प्रशासन द्वारा आईएएस अफसर रश्मि शुक्ला को बांड का पैसा न भरने की छूट देने के प्रयास एक बार फिर से शुरु कर दिए गए हैं। वैसे तो बांड की यह रकम एक करोड़ रुपए से अधिक होती है, लेकिन अफसरों ने यह रकम महज 34 लाख रुपए ही बताई है। इसके लिए पहले भी दो बार प्रस्ताव मुख्यमंत्री के पास भेजा जा चुका है, जिसे हर बार मुख्यमंत्री के स्तर से लौटा दिया गया है। इसके बाद अफसरों द्वारा इस प्रस्ताव को कैबिनेट में ले जाने की तैयारी की गई, लेकिन मामला कितनी राशि माफ की जाए को लेकर अटक गया। रश्मि ने पूरे 34 लाख रुपए माफ करने के लिए आवेदन किया है। दरअसल रश्मि सरकार के खर्च पर एडवांस प्रोफेशनल प्रोग्राम इन पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन (एप्पा) से ट्रेनिंग लेने गई थी। उन्होंने बांड भरा था कि ट्रेनिंग के बाद पांच साल तक अनिवार्य रूप से नौकरी करेंगी , लेकिन उन्होंने 30 अप्रैल 2017 को मां की बीमारी का हवाला देकर स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति मांगी थी। पैसा भरने की शर्त पर उन्होंने अपनी मंजूरी दी थी। इस आधार पर सरकार ने 31 मई को वीआरएस आवेदन मंजूर करते हुए उन पर 3464170 में रुपए की रिकवरी निकाली थी।
एक करोड़ की जगह 34 लाख की रिकवरी
सरकार ने रश्मि पर एक करोड़ की जगह मात्र 34 लाख रुपए की रिकवरी निकाली है। बांड पांच साल की अनिवार्य सेवा का है। सरकार ने रिकवरी में मात्र ट्रेनिंग का अवधि वेतन और खर्च शामिल किया। जबकि पांच साल तक की सेवा का वेतन शामिल किया जाना चाहिए था। अगर इस अवधि का वेतन भी इसमेें शामिल किया जाता तो यह रकम एक करोड़ रुपए से अधिक होती।