अगले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के दिग्गजों को पराजित करने के लिए भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व ने अभी से रणनीति बनाने का काम शुरु कर दिया है। इसके तहत भाजपा ने कांग्रेस दिग्गजों को उनके ही गढ़ में सीमित करने की योजना तैयार की है। इसके लिए पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने देशभर की उन 400 लोकसभा सीटों को चिहिन्त किया है जो अगले चुनाव में पार्टी के लिए चुनौती वाली हो सकती हैं। इनमें वे सीटें भी शामिल हैं जो अब तक पार्टी की पहुंच से दूर हैं। इनमें मध्यप्रदेश में कमलनाथ की छिंदवाड़ा, ज्योतिरादित्य सिंधिया की गुना और कांतिलाल भूरिया की झाबुआ सीट शामिल हैं। कांगे्रस की इन अजेय सीटों पर जीत दर्ज करने के लिए शाह ने नई रणनीति बनाई है। इसके तहत हर घर पर एक कार्यकर्ता तैनात किया जाएगा जिसे भाजपा का सिपाही कहा जा रहा है।
यह है शाह की रणनीति
प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों पर 65 हजार पोलिंग बूथ हैं। एक सीट पर करीब 2300 बूथ होते हैं। जिनमें करीब 3.5 लाख घर होते हैं। एक घर में औसतन तीन से पांच सदस्य माने जाते हैं। इस तरह प्रदेश की उक्त तीनों लोकसभा सीट पर 6900 पोलिंग बूथ हैं। जिनमें 10.35 लाख घर हैं। इन सभी घरों पर एक-एक कार्यकर्ता को प्रभार दिया जाएगा। कार्यकर्ता उनके पक्ष में मतदान करने के लिए प्रेरित करेगा। उनको वोटिंग कराने भी ले जाएगा। सदस्य यदि दूसरे शहर में काम करते हैं तो पोलिंग बूथ तक ले जाकर मतदान सुनिश्चित कराएगा।
अभी तक यह कर चुकी भाजपा
अभी तक बूथ टोली, पन्ना प्रमुख और अर्ध पन्ना प्रमुख थे लेकिन अब एक घर पर एक कार्यकर्ता को तैनात करने की तैयारी की जा रही है। प्रदेश की उन सीटों पर जीत के लिए भाजपा पहले तीन सांसदों को जिम्मेदारी दे चुकी है। उसके बाद उप्र के मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह को यहां पर जीत की रणनीति बनाने के लिए लगाया गया था।