज्यादातर आईएएस अफसर और कारोबारी है। सभी के खिलाफ बेनामी ट्रांजेक्शन एंड प्रोहिवेशन अमेंडमेंट एक्ट 2016 के तहत कार्रवाई की जाने की तैयारी है। इस कार्रवाई में दोषी पाए गए शख्स के खिलाफ धारा 53 के तहत जुर्माने के अलावा एक से सात साल की सजा का प्रावधान है।
बेनाती संपत्ति के मामले में मप्र-छग सबसे आगे
बेनामी संपत्तियों की पड़ताल छत्तीसगढ़ में रायपुर, रायगढ़ और मप्र के भोपाल, कटनी, ग्वालियर, पन्ना, जबलपुर और सतना में गई थी। कुछ लोगों की संपत्ति के दस्तावेज हरियाणा के फरीदाबाद जिले के पाए गए थे। जांच के बाद यह संपत्ति भी बेनामी पाई गई। देश में सर्वाधिक बेनामी संपत्ति छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में चिन्हित की गई है। इसमें इन दोनों ही राज्य का आंकड़ा 325 है। इन संपत्तियों की मौजूदा सरकारी कीमत ढाई सौ करोड़ के लगभग आंकी गई है। जबकि इसका बाजार भाव कहीं ज्यादा हो सकता है।
ड्राइवर के नाम पौने आठ करोड़ की संपत्ति
आयकर विभाग की जांच में एक ड्राइवर बेनामीदार निकला। उसके पास 7.7 करोड़ रुपए की जमीन थी। मध्यप्रदेश की लिस्टेड कंपनी के प्रमुख इसके असली मालिक थे। विभाग के मुताबिक, बेनामी संपत्तियों या फिर कालेधन को निवेश करने वालों में संयुक्त मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के सीनियर आईएएस अधिकारी अरविंद जोशी, एसए खान और सेवकराम भारती का नाम आयकर विभाग की सूची में सबसे ऊपर है। जबकि कारोबारियों में नितिन अग्रवाल, मनीष हेमलता सरावगी, सुशील वासवानी, सुरभी गु्रप के संतोष रामतानी, भाटिया एनर्जी, पवन अहूलवालिया, एमवाय चौधरी का नाम है। पवन सरैया नामक टेक्नोके्रेट के पास भी करोड़ की बेनामी संपत्ति बरामद हुई है।
कई और नामों को खुलासा जल्द
आयकर विभाग में मुताबिक, धीरू गौर नामक एक काल्पनिक शख्स के नाम से भी करोड़ों का निवेश किया गया है। यह संपत्ति भी अटैच की जाएगी। बताया जा रहा है कि ब्लैकमनी के जरिए अवैध संपत्ति अर्जित करने वालों की यह पहली खेप है। दोनों राज्यों में पंद्रह सौ से ज्यादा ऐसे आईएएस, आईपीएस अधिकारी, व्यापारी और उद्योगपति और राजनेता है। जिन्होंने भी दूसरे के नाम पर करोड़ों की संपत्ति खरीदी है। ऐसे लोगों के पड़ताल अंतिम चरण में है। जल्द ही उनका भी खुलासा होगा। यह भी बताया जा रहा है कि कुछ विशेष प्रकरणों में ईडी को भी शामिल किया जाएगा। ताकि विभिन्न मध्यमों से देश से बाहर किए गए निवेश की हकीकत सामने आ सके।
कहां कितनी कुर्क की गई संपत्तियां
शहर कुर्क संपत्तियां
जयपुर 202
मुंबई 200
भोपाल 190
कोलकाता 144
चंडीगढ़ 110
हैदराबाद 100
बेंगलूरू 90
चेन्नई 90
दिल्ली 90
पुणे 90
अहमदाबाद 89
लखनऊ 50
कोच्चि 40
पटना 30
कुल 1515